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कबड्डी न्यूज

PKL 9: मनिंदर सिंह के जबरदस्त परफॉर्मेंस के बावजूद बंगाल वॉरियर्स ने किया निराश

Published at :December 22, 2022 at 3:17 AM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


टीम इस सीजन 11वें पायदान पर रही।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के 9वें सीजन में बंगाल वॉरियर्स का परफॉर्मेंस काफी खराब रहा। टीम इस सीजन 22 में से केवल 8 मुकाबले ही जीत पाई और 11 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जबकि 3 मुकाबले टाई पर समाप्त हुए। आखिरी पांच मैचों में चार हार मिलने की वजह से बंगाल वॉरियर्स प्लेऑफ में भी क्वालीफाई नहीं कर पाई। टीम के लिए कप्तान मनिंदर सिंह ने तो बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें बाकी प्लेयर्स का साथ नहीं मिला और इसी वजह से टीम ने काफी निराश किया। आइए जानत हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने बंगाल वॉरियर्स के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।

टॉप परफॉर्मर

1.मनिंदर सिंह

बंगाल वॉरियर्स के लिए कप्तान मनिंदर सिंह ने एक बार फिर बेहतरीन प्रदर्शन किया। वो इस सीजन पांचवें सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले प्लेयर रहे। मनिंदर सिंह ने अपनी टीम के लिए 21 मैच खेले और 238 रेड प्वॉइंट हासिल किए। बंगाल वॉरियर्स की टीम भले ही इस सीजन 11वें पायदान पर रही लेकिन मनिंदर सिंह ने अपनी तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। हर एक मुकाबले में वो अपनी टीम के लिए अकेले लड़ते रहे और कई मैचों में अपने दम पर जीत दिलाई।

2.श्रीकांत जाधव

बंगाल वॉरियर्स के लिए दूसरे सबसे सफल रेडर श्रीकांत जाधव रहे। उन्होंने इस सीजन 21 मैच खेले और 123 रेड प्वॉइंट हासिल किए। श्रीकांत जाधव ने कई मैचों में मेन रेडर मनिंदर सिंह का अच्छा साथ दिया। वहीं कई मुकाबले ऐसे भी रहे जिसमें वो मेन रेडर की भूमिका में रहे और टीम को जीत दिलाई। श्रीकांत जाधव के पास काफी एक्सपीरियंस है और उन्होंने उसका पूरा फायदा उठाया।

3.गिरीश एर्नाक

गिरीश एर्नाक ने इस पीकेएल सीजन 18 मैचों में 51 प्वॉइंट हासिल किए और ओवरऑल टैकल प्वॉइंट के मामले में 15वें पायदान पर रहे। कई मैच तो ऐसे रहे जिसमें उन्होंने प्वॉइंट्स की झड़ी लगा दी। उन्होंने चार हाई फाइव लगाए और बॉडी ब्लॉक के जरिए कई बेहतरीन रेडर्स को रोका।

4.शुभम शिंदे

सीजन-7 की चैंपियन के पास इस सीजन कई बेहतरीन डिफेंडर थे, जिसमें गिरीश एर्नाक जैसे दिग्गज भी मौजूद थे। हालांकि राइट कॉर्नर डिफेंडर शुभम शिंदे ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। उन्होंने 20 मैचों में 43 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और बंगाल वॉरियर्स के लिए इस सीजन सफल खिलाड़ियों में से एक रहे। उन्होंने एक हाई-फाइव इस दौरान लगाया। हालांकि उन्हें बाकी डिफेंडर्स का साथ नहीं मिला।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश

1.दीपक हूडा

दीपक हूडा ना केवल पीकेएल बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी काफी बड़े खिलाड़ी हैं। वो जब भी मैट पर उतरते हैं तो उनसे काफी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है। हालांकि पिछले कुछ सीजन से वो वैसा खेल नहीं दिखा पाए हैं और इस सीजन भी उन्होंने निराश किया। उन्हें 17 मैचों में खेलने का मौका मिला लेकिन वो महज 47 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। शायद यही वजह रही कि बंगाल की टीम इस सीजन 11वें पायदान पर रही क्योंकि दीपक हूडा जैसा प्लेयर अपनी क्षमता के हिसाब से नहीं खेल पाया।

2.सुरेंदर नाडा

सुरेंदर नाडा ने पिछले सीजन हरियाणा स्टीलर्स की तरफ से खेलते हुए बेहतरीन वापसी की थी। हालांकि इस सीजन उनका परफॉर्मेंस वैसा नहीं रहा। नाडा ने इस सीजन काफी निराश किया। लेफ्ट कॉर्नर पर उन्होंने 10 मैच खेले जिसमें से 11 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। नाडा जैसे प्लेयर से इससे बेहतर की उम्मीद की जाती है।

टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस

बंगाल वॉरियर्स ने इस सीजन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन पटना पाइरेट्स के खिलाफ मैच में किया। पटना की टीम को उन्होंने 28 प्वॉइंट के बड़े अंतर से हराया। इस मैच में टीम के हर एक खिलाड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। मनिंदर सिंह ने 12 और श्रीकांत जाधव ने 9 प्वॉइंट हासिल किए। वैभव गरजे और शुभम शिंदे ने चार-चार प्वॉइंट हासिल किए।

कोच का रिपोर्ट कार्ड

के भास्करन इस पीकेएल सीजन बंगाल वॉरियर्स के कप्तान थे। भास्करन इससे पहले जयपुर पिंक पैंथर्स की कोचिंग कर चुके थे और उनकी कोचिंग में ही टीम ने पहले सीजन का टाइटल जीता था। उस टीम में मनिंदर सिंह भी थे। हालांकि के भास्करन इस बार उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाए। कई मैचों में प्लेइंग सेवन से लेकर सब्सीट्यूट तक में उनसे गलतियां हुईं। दीपक हूडा को उन्होंने लगातार मौके दिए जबकि वो उतना अच्छा परफॉर्मेंस नहीं कर पाए थे। उनकी जगह दूसरे प्लेयर को आजमाया जा सकता था।

बंगाल वॉरियर्स को सीजन से क्या सीख मिली ?

बंगाल वॉरियर्स के लिए सबसे बड़ी सीख ये रही कि किसी एक प्लेयर के दम पर आप टूर्नामेंट नहीं जीत सकते हैं। उसके लिए लगातार सभी खिलाड़ियों को बेहतर करना होगा। टीम इस टूर्नामेंट से आगे यही सीख लेकर जाएगी कि वो सिर्फ बड़े नाम के ऊपर ना जाएं और ऐसे खिलाड़ियों का चयन करें जो फॉर्म में हों।

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