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कबड्डी न्यूज

पीकेएल 9: नए कोच की अगुवाई में भी नहीं बदली गुजरात जायंट्स की किस्मत

Published at :December 26, 2022 at 4:33 AM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


टीम इस सीजन प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाई।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के 9 वें सीजन में गुजरात जायंट्स की टीम काफी बदली-बदली नजर आ रही थी। टीम ने सीजन के आगाज से पहले काफी बड़ा बदलाव किया था। टीम को दो बार फाइनल में पहुंचाने वाले मनप्रीत सिंह को हटाकर राम मेहर सिंह को कोच नियुक्त किया गया था। राम मेहर सिंह इससे पहले पटना की टीम को चैंपियन बना चुके थे और इसी वजह से उम्मीद लगाई जा रही थी कि उनके आने से गुजरात जायंट्स की भी किस्मत बदलेगी और वो चैंपियन बनेंगे।

हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। टीम 22 में से सिर्फ 9 मुकाबले ही जीत पाई और 11 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और टीम प्वॉइंट्स टेबल में आठवें पायदान पर रही। आखिरी पांच में से चार मुकाबलों में जीत के बावजूद गुजरात प्लेऑफ में नहीं जगह बना पाई और उन्हें एक और सीजन निराश होना पड़ा। आइए जानते हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने गुजरात जायंट्स के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।

टॉप परफॉर्मर

प्रतीक दहिया

प्रो कबड्डी लीग के 9वें सीजन में गुजरात जायंट्स के लिए सबसे बेहतरीन प्रदर्शन युवा ऑलराउंडर खिलाड़ी प्रतीक दहिया ने किया। टीम के मेन रेडर्स नहीं चल पा रहे थे और ऐसे में प्रतीक दहिया को कोच राम मेहर सिंह ने मौका दिया और वो टीम की उम्मीदों पर खरा उतरे। प्रतीक दहिया को 19 मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 183 प्वॉइंट हासिल किए और टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले प्लेयर रहे। कई मुकाबलों में टीम की जीत में उनका योगदान सबसे ज्यादा रहा।

राकेश

टीम के एक और प्रमुख रेडर राकेश से जितनी उम्मीद लगाई गई थी वैसा प्रदर्शन तो वो इस सीजन नहीं कर पाए लेकिन इसके बावजूद 17 मैचों में 133 प्वॉइंट लाकर उन्होंने प्रतीक दहिया को काफी अच्छी तरह से असिस्ट किया। राकेश ने पिछले सीजन काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया था लेकिन इस सीजन वो उसे दोहरा नहीं सके। हालांकि जितने प्वॉइंट उन्होंने हासिल किए वो आंकड़े बुरे नहीं कहे जा सकते हैं। सबसे ज्यादा प्वॉइंट के मामले में वो ओवरऑल 21वें पायदान पर रहे।

रिंकू नरवाल

गुजरात जायंट्स की टीम में पीकेएल के 9 वे सीजन में डिफेंस में केवल रिंकू नरवाल ने ही प्रभावित किया। 20 मैचों में उन्होंने 38 प्वॉइंट हासिल किए लेकिन बाकी डिफेंडर्स से उन्हें किसी तरह का कोई सपोर्ट नहीं मिला। रिंकू नरवाल को दूसरे छोर से किसी का साथ नहीं मिला और अपने मोर्चे पर वो अकेले पड़ गए। वो इस सीजन टीम के तीसरे सबसे बेस्ट परफॉर्मर रहे।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश

चंद्रन रंजीत

चंद्रन रंजीत को इस पीकेएल सीजन 9 गुजरात जायंट्स का कप्तान बनाया गया था लेकिन वो बिल्कुल भी कप्तान की तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाए। एक कप्तान को आगे बढ़कर सबसे अच्छा प्रदर्शन करना होता है और चंद्रन रंजीत के पास तो अनुभव भी काफी था। हालांकि उनका परफॉर्मेंस वैसा नहीं रहा। उन्होंने कुल 17 मैच खेले और सिर्फ 99 प्वॉइंट ही ला पाए। उनका औसत छह से भी कम का रहा।

संदीप कंडोला

संदीप कंडोला पीकेएल इतिहास के दिग्गज डिफेंडर्स में से एक माने जाते हैं। जब भी किसी टीम की तरफ से वो खेलते हैं तो उनसे उम्मीदें काफी ज्यादा रहती हैं। हालांकि संदीप कंडोला का जादू इस सीजन बिल्कुल नहीं चल पाया और 14 मैचों में वो छह ही टैकल प्वॉइंट हासिल कर पाए और बुरी तरह फ्लॉप रहे। गुजरात जायंट्स की नाकामी का एक कारण ये भी रहा।

महेंद्र राजपूत

महेंद्र राजपूत काफी अच्छे रेडर माने जाते हैं और कई टीमों की तरफ से वो खेल चुके हैं। हालांकि इस सीजन गुजरात के लिए वो कुछ खास नहीं कर पाए। महेंद्र ने 15 मुकाबले खेले और इस दौरान 54 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। इक्का-दुक्का मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन करके उन्होंने टीम को जरूर जीत दिलाई लेकिन बाकी मुकाबले उनके लिए काफी साधारण साबित हुए।

टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस

गुजरात जायंट्स ने इस सीजन कई मुकाबलों में जबरदस्त प्रदर्शन किया। हालांकि एक मैच ऐसा रहा जिसमें उनका सबसे बेस्ट परफॉर्मेंस निकलकर सामने आया। उन्होंने बेंगलुरू बुल्स की टीम को 46-44 के अंतर से हराया। बेंगलुरू की टीम जबरदस्त फॉर्म में चल रही थी लेकिन गुजरात जायंट्स ने उनके जीत के सिलसिले को रोक दिया। प्रतीक दहिया और रिंकू नरवाल का परफॉर्मेंस इस मुकाबले में काफी अच्छा रहा।

कोच का रिपोर्ट कार्ड

गुजरात जायंट्स ने इस सीजन के लिए राम मेहर सिंह को कोच नियुक्त किया था जिनके पास काफी एक्सपीरियंस है। कोच के तौर पर उनका प्रदर्शन मिला-जुला रहा। उन्होंने प्रतीक दहिया जैसे ऑलराउंडर को मौका दिया जो काफी बेहतरीन फैसला साबित हुआ और वो टीम के सबसे सफल खिलाड़ी रहे लेकिन बलदेव सिंह जैसे डिफेंडर को लगातार मौके नहीं दिए। बलदेव को 8 मैचों में उन्होंने खिलाया लेकिन और भी मैचों में उन्हें मौका दिया जा सकता है क्योंकि वो एक अनुभवी डिफेंडर हैं।

गुजरात जायंट्स को सीजन से क्या सीख मिली ?

जायंट्स के पास इस पीकेएल सीजन 9 एक एक्स फैक्टर की कमी दिखी। अगर आपको टाइटल जीतना है तो फिर एक्स फैक्टर का होना जरूरी है और वो गुजरात के अंदर कमी दिखी। टीम को अगले सीजन कुछ ऐसे प्लेयर लाने होंगे जो इस कमी को पूरा कर सकें।

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