नए कोच की अगुवाई में पटना पाइरेट्स ने किया निराश, भुलाने वाला रहा पीकेएल का 9वां सीजन
(Courtesy : PKL)
तीन बार की चैंपियन टीम इस सीजन को जल्द से जल्द भुलाना चाहेगी।
प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के 9वें सीजन का आगाज जब हुआ था तब पटना पाइरेट्स की टीम से काफी उम्मीदें थीं। पिछले सीजन टीम फाइनल में पहुंची थी और आखिरी लम्हों में जाकर वो दबंग दिल्ली से हार गए थे। इस बार भी टीम के कोर खिलाड़ी वही थे केवल कोच बदल गए थे। राम मेहर सिंह की जगह रवि शेट्टी को कोच नियुक्त किया गया था लेकिन टीम का प्रदर्शन पिछले सीजन जैसा बिल्कुल भी नहीं रहा। पटना की टीम इस सीजन 22 में से सिर्फ 8 ही मुकाबले जीत पाई और 11 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, वहीं तीन मैच उन्होंने टाई खेले। आइए जानते हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने पटना पाइरेट्स के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।
टॉप परफॉर्मर
1.मोहम्मदरेजा चियानेह
मोहम्मदरेजा चियानेह ने जबसे अपना पीकेएल डेब्यू किया है वो रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाते जा रहे हैं। पिछले सीजन की फाइनलिस्ट पटना पाइरेट्स की टीम भले ही इस सीजन वैसा परफॉर्मेंस नहीं दोहरा पाई लेकिन मोहम्मदरेजा ने अपने प्रदर्शन को जरूर रिपीट किया। उन्होंने पिछले सीजन 89 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे और इस सीजन भी 84 प्वॉइंट हासिल किए और सीजन के दूसरे सबसे बेस्ट डिफेंडर साबित हुए। इस सीजन उन्होंने एक ही मैच में 19 प्वॉइंट हासिल कर नया कीर्तिमान बना दिया।
2.सचिन तंवर
सचिन तंवर के लिए ये सीजन उतना अच्छा नहीं रहा जितना बेहतर उन्होंने पिछले सीजन किया था लेकिन इसके बावजूद वो टीम की तरफ से सबसे ज्यादा प्वॉइंट लेने वाले रेडर रहे। सचिन तंवर ने इस सीजन 20 मैचों में 176 प्वॉइंट हासिल किए और सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट के मामले में 8वें पायदान पर रहे। खास बात ये रही कि डू और डाई में वो सबसे ज्यादा प्वॉइंट लाने वाले रेडर इस सीजन के साबित हुए। सचिन तंवर ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की लेकिन इसके बावजूद पटना की टीम ने निराश किया।
3.रोहित गूलिया
एक ऑलराउंडर के तौर पर रोहिल गूलिया से काफी ज्यादा उम्मीदें थीं। वो एक ऐसे प्लेयर हैं जो अहम मौकों पर प्वॉइंट लाने में माहिर हैं और असिस्ट रेडर की भूमिका काफी अच्छी तरह से निभाते हैं। इस सीजन उनका परफॉर्मेंस बहुत ज्यादा अच्छा तो नहीं रहा लेकिन 19 मैचों में 148 प्वॉइंट बुरे भी नहीं कहे जा सकते हैं। एक असिस्ट रेडर का जो काम होता है उन्होंने उसे अच्छी तरह से किया।
इन खिलाड़ियों ने किया निराश
1. सुनील
पटना पाइरेट्स के डिफेंस ने इस सीजन काफी निराश किया। उनके पास कई दिग्गज डिफेंडर थे लेकिन मोहम्मदरेजा शार्दलु के अलावा किसी और डिफेंडर का परफॉर्मेंस उतना अच्छा नहीं रहा। राइट कॉर्नर डिफेंडर सुनील से भी काफी उम्मीदें थीं लेकिन वो वैसा खेल नहीं दिखा पाए। 22 मैचों में सुनील ने महज 42 प्वॉइंट ही लिए। उनका औसत दो से भी कम का रहा और इसी वजह से पटना की टीम संघर्ष करती हुई नजर आई।
2.नीरज
नीरज कुमार इस सीजन पटना पाइरेट्स के कप्तान थे लेकिन वो आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व नहीं कर पाए। 21 मैचों में महज 29 प्वॉइंट ही वो हासिल कर पाए। पिछले सीजन उन्होंने डिफेंस में काफी प्वॉइंट लिए थे लेकिन इस बार वो अपने परफॉर्मेंस को दोहरा नहीं पाए और इसी वजह से पटना की टीम डिफेंस में संघर्ष करती हुई नजर आई। वो शार्दलू को उस तरह से सपोर्ट नहीं दे पाए।
3.साजिन सी
साजिन सी का परफॉर्मेंस भी अच्छा नहीं रहा। वो टीम के टॉप प्लेयर्स में एक हैं लेकिन 9वें सीजन के दौरान बुरी तरह से फ्लॉप रहे। साजिन सी 13 मैचों में महज 10 ही प्वॉइंट हासिल कर पाए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो कितने खराब फॉर्म में थे और इसी वजह से इन्हें 10 ही मैचों में खेलने का मौका मिला। अगर साजिन सी भी बेहतर खेल दिखाते तो पटना की स्थिति कुछ और हो सकती थी।
टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस
पटना पाइरेट्स का सबसे बेस्ट परफॉर्मेंस इस सीजन उनके आखिरी लीग मैच के दौरान आया। उन्होंने बंगाल वॉरियर्स को 11 प्वॉइंट के अंतर से अपने आखिरी मुकाबले में हराया। इससे पहले बंगाल वॉरियर्स ने भी पटना को बड़े अंतर से हराया था लेकिन उन्होंने इसका बदला अपने आखिरी मैच में ले लिया।
कोच का रिपोर्ट कार्ड
राम मेहर सिंह इससे पहले तक पटना पाइरेट्स को चैंपियन बना चुके थे लेकिन इस सीजन के आगाज से पहले उन्होंने गुजरात जायंट्स का दामन थाम लिया और उनकी जगह रवि शेट्टी को टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया। हालांकि रवि शेट्टी उस तरह का कारनामा नहीं कर पाए। इससे पहले वो यू-मुम्बा, जयपुर पिंक पैंथर्स और पुनेरी पलटन के लिए कोचिंग कर चुके थे लेकिन इस बार उनकी रणनीति में काफी कमी दिखी और वो उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए।
पटना पाइरेट्स को सीजन से क्या सीख मिली ?
पटना पाइरेट्स के लिए सबसे बड़ी सीख ये है कि आप किसी एक डिपार्टमेंट में या सिर्फ एक प्लेयर के ऊपर डिपेंड रहकर नहीं जीत सकते हैं। चियानेह ने अकेले डिफेंस में बेहतर खेल दिखाया लेकिन उसके अलावा बाकी डिफेंडर्स और रेडर्स का परफॉर्मेंस भी उतना अच्छा नहीं रहा।
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