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कबड्डी न्यूज

PKL 9: अनुभवहीनता के कारण प्लेऑफ में भी नहीं पहुंच सकी यू-मुम्बा, कई खिलाड़ी रहे फ्लॉप

Published at :December 27, 2022 at 9:34 PM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


यू-मुम्बा की टीम शुरूआत में अच्छा खेलने के बावजूद बाद में आकर रास्ता भटक गई।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) का 9वां सीजन यू-मुम्बा के लिए उतना अच्छा नहीं रहा। टीम को 22 में से 10 मुकाबलों में जीत मिली और 12 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। प्वॉइंट्स टेबल में टीम 9वें पायदान पर रही। अगर यू-मुम्बा ने दो और मुकाबले जीते होते तो वो प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर जाते। हालांकि अपने आखिरी पांच में से चार मुकाबले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और इसी वजह से टीम प्लेऑफ में भी जगह नहीं बना पाई।

यू-मुम्बा के लिए इस सीजन कुछ पॉजिटिव प्वॉइंट भी निकलकर आए और कुछ निगेटिव प्वॉइंट भी निकलकर सामने आए। टीम एक या दो प्लेयर्स पर ही ज्यादा निर्भर रही। टीम के ज्यादातर खिलाड़ी फ्लॉप रहे और इसी वजह से वो उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाए जिससे टाइटल के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर सकें। आइए जानते हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने यू-मुम्बा के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।

टॉप परफॉर्मर

रिंकू

राइट कॉर्नर में रिंकू इस पीकेएल सीजन यू-मुम्बा के सबसे बेहतरीन डिफेंडर साबित हुए। कह सकते हैं कि इस सीजन अगर किसी प्लेयर ने यू-मुम्बा के लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया तो वो रिंकू ही थे। कई मुकाबले ऐसे रहे जिसमें उन्होंने बेहतरीन टैकल करके टीम की मैच में वापसी कराई। इस सीजन रिंकू ने 19 मैचों में 59 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और इस मामले में ओवरऑल छठे पायदान पर रहे। उन्होंने सात सुपर-टैकल इस सीजन किए और इससे उनकी काबिलियत का पता चलता है।

गुमान सिंह

गुमान सिंह का परफॉर्मेंस इस सीजन रेडिंग में यू-मुम्बा के लिए अच्छा रहा। उनसे जितनी उम्मीद लगाई जा रही थी, भले ही वैसा प्रदर्शन वो ना कर पाए हों लेकिन अपनी टीम के लिए रेडिंग में वो सबसे ज्यादा प्वॉइंट लाने वाले खिलाड़ी रहे। गुमान सिंह ने 18 मैचों में 137 प्वॉइंट हासिल किए और इस सीजन सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट के मामले में 16वें पायदान पर रहे। कुछ मैचों में वो नहीं खेले। हालांकि उन्हें दूसरे छोर से उस तरह का असिस्ट नहीं मिल पाया और शायद यू-मुम्बा की असफलता का यही कारण रहा।

सुरिंदर सिंह

सुरिंदर सिंह इस सीजन यू-मुम्बा के कप्तान थे। हालांकि इंजरी की वजह से वो ज्यादा मैच नहीं खेल पाए। उन्होंने केवल 12 मैच ही खेले लेकिन इस दौरान 35 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और दिखाया कि उनके अंदर कितना दमखम है। सुरिंदर सिंह ने जिस तरह का फॉर्म दिखाया अगर वो सारे मुकाबलों में खेलते तो शायद टॉप-5 डिफेंडर्स की लिस्ट में भी आ सकते थे। 12 मैचों में 35 प्वॉइंट ये दिखाता है कि उनका औसत कितना शानदार रहा।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश

मोहित

राइट कॉर्नर में जहां रिंकू ने यू-मुम्बा के लिए बेहतरीन खेल दिखाया तो लेफ्ट कॉर्नर में मोहित उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने 20 मैचों में 44 प्वॉइंट हासिल किए। ओवरऑल टैकल प्वॉइंट के मामले में वो 18वें पायदान पर रहे। मोहित अगर लेफ्ट कॉर्नर में और ज्यादा बेहतर खेलते तो यू-मुम्बा की स्थिति अलग हो सकती थी। उनके अंदर निरंतरता की कमी दिखी।

जय भगवान

युवा रेडर जय भगवान से इस सीजन काफी उम्मीदें लगाई गई थीं। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 में उन्होंने काफी प्रभावित किया था और इसी वजह से यू-मुम्बा ने 10 लाख की रकम के साथ उन्हें ऑक्शन में हासिल किया था। हालांकि अपने पहले पीकेएल सीजन में जय भगवान उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाए जितना उनसे उम्मीद थी। उन्होंने 19 मैचों में 75 प्वॉइंट हासिल किए और ओवरऑल 27वें पायदान पर रहे।

हरेंद्र कुमार

लेफ्ट कवर में हरेंद्र कुमार पूरी तरह से असफल रहे। 21 मैचों में 26 टैकल प्वॉइंट ये दिखाता है कि उनका सीजन कितना खराब रहा। यू-मुम्बा को उनसे बेहतर की उम्मीद थी। एक तरफ रिंकू और सुरिंदर सिंह अच्छा कर रहे थे लेकिन हरेंद्र कुमार जैसे प्लेयर्स ने निराश किया।

टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस

यू-मुम्बा ने 9वें सीजन में पटना पाइरेट्स को 13 प्वॉइंट के बड़े अंतर से हराया। इस मुकाबले में टीम के रेडर्स और डिफेंडर्स दोनों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। रेडिंग में गुमान सिंह ने सुपर-10 लगाया औऱ डिफेंस में रिंकू ने चार प्वॉइंट लिए। इसके बाद बंगाल वॉरियर्स के खिलाफ मैच में टीम ने 49 प्वॉइंट हासिल किए। इस मुकाबले में रिंकू ने हाई-फाइव लगाया तो वहीं रेडिंग में गुमान सिंह और आशीष ने सुपर-10 लगाया।

कोच का रिपोर्ट कार्ड

मुम्बा के कोच इस सीजन अनिल छपराना थे और पिछले सीजन में भी वही टीम के कोच थे। पिछले सीजन के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने इस बार ज्यादातर युवा प्लेयर्स पर भरोसा जताया था लेकिन उनकी ये रणनीति उतनी सफल नहीं हो पाई। कुछ एक खिलाड़ी तो काफी बेहतर निकले लेकिन बाकी प्लेयर्स का परफॉर्मेंस वैसा नहीं रहा। इसके अलावा आखिर के कुछ मैचों में वो अपनी टीम को वो पुश नहीं दे पाए जिससे वो प्लेऑफ में जा सकें।

यू-मुम्बा को सीजन से क्या सीख मिली ?

यू-मुम्बा एक समय प्वॉइंट्स टेबल में टॉप-3 में थी और ऐसा लग रहा था कि वो आसानी से प्लेऑफ में जगह बना लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टीम इसके बाद लगातार मुकाबले हारने लगी और फिर रेस से बाहर हो गई। टीम को सीख मिली होगी कि किसी भी टूर्नामेंट को जीतने के लिए आपको लगातार हर एक मैच में अपना 100 प्रतिशत देना होगा। कुछ मैचों ढिलाई से काम खराब हो सकता है।

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