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कबड्डी न्यूज

युवा जोश और अनुभव के कॉम्बिनेशन ने जयपुर पिंक पैंथर्स को बनाया पीकेएल 9 का चैंपियन

Published at :January 10, 2023 at 1:47 AM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


टीम ने दूसरी बार पीकेएल की ट्रॉफी अपने नाम की।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के 9वें सीजन में जयपुर पिंक पैंथर्स की टीम ने इतिहास रच दिया। टीम ने दूसरी बार पीकेएल की ट्रॉफी जीतने का कारनामा किया। पटना पाइरेट्स के बाद जयपुर दूसरी ऐसी टीम बनी जिसने पीकेएल की ट्रॉफी एक से ज्यादा बार जीती हो। जयपुर पिंक पैंथर्स ने सीजन के आगाज से लेकर फाइनल तक लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया। नए कोच और कप्तान की अगुवाई में टीम का माहौल भी पूरी तरह से बदला नजर आया और जयपुर ने काफी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए खिताबी जीत हासिल की। इस दौरान कई खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम की जीत में अपना योगदान दिया। आइए जानते हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने जयपुर पिंक पैंथर्स के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।

टॉप परफॉर्मर

अर्जुन देशवाल

जयपुर पिंक पैंथर्स की खिताबी जीत में अर्जुन देशवाल का काफी बड़ा योगदान रहा। हर एक मैच में उन्होंने टीम के लिए प्वॉइंट लाए। उनका औसत 12.33 का रहा। अर्जुन देशवाल ने पिछले सीजन भी 22 मैचों में 267 प्वॉइंट हासिल किए थे और इस सीजन उससे भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 296 प्वॉइंट हासिल किए। इस सीजन कई मैच तो ऐसे रहे जिसमें उन्होंने 15 या उससे ज्यादा प्वॉइंट लाकर टीम को जीत दिलाई। उन्हें सीजन का बेस्ट रेडर भी चुना गया, जिसके वो पूरी तरह से हकदार हैं। उन्होंने सबसे ज्यादा सुपर-10 भी लगाया।

अंकुश

जब कोई खिलाड़ी अपना डेब्यू करता है तब उससे ज्यादा उम्मीद फैंस को नहीं रहती है। पीकेएल जैसे बड़े टूर्नामेंट के दबाव में कोई भी खिलाड़ी बिखर सकता है। हालांकि अंकुश ने सारी अवधारणाएं गलत साबित कर दी और अपने पहले सीजन में ही वो लीग के बेस्ट डिफेंडर साबित हुए। अंकुश ने कुल 24 मैच खेले और इस दौरान सबसे ज्यादा 89 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और सबसे ज्यादा 9 हाई-फाइव भी लगाए। जयपुर की टीम अगर चैंपियन है तो फिर इसका काफी सारा श्रेय अंकुश को दिया जाना चाहिए। लेफ्ट कॉर्नर में उन्होंने इस सीजन काफी अहम भूमिका निभाई।

सुनील कुमार

सुनील कुमार की अगुवाई में जयपुर पिंक पैंथर्स ने पीकेएल के 9वें सीजन का टाइटल जीता। उन्हें इस सीजन जयपुर ने कप्तानी सौंपी और इस फैसले को उन्होंने सही साबित किया। सुनील कुमार ने ना केवल जबरदस्त कप्तानी की बल्कि उनका खुद का परफॉर्मेंस भी बेहतरीन रहा। उन्होंने 23 मैचों में 64 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और जयपुर को 2014 के बाद दूसरी बार चैंपियन बनाया। जब किसी टीम का कप्तान इतना अच्छा खेल दिखाता है तो बाकी खिलाड़ी भी उससे काफी प्रेरित होते हैं।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश

राहुल चौधरी

राहुल चौधरी पीकेएल इतिहास के बेहतरीन रेडर्स में से एक हैं। हालांकि पिछले कुछ सीजन से उनका परफॉर्मेंस वैसा नहीं रहा है। इस सीजन भी वो उतना अच्छा खेल नहीं दिखा पाए। राहुल चौधरी ने कुल मिलाकर 21 मुकाबले खेले जिसमें 73 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। हालांकि अब उनके नाम पीकेएल ट्रॉफी जरूर दर्ज हो गई है।

भवानी राजपूत

भवानी राजपूत एक होनहार युवा रेडर हैं। उन्हें अक्सर अहम मौकों पर प्वॉइंट लाने के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार वो ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए और 14 मैचों में सिर्फ 36 प्वॉइंट ही हासिल कर सके।

टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस

जयपुर पिंक पैंथर्स ने इस सीजन कई बेहतरीन मुकाबले खेले। ज्यादातर मुकाबलों में उन्होंने जीत हासिल की। उनके दो मैच को हम इस सीजन का सबसे बेहतरीन मैच मान सकते हैं। एक मैच है बेंगलुरू बुल्स के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला जब जयपुर ने एकतरफा 20 प्वॉइंट से जीत हासिल की और बताया कि वो क्यों खिताब जीतने के प्रबल दावेदार हैं। दूसरा मैच उनका फाइनल मैच है जिसमें उन्होंने पुनेरी पलटन को हराकर खिताब जीता। इन दोनों ही मैचों में काफी दबाव था लेकिन पैंथर्स की टीम ने जबरदस्त खेल दिखाया।

कोच का रिपोर्ट कार्ड

जयपुर पिंक पैंथर्स के हेड कोच संजीव बालियान थे। वो भारत के दिग्गज प्लेयर रह चुके हैं और एशियन गेम्स समेत कई इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके थे। कोच के तौर पर उन्हें 10 में से 10 नंबर दिया जा सकता है। जिस तरह से उन्होंने युवा प्लेयर्स और अनुभवी खिलाड़ियों को मिक्स करके टीम बनाई वो काफी सटीक साबित हुई।

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