क्रिकेट के मैदान पर पहली बार इस्तेमाल हुआ फुटबॉल जैसा रेड-कार्ड नियम, CPL में 10 खिलाड़ियों के साथ खेली टीम

CPL में ट्रिनबागो नाइट राइडर्स क्रिकेट मैदान पर लाल कार्ड प्राप्त करने वाली पहली टीम बन गई।
कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) हमेशा से क्रिकेट की दुनिया में नवीनता और उत्साह का मंच रहा है। इस साल, इस लीग ने एक अभूतपूर्व बदलाव पेश किया, जिसने सभी क्रिकेट फैंस को चौंका दिया और दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया, और वो है रेड-कार्ड नियम। फुटबॉल से प्रेरित इस नियम ने सीपीएल में अपनी शुरुआत की, जो काफी सुर्खियों में रही। क्योंकि ट्रिनबागो नाइट राइडर्स (TKR) लीग के इतिहास में लाल कार्ड प्राप्त करने वाली पहली टीम बन गई।
बता दें सीपीएल (CPL) ने धीमी ओवर-रेट की समस्या से निपटने के उद्देश्य से 2023 सीजन में रेड-कार्ड नियम को शामिल किया। पिछले कुछ समय से इस लीग के निर्धारित मैच समय से ज्यादा खींच रहे थे। सीपीएल के मौजूदा टूर्नामेंट के 12वें मैच में यह नियम हमें पहली बार देखने को मिला। ट्रिनबागो नाइट राइडर्स बनाम सेंट किट्स और नेविस पैट्रियट्स के बीच हुए मुकाबले के दौरान अंपायर ने कीरोन पोलार्ड की अगुवाई वाली नाइट राइडर्स को रेड कार्ड दिखाया।
TKR इस नियम की बनी पहली शिकार
ट्रिनबागो नाइट राइडर्स (Trinbago Knight Riders) बनाम सेंट किट्स और नेविस पैट्रियट्स के बीच जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, धीमी ओवर रेट एक बार फिर से बड़ा मुद्दा बनकर उभरा। जिसके बाद 20वें ओवर की शुरुआत में ये देखा गया की ट्रिनबागो नाइट राइडर्स आवश्यक ओवर-रेट से पीछे है। इससे रेड-कार्ड नियम का इस्तेमाल किया गया और अंपायरों ने मैच को बीच में रोककर TKR को लाल कार्ड दिखाया।
कप्तान कीरोन पोलार्ड के पास सुनील नरेन को बाहर भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि उन्होंने 3/24 के आंकड़े के साथ अपने चार ओवरों का स्पैल पूरा कर लिया था। इस नियम के चलते TKR ने अपनी पारी की अंतिम छह गेंदों के लिए एक खिलाड़ी को खो दिया और 11 की जगह 10 खिलाड़ियों के साथ खेली। इसके अलावा, टीम को 30 गज की रेखा के बाहर केवल दो क्षेत्ररक्षक रखने के लिए भी बाध्य किया गया था।
क्रिकेट में रेड कार्ड का नियम क्या है?
रेड-कार्ड नियम, फुटबॉल की दंड प्रणाली के समान, धीमी ओवर-रेट की लगातार समस्या से निपटने के लिए डिजाइन की गई है। नए नियम के मुताबिक, अगर गेंदबाजी करने वाली टीम 20वें ओवर की शुरुआत में जरूरी ओवर-रेट से पीछे रह जाती है तो मैदानी अंपायर गेंदबाजी करने वाली टीम को लाल कार्ड जारी करेगा। जिसके बाद टीम का कप्तान तब एक खिलाड़ी का चयन करता है जिसे पारी की शेष छह गेंदों के लिए मैदान से बाहर जाना होगा। इसके अतिरिक्त, इस नियम के अनुसार क्षेत्ररक्षण में भी टीम को 30-गज के घेरे के बाहर केवल दो क्षेत्ररक्षकों को तैनात करने की अनुमति है।
लाल-कार्ड नियम की शुरुआत ने तुरंत बहस और भावनाओं को भड़का दिया। ट्रिनबागो नाइट राइडर्स की छह विकेट से जीत के बावजूद, कप्तान कीरोन पोलार्ड ने नियम पर अपना असंतोष व्यक्त किया। पोलार्ड ने कहा कि समय के मामूली उल्लंघन के लिए टीम को दंडित करना अन्यायपूर्ण लगता है, क्योंकि इससे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और प्रयास पर पानी फिर सकता है।
उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो, इससे हर किसी खिलाड़ी द्वारा की गई कड़ी मेहनत खत्म हो जाएगी।” “हम प्यादों की तरह हैं और हम वही करेंगे जो हमें बताया जाएगा। “हम जितनी तेजी से खेल सकते हैं खेलेंगे। अगर आपको इस तरह के टूर्नामेंट में 30-45 सेकंड के लिए दंडित किया जाता है, तो यह बिल्कुल हास्यास्पद है।
ट्रिनबागो नाइट राइडर्स (TKR) के रेड-कार्ड प्रकरण को एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में याद किया जाएगा, वहीं इस लीग में आगे से हर एक टीम ओवर रेट को ठीक रखने का प्रयास करते हुए नजर आएंगी। जैसे-जैसे क्रिकेट नवीन नियमों के साथ विकसित हो रहा है, यह देखना बाकी है कि यह अवधारणा खेल की गतिशीलता को कैसे प्रभावित करेगी और क्या इसे दुनिया भर के अन्य प्रारूपों और लीगों में अपनाया जाएगा।
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