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कबड्डी न्यूज

PKL 10 में बेंगलुरु बुल्स के प्रदर्शन पर एक नजर

Sawan has been writing about multiple sports like Kabaddi, Cricket, Badminton and others since 2017.
Published at :March 4, 2024 at 1:56 PM
Modified at :March 4, 2024 at 1:56 PM
PKL 10 में बेंगलुरु बुल्स के प्रदर्शन पर एक नजर

टीम इस बार प्वॉइंट्स टेबल में आठवें पायदान पर रही।

पीकेएल के 10वें सीजन (PKL 10) के दौरान छठे सीजन की चैंपियन बेंगलुरु बुल्स का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा। टीम इस बार प्लेऑफ में भी नहीं पहुंच पाई। बेंगलुरु बुल्स ने छठे सीजन के दौरान पीकेएल का टाइटल जीता था लेकिन उसके बाद से लेकर अभी तक उन्हें दूसरी ट्रॉफी का इंतजार है। बेंगलुरु बुल्स ने पीकेएल 10 के दौरान 22 में से सिर्फ 8 मैच जीते और 12 मुकाबलों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, वहीं दो मैच उनका टाई रहा।

टीम के लिए उनके रेडर्स उस तरह का खेल नहीं दिखा पाए। भरत और विकाश कंडोला से जितनी उम्मीदें लगाई गई थीं, उस पर वो खरा नहीं उतर पाए। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टॉप-15 रेडर्स की लिस्ट में भी इस सीजन बुल्स का कोई रेडर नहीं है। इसी वजह से टीम उतनी सफलता हासिल नहीं कर पाई। आइए जानते हैं कि PKL 10 में किन प्लेयर्स ने बेंगलुरु बुल्स के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।

PKL 10 में टीम के टॉप परफॉर्मर्स

1. सुरजीत सिंह

बेंगलुरु बुल्स के लिए पीकेएल के 10वें सीजन के दौरान टीम के सबसे अनुभवी डिफेंडर सुरजीत सिंह ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। वो टीम के लिए सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट हासिल करने वाले खिलाड़ी रहे। सुरजीत सिंह ने इस सीजन 21 मैचों में 56 टैकल प्वॉइंट हासिल किए। कई सारे मैचों में उन्होंने अकेले ही टीम के लिए परफॉर्म किया और बाकी खिलाड़ियों का साथ उन्हें नहीं मिला। सुरजीत सिंह ने इस सीजन के दौरान अपने 400 टैकल प्वॉइंट भी पूरे किए और ऐसा करने वाले वो पीकेएल इतिहास के सिर्फ दूसरे खिलाड़ी बने।

2. सुशील

भरत और विकाश कंडोला जैसे बड़े रेडर बेंगलुरु बुल्स के लिए फ्लॉप रहे लेकिन युवा रेडर सुशील ने अपने परफॉर्मेंस से काफी प्रभावित किया। उन्होंने इस सीजन 16 मैच खेले और 100 प्वॉइंट हासिल किए। एक युवा रेडर का दिग्गज खिलाड़ियों के बीच इस तरह का प्रदर्शन करना दिखाता है कि उनके अंदर काफी दमखम है। सुशील ने टीम को एक उम्मीद दी है कि अगर उन्हें लगातार मौका मिले तो फिर वो बड़ा रेडर बन सकते हैं।

3. सौरभ नांदल

सौरभ नांदल का प्रदर्शन उतना ज्यादा अच्छा तो नहीं रहा लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कई मैचों में टीम के लिए बेहतरीन प्वॉइंट लिए। उन्होंने 21 मैचों में 49 प्वॉइंट हासिल किए। सुरजीत सिंह के बाद डिफेंस में उनका ही प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों को बाकी डिफेंडर्स का सपोर्ट नहीं मिला।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश

1. भरत

भरत 9वें सीजन के सेकेंड बेस्ट रेडर थे। उन्होंने पिछले सीजन 23 मैचों में 279 प्वॉइंट हासिल किए थे। इसी वजह से उनसे उम्मीदें भी काफी ज्यादा थीं लेकिन वो उन उम्मीदों पर बिल्कुल भी खरा नहीं उतर पाए। भरत ने 10वें सीजन के दौरान 18 मैच खेले और सिर्फ 103 ही प्वॉइंट हासिल किए। इन 18 मैचों के दौरान मात्र 4 ही सुपर-10 भरत लगा पाए। बेंगलुरु बुल्स की टीम प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई और इसका एक बड़ा कारण भरत का फ्लॉप परफॉर्मेंस भी रहा।

2. विकाश कंडोला

विकाश कंडोला पीकेएल के बड़े रेडरों में गिने जाते हैं। उनके पास कई सारे मैचों का अनुभव है लेकिन इस सीजन अपने प्रदर्शन से उन्होंने काफी ज्यादा निराश किया। विकाश 19 मैचों में सिर्फ 68 प्वॉइंट ही हासिल कर सके। इस दौरान वो मात्र एक ही सुपर-10 लगा पाए। इससे पता चलता है कि उनका प्रदर्शन कितना ज्यादा खराब रहा। विकाश कंडोला अगर चलते तो फिर बेंगलुरु बुल्स के आगे जाने के चांस रहते।

3. रण सिंह

रण सिंह रनियां पीकेएल इतिहास के दिग्गज रेडर्स में से एक हैं। उनके पास कई सारे सीजन का अनुभव है लेकिन इस बार बेंगलुरु बुल्स के लिए उनका प्रदर्शन बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा। वो 14 मैचों में केवल 25 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। उनका औसत दो का भी नहीं रहा। सुरजीत सिंह और सौरभ नांदल को डिफेंस में वो बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं दे पाए।

टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस

मैच 78 – तेलुगु टाइटंस vs बेंगलुरु बुल्स

बेंगलुुरु बुल्स ने 10वें सीजन के दौरान अपना बेस्ट प्रदर्शन तेलुगु टाइटंस के खिलाफ किया। टीम ने इस मैच में टाइटंस को 16 प्वॉइंट के अंतर से हराया। सुरजीत सिंह ने डिफेंस में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हाई-फाइव लगाया, जबकि युवा रेडर अक्षित ने रेडिंग में बेहतरीन खेल दिखाते हुए 9 प्वॉइंट लिए। विकाश कंडोला को भी 6 प्वॉइंट मिले।

मैच 132 – हरियाणा स्टीलर्स vs बेंगलुरु बुल्स

ये पीकेएल के 10वें सीजन का आखिरी लीग मैच था। हरियाणा की टीम प्लेऑफ में जा चुकी थी और बेंगलुरु बुल्स बाहर हो चुकी थी। इसी वजह से इस मैच के मायने ज्यादा नहीं थे। हरियाणा ने इस मुकाबले में अपने युवा खिलाड़ियों को उतारा था और इसका फायदा उठाकर बुल्स ने उन्हें 14 प्वॉइंट के अंतर से हरा दिया।

कोच का रिपोर्ट कार्ड

रणधीर सिंह पीकेएल के पहले सीजन से ही टीम के कोच हैं। बुल्स आज जिस मुकाम पर है, उसे वहां तक पहुंचाने में रणधीर सिंह का काफी बड़ा योगदान रहा है। टीम इस सीजन उनकी कोचिंग में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन इसमें रणधीर सिंह की ज्यादा गलती नहीं ठहराई जा सकती है।उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। भरत और विकाश जब नहीं चल रहे थे तो युवा खिलाड़ियों को भी मौका दिया। कई सारे प्लेयर्स को उन्होंने आजमाया लेकिन कोच सिर्फ बाहर से गाइड कर सकता है और खेलना खिलाड़ियों को ही होता है।

बेंगलुरु बुल्स को सीजन से क्या सीख मिली?

बेंगलुरु बुल्स का रेडिंग डिपार्टमेंट इस बार पूरी तरह से फ्लॉप रहा और डिफेंस में भी अकेले सुरजीत सिंह ही चले। ऐसे में टीम के लिए यही सीख है कि वो केवल बड़े खिलाड़ियों पर ही निर्भर ना रहें। उन्हें सुशील और अक्षित जैसे यंग प्लेयर्स पर भरोसा दिखाना होगा, जिन्होंने काफी ज्यादा प्रभावित किया। इसके अलावा ये जरुरी नहीं है कि हर एक रेडर हर सीजन में परफॉर्म करेगा और टीम को ये चीज ध्यान में रखनी होगी।

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Sawan Gupta
Sawan Gupta

Sawan Gupta is a passionate sports enthusiast with a strong interest in cricket, hockey, badminton, and kabaddi. He supports RCB in the IPL and UP Yoddhas in the PKL, and admires PV Sindhu and Virat Kohli. Since 2017, Sawan has been writing sports articles, covering major events like the Pro Kabaddi League, Asian Games, Olympics, and various cricket tournaments.

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