PKL 10 में तमिल थलाइवाज के प्रदर्शन पर एक नजर
पॉइंट्स टेबल में टीम नौवें स्थान पर रही।
तमिल थलाइवाज पीकेएल के दसवें सीजन (PKL 10) के प्लेऑफ में पहुंचने में नाकाम रही। थलाइवाज पिछले सीजन के प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे, जिसमें वो सेमीफाइनल तक पहुंचे थे। इस बार टीम पॉइंट्स टेबल में नौवें स्थान पर रही। उन्होंने दसवें सीजन में कुल 22 मैच खेले, जिनमें से उन्हें 9 जीत मिलीं और 13 बार हार का सामना करना पड़ा।
तमिल थलाइवाज के लिए सीजन का पहला हाफ बेहद निराशाजनक रहा, लेकिन दूसरे हाफ में टीम ने काफी अच्छी वापसी करते हुए लगातार मैच जीते, लेकिन यह प्रदर्शन प्लेऑफ में पहुंचने के लिए नाकाफी साबित हुआ। आखिरी कुछ मुकाबलों के दौरान कप्तान सागर राठी चोटिल हो गए थे, जिसका टीम के कॉम्बिनेशन पर काफी असर पड़ा। इस सीजन सागर राठी और नरेंदर कंडोला जैसे खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। इस आर्टिकल में आइए जानते हैं कि PKL 10 में किन खिलाड़ियों ने तमिल थलाइवाज के लिए अच्छा प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।
PKL 10 में टीम के बेस्ट परफॉर्मर्स
1. सागर राठी
तमिल थलाइवाज के कप्तान सागर राठी ने एक राइट कॉर्नर डिफेंडर की भूमिका को अच्छे से निभाया। उन्होंने PKL 10 में खेले 18 मैचों में 66 टैकल पॉइंट्स हासिल किए और आपको याद दिला दें कि वो चोट लगने से पहले ऑरेंज बैंड की रेस में टॉप-3 में शामिल थे। अगर सागर सभी मुकाबले खेलते तो ना केवल टीम को बेहतर करने में मदद करते बल्कि टॉप डिफेंडर्स की सूची में टॉप पर भी रह सकते थे। वो सीजन में सबसे ज्यादा टैकल पॉइंट्स हासिल करने के मामले में 10वें नंबर पर रहे।
2. नरेंदर कंडोला
नरेंदर कंडोला एक युवा रेडर हैं और उनसे तमिल थलाइवाज को काफी उम्मीदें थीं। उन्होंने सीजन की शुरुआत काफी अच्छी की क्योंकि वो लगातार मैचों में 8 से 10 रेड पॉइंट्स हासिल कर रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता उनके प्रदर्शन में निरंतरता कहीं ना कहीं खोती चली गई। मगर सीजन के दूसरे हाफ में वो दोबारा लय वापस प्राप्त करते हुए टीम के मेन रेडर के रूप में उभर कर सामने आए। उन्होंने सीजन में 21 मैच खेले और 186 रेड पॉइंट्स हासिल किए और सबसे ज्यादा रेड पॉइंट्स हासिल करने के मामले में पांचवें स्थान पर रहे।
3. साहिल गुलिया
जब सीजन में सागर राठी चोटिल हो गए थे, तब साहिल गुलिया को टीम का कप्तान बनाया गया। साहिल ने ना केवल लेफ्ट-कॉर्नर डिफेंडर बल्कि एक कप्तान की भूमिका को भी अच्छे से निभाया। उन्होंने पीकेएल के 10वें सीजन में 22 मैच खेलते हुए कुल 69 टैकल पॉइंट्स हासिल किए और सबसे ज्यादा टैकल पॉइंट्स हासिल करने के मामले में सातवें स्थान पर रहे।
इन खिलाड़ियों ने निराश किया
1. अजिंक्य पवार
अजिंक्य पवार ने जब PKL 10 के अपने पहले ही मैच में 21 पॉइंट्स हासिल किए तो सब चौंक उठे थे। दुर्भाग्यवश पहले मैच में जबरदस्त एनर्जी दिखाने के बाद उनका प्रदर्शन गिरता ही चला गया। उनके पास स्पीड है, लेकिन कई बार यही तेजी उन्हीं पर भारी पड़ी। वो इस सीजन में 21 मैच खेलते हुए केवल 124 रेड पॉइंट्स हासिल कर पाए।
2. एम अभिषेक
एम अभिषेक राइट कवर डिफेंडर हैं और विशेष रूप से उन्हें सीजन की शुरुआत में लगातार संघर्ष करते देखा गया। उनके एडवांस टैकल और गलत टाइमिंग लगातार तमिल थलाइवाज के लिए कमजोर कड़ी साबित हुई। हालांकि उन्होंने कई मौकों पर अच्छा प्रदर्शन भी किया, लेकिन अभिषेक एक गेम चेंजर खिलाड़ी साबित नहीं हो पाए। उन्होंने इस सीजन में 22 मैच खेलते हुए केवल 39 टैकल पॉइंट्स हासिल किए।
3. हिमांशु
हिमांशु पिछले 4 सीजन से तमिल थलाइवाज के लिए खेल रहे हैं और नौवें सीजन में बेहद शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन PKL 10 में उसी प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए। उन्होंने इस सीजन में 16 मैच खेले, जिनमें वो केवल 21 टैकल पॉइंट्स बटोर पाए। हालांकि उन्होंने इस बार रेडिंग में भी हाथ आजमाया, लेकिन वो एक डिफेंडर के तौर पर फिसड्डी साबित हुए हैं।
टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस
मैच 126 – तमिल थलाइवाज vs बंगाल वॉरियर्स
तमिल थलाइवाज के लिए PKL 10 में सबसे बेहतरीन मुकाबला बंगाल वॉरियर्स के खिलाफ आया। टीम ने 18 फरवरी को पंचकूला में खेले गए मैच में बंगाल वॉरियर्स को 37 अंकों के अंतर से हराया था। इस मुकाबले का परिणाम 74-37 से तमिल थलाइवाज के पक्ष में रहा और इसी मैच में थलाइवाज ने किसी टीम द्वारा सबसे ज्यादा पॉइंट्स बनाने का रिकॉर्ड बनाया था। इस मैच में नरेंदर कंडोला और विशाल चहल ने रेडिंग में क्रमशः 17 और 18 पॉइंट्स हासिल किए। वहीं आमिरहुसैन बस्तामी और साहिल गुलिया ने डिफेंस में 5 और 4 पॉइंट्स हासिल किए।
कोच का रिपोर्ट कार्ड
तमिल थलाइवाज सीजन 9 से पहले लगातार संघर्ष कर रही थी, लेकिन PKL 9 में अशन कुमार ने हेड कोच के रूप में आकर तमिल थलाइवाज को संवारा था। वो पिछले सीजन सेमीफाइनल में पहुंचे थे, लेकिन इस बार प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए। तमिल थलाइवाज की टीम में कोई कमी नहीं थी और कोच अशन कुमार ने भी लगातार खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने का काम किया, लेकिन टीम का खराब पहलू ये रहा कि वो शुरुआत से लेकर अंत तक सबसे अच्छा कॉम्बिनेशन नहीं बना पाए।
PKL 10 से तमिल थलाइवाज को क्या सीख मिली?
तमिल थलाइवाज के कुछ ही खिलाड़ी ऐसे रहे, जिनके PKL 10 के प्रदर्शन में निरंतरता देखने को मिली। टीम संयोजन का बेहतर ना होना, सपोर्टिंग रेडर्स का अच्छा ना कर पाना और डिफेंस का एकजुट होकर प्रदर्शन ना करना टीम के प्लेऑफ में ना पहुंचने के बड़े कारण रहे।
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