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फुटबॉल समाचार

इंडियन फुटबॉल में ऐसे पांच मौके जब मैदान पर खेलने उतरे भाई

Published at :April 20, 2021 at 8:22 PM
Modified at :April 20, 2021 at 8:23 PM
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riya


इन में से कुछ खिलाड़ियों को फैंस से काफी तारीफ भी मिली।

कई बार भारतीय फुटबॉल के इतिहास में भाइयों को एकसाथ खेलते हुए देखा गया है। एक ही परिवार के दो लोगों का खेल के क्षेत्र में इस स्तर पर एक साथ खेलना कोई आम घटना नहीं है, लेकिन जब-जब ऐसा होता तब-तब इसकी छाप फैंस के दिलों पर लंबे समय के लिए छप जाती है।

इस बार हम ऐसे ही कुछ शानदार खिलाड़ियों से रूबरू होंगे, जिनके भाई भी भारतीय फुटबॉल में उसी स्तर पर खेले। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिन्होंने एक साथ एक ही समय पर एक ही टीम का प्रतिनिधित्व किया।

5. रमन्ना और सोमन्ना

रमन्ना और सोमन्ना दोनों भाई हैं, जो मैसूर से संबंध रखते हैं। भारतीय फुटबॉल में 1960 के दशक में रमन्ना बहुत बड़ा नाम थे, वो ईस्ट बंगाल और मोहम्मडेन से खेला करते थे। रेड एंड गोल्ड ब्रिगेड ने उन्हें 1962 की संदोष ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद अपने बेड़े में शामिल किया था।

वहीं सोमन्ना भी रमन्ना के साथ मोहम्मदीन के लिए खेल चुके हैं। दोनों ही खिलाड़ियों ने क्लब के लिए काफी अहम योगदान अदा किया। सोमन्ना एक शानदार स्ट्राइकर थे और अपनी फिनिशिंग के लिए जाने जाते थे।

4. जीकसन सिंह और अमरजीत सिंह कियाम

जीकसन सिंह और अमरजीत सिंह कियाम, दोनों कजन भाई हैं और दोनों ही 2017 में अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप में एक साथ भारतीय टीम के लिए खेले थे। ये टूर्नामेंट भारत में ही हुआ था और इस दौरान पूरे देश की नजरें इन युवा खिलाड़ियों पर थीं। तब अमरजीत सिंह टीम के कप्तान थे और कोलंबिया के खिलाफ मुकाबले में उनके भाई जीकसन सिंह फीफा वर्ल्ड कप में गोल दागने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए थे।

हालांकि, भारत वो मुकाबला कोलंबिया से 2-1 से हार गया था, लेकिन उस गोल का एकसाथ जश्न मनाते हुए इन दोनों भाइयों की तस्वीर फैंस के दिलों में बस गई। इस परिवार की एक और सदस्य हैं क्रितिना देवी, उनकी भी महिला अंडर-17 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की तरफ से खेलने की संभावनाएं हैं। यहां बता दें कि जीकसन आईएसएल में केरल ब्लास्टर्स की तरफ से खेलते हैं तो वहीं अमरजीत ने हाल ही में एफसी गोआ के साथ करार किया है।

3. गुरसिमरत गिल और प्रभसुखन गिल

गुरसिमरत गिल और प्रभसुखन गिल दोनों बेंगलुरु एफसी के लिए खेलते हैं। गुरसिमरत टीम के सेंटर बैक और टीम के डिफेंस में यूटिलिटी प्लेयर हैं, वहीं प्रभसुखन गोलकीपर हैं, जोकि 2017 के अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए सैकंड चॉइस भी थे।

अब दोनों खिलाड़ी अलग-अलग टीमों के लिए खेलते हैं। गुरसिमरत अब बेंगलुरु यूनाइटेड को छोड़कर सुदेवा दिल्ली के साथ जुड़कर आई-लीग खेलते हैं। वहीं दूसरी ओर प्रभसुखन ने केरल ब्लास्टर्स के साथ करार किया है।

2. क्लाइमेक्स लॉरेंस और कोवन लॉरेंस

क्लाइमेक्स लॉरेंस भारतीय फुटबॉल में बहुत बड़ा नाम है। वो अपने भाई कोवन लॉरेंस के साथ 2009 से 2013 के बीच डेम्पो एससी में खेल चुके हैं। इन दोनों भाइयों में से क्लीमेक्स लॉरेंस ने भारतीय टीम का कई बार प्रतिनिधित्व किया है। भारतीय टीम की तरफ से क्लीमेक्स ने 72 मुकाबले खेले और तीन गोल दागे।

अपने भाई से उलट कोवन लॉरेंस एक डिफेंडर थे। उन्होंने सालगाओकर, महिंद्रा यूनाइटेड, ईस्ट बंगाल और डेम्पो जैसे क्लब्स का प्रतिनिधित्व किया है. साल 2013 में एक प्रोफेशनल फुटबॉलर के तौर पर उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया था।

1. माइकल रेगिन और माइकल सूसाईराज

माइकल रेगिन और माइकल सूसाईराज अभी भी इंडियन सुपर लीग में एटीके मोहन बगान के लिए खेलते हैं। 2019-20 के सीजन में एटीके की जीत के साथ इन दोनों ने एक साथ कप भी उठाया था। ये दोनों भाई 2017 की आई-लीग में एकसाथ चेन्नई सिटी एफसी के लिए भी खेल चुके हैं।

माइकल रेगिन ने 2019-20 के सीजन में ही एटीके के साथ करार किया था, वहीं सूसाईराज जमशेदपुर एफसी को छोड़कर क्लब के साथ जुडे़ और अपने खेल से उन्होंने फैंस का दिल जीतने में कामयाबी हासिल की। रेगिन एक डिफेंसिव मिडफील्डर हैं तो वहीं उनके छोटे भाई अटैकिंग विंगर हैं, जिन्होंने कई मौकों पर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है।

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