डेविड रॉबर्टसन : फुटबॉल ने कश्मीर के लोगों को आपस में जोड़ा है
52 वर्षीय कोच ने घाटी में फुटबॉल के ग्रोथ को लेकर रियल कश्मीर के योगदान को सराहा।
करीब ढाई सीजन पहले रियल कश्मीर एफसी को हीरो आई-लीग में जगह मिली थी। तब से लेकर अभी तक इस क्लब ने कश्मीर घाटी में फुटबॉल के ग्रोथ को लेकर जो काम किया है वो वाकई में काबिले तारीफ है। रियल कश्मीर की टीम ने अपने जोश और जज्बे से लोगों के अंदर एक अलग तरह की भावना पैदा की है और ये क्लब घाटी में लोगों को करीब लेकर आया है। टीम के कोच डेविड रॉबर्टसन हीरो सेकेंड डिवीजन लीग से ही इस टीम का अहम हिस्सा हैं।
डेविड रॉबर्टसन के मुताबिक उनके पास कई सारी जगहों से ऑफर आए थे लेकिन उन्होंने कश्मीर में ही रुकने का फैसला किया।
आई-लीग की अधिकारिक वेबसाइट से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "सालों से मुझे कई सारे ऑफर आते रहे हैं लेकिन मैं कश्मीर के लोगों और इस क्लब से जुड़े लोगों का एहसानमंद हूं। इसीलिए मैंने वापस आकर यहां पर काम शुरु किया। मैं इसे पैसे या फिर अपनी कोई पहचान बनाने के लिए नहीं कर रहा हूं, बल्कि मैं केवल इम्पैक्ट डालना चाहता हूं। जब भी मैं घर जाता हूं तो यहां पर आने के लिए उत्साहित रहता हूं।"
डेविड रॉबर्टसन ने आगे कहा, "जब मैं पहली बार सेकेंड डिवीजन लीग के लिए कश्मीर आया था तब ज्यादा लोग हमारे मैच देखने नहीं आते थे। उनमें से भी ज्यादातर पुरुष दर्शक ही होते थे लेकिन हीरो आई-लीग में आने के बाद धीरे-धीरे परिस्थितियां बदल गईं। अब आप देख सकते हैं कि हर तरह के लोग स्टेडियम में मैच देखने आते हैं। फुटबॉल ने लोगों को आपस में जोड़ा है। केवल पुरुष और महिलाएं ही नहीं बल्कि दादा और पोते भी आकर मैच का लुत्फ उठाते हैं।"
स्कॉटिश हेड कोच ने कश्मीर में फुटबॉल के माहौल की काफी तारीफ की और इसे सबसे अलग बताया। उन्होंने कहा, "अमेरिका में लोग भले ही किसी टीम की जर्सी पहनकर उसे सपोर्ट करने का दावा करें लेकिन कश्मीर में लोगों के अंदर वो जज्बा देखने को मिलता है।"
डेविड रॉबर्टसन ने बताया कि उनके परिवार वालों ने आरामदायक लाइफस्टाइल छोड़कर यहां पर आने का विरोध किया था लेकिन अब सबको एहसास हो रहा है कि ये कितना बड़ा और अहम फैसला था। उन्होंने कहा, "क्लब की पॉपुलैरिटी काफी बढ़ी है। पहले जहां भारत में ही लोग इस क्लब के बारे नहीं जानते थे, वहीं अब यूके और स्कॉटलैंड जैसे देशों के लोग भी रियल कश्मीर को जानने लगे हैं और ये मेरे लिए काफी अलग एक्सपीरियंस है। मेरे हिसाब से यहां पर कोचिंग करके मैं एक बेहतर इंसान बना हूं।"
रियल कश्मीर की टीम इस वक्त हीरो आई लीग 2020-21 में हिस्सा ले रही है और उनका लॉन्ग टर्म फोकस ज्यादा से ज्यादा लोकल टैलेंट को मौका देने पर रहा है। हेड कोच के मुताबिक इस तरह के प्रयासों से कश्मीर के लोगों में एक नई तरह की आशा जगेगी।
उन्होंने कहा, "जब मैं पहली बार कश्मीर आया था तब यहां ज्यादा कुछ नहीं था। एक बार अपना काम खत्म करने के बाद शाम को आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे। लेकिन रियल कश्मीर ने लोगों को कुछ ऐसा दिया है जिसे वे फॉलो कर सकें या फिर शायद जिसके लिए वो खेलना चाहें।"
लीड्स यूनाईटेड के पूर्व खिलाड़ी ने इस टीम में ज्यादा से ज्यादा युवा कश्मीरी प्लेयर्स को लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा इस वक्त ऐजवाल, नेरोका और ट्राउ जैसी टीमों में ज्यादा से ज्यादा लोकल प्लेयर्स हैं और लॉन्ग टर्म में हमारा भी यही लक्ष्य है। हमने देखा है कि किस तरह दानिश फारुख का डेवलपमेंट हुआ है और वो लोगों के फेवरिट बन गए हैं।
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