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आई-लीग सेकेंड डिवीजन (2019-20): उभरते हुए पांच भारतीय सितारों पर एक नजर

Published at :May 24, 2020 at 10:41 PM
Modified at :May 24, 2020 at 11:17 PM
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Neeraj


पिछले सीजन बेहतरीन प्रदर्शन से इन प्लेयर्स ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।

आई-लीग के सेकेंड डिवीजन के 2019-20 सीजन में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की आठ और एक आई-लीग की रिजर्व टीम को मिलाकर कुल 17 टीमों ने हिस्सा लिया था। कोरोना वायरस के कारण लीग को निलंबित कर देना पड़ा और प्रमोशन के लिए अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

हालांकि, आई-लीग की सेकेंड डिवीजन लीग हमेशा से इंडियन प्लेयर्स और क्लब्स के लिए बेहतरीन रिजल्ट देने वाली लीग रही है। आईजोल एफसी और पंजाब एफसी जैसी टीमों ने केवल प्रमोशन ही हासिल नहीं किया बल्कि उन्होंने अपना पहला आई-लीग खिताब जीतने में भी सफलता हासिल की। वर्तमान समय में इंडियन टीम के लिए खेलने वाले आदिल खान, फारुख चौधरी और सहल अब्दुल समाद जैसे प्लेयर्स ने भी एक समय में सेकेंड डिवीजन में अपना जलवा दिखाया था।

आइए नजर डालते हैं पांच उभरते हुए प्लेयर्स पर जिन्होंने पिछले सीजन अपने प्रदर्शन से सबको इंप्रेस किया:

5. गौरव रावत (गढ़वाल एफसी)

लीग में हाल ही में शामिल होने वाले कम्यूनिटी बेस्ड दिल्ली क्लब गढ़वाल एफसी के लिए खेलने वाले गौरव रावत ने पिछले सीजन बेहतरीन प्रदर्शन करके नाम कमाया है। 20 साल के डिफेंसिव मिडफील्डर को 2015 में वर्तमान हेडकोच विकास रावत द्वारा बाईचुंग भूटिया स्कूल (बीबीएफएस) से स्काउट किया गया था और फिर दिल्ली अकादमी में डेवलेप किया गया।

मिडफील्डर रावत मैदान के बीच में सारे कठिन काम करते हैं और वह वन-ऑन-वन और एयर में बॉल हासिल करते समय भी काफी सहज रहते हैं। 2019-20 सीजन में उन्होंने अपनी टीम के सात में से छह मैच खेले थे।

2. सेंथामिझी एस (चेन्नईयन एफसी रिजर्व)

सेंथामिझी आज के दौर के सबसे ताकतवर और टैलेंटेड विंगर्स में से एक हैं। उनकी पेस और ड्रिब्लिंग उन्हें टीम के अन्य फॉरवर्ड खिलाड़ियों से अलग बनाती है। उन्हें पिछले सीजन की शुरुआत से पहले मरीना मचांस द्वारा कराए गए ट्रॉयल्स के दौरान स्काउट किया गया था।

कई कला में माहिर इस 19 साल के खिलाड़ी को रिजर्व के हेड कोच संतोष कश्यप ने पिछले सीजन कई पोजीशन पर इस्तेमाल किया। वह काफी स्ट्रॉन्ग हैं और मोहम्मदीन एससी के खिलाफ ब्रेस के साथ उन्होंने सात मैचों में तीन गोल दागे थे।

3. अमय भटकल (एफसी बेंगलुरु यूनाइटेड)

एफसी बेंगलुरु यूनाइटेड के स्ट्राइकर के फुटबॉल करियर की स्टोरी काफी इंट्रेस्टिंग हैं। मुंबई बेस्ड यह प्लेयर 18 साल की उम्र तक किसी फुटबॉल अकादमी में नहीं गया था। उसी समय उन्हें पीआईएफए कोलाबा द्वारा स्काउट किया गया और वह क्लब के लिए अंडर-18 लीग खेलने गए। पीआईएफए के साथ खेलने के बाद उन्होंने मुंबई के ही एयर इंडिया के लिए खेला और दो बार एमडीएफए टाइटल भी जीता।

पैरों के साथ तेजी दिखाने और विपक्षी डिफेंडर को वन-ऑन-वन में छकाने की क्षमता रखना भटकल की सबसे बड़ी ताकत है। बीडीएफए लीग के 12 मैचों में उन्होंने सात गोल दागने के अलावा तीन असिस्ट भी किए थे।

2. संजीब घोष (मोहम्मडेन एससी)

काफी कम बात किए जाने वाले कोलकाता जॉयंट मोहम्मडेन एससी, आई-लीग में वापसी की कोशिशों में लगे हैं और वे अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस हासिल करना चाहते हैं। सेकेंड डिवीजन आई-लीग के निलंबित होने से पहले तक वे ग्रुप-ए में टॉप पर थे और संजीब घोष 2019-20 सीजन के सबसे बेहतरीन स्टार्स में से एक साबित हुए थे।

2015 में मोहम्मडेन के यूथ सेटअप में आने के बाद से वह यूथ टीम के लिए लगातार खेले। पिछले साल सेकेंड डिवीजन डेब्यू पर उन्होंने लीग का फास्टेस्ट गोल भी दागा था। 19 साल के इस खिलाड़ी ने स्ट्राइकर के रूप में शुरुआत की थी, लेकिन अब विंगर के रूप में खेलते हैं और उन्होंने पिछले सीजन छह मैच में दो गोल दागे थे।

1. शोएब सैयद (आरा एफसी)

शोएब सैयद इस सीजन सात गोल दागकर लीग के सबसे ज्यादा गोल दागने वाले प्लेयर हैं। उन्होंने दो बार हैट्रिक लगाई है और दोनों ही बार उन्होंने मुंबई सिटी एफसी की रिजर्व टीम के खिलाफ यह कारनामा किया है। पुणे एफसी के लिए खेल चुके सैयद ने आई-लीग में अपने करियर की अच्छी शुरुआत की है।

उन्होंने एंकल में गंभीर का चोट का भी सामना किया है जिसके कारण उन्हें लंबे समय तक मैदान से दूर रहना पड़ा था। वह गोकुलम केरला एफसी के लिए भी खेलने गए, लेकिन अपनी फॉर्म हासिल नहीं कर सके। 23 साल के खिलाड़ी ने अहमदाबाद बेस्ड क्लब के लिए खेलते हुए खुद को रिवाइव किया है।

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