थांगबोई सिंगटो: इंडियन फुटबॉल में ज्यादा प्रोफेशनलिजम, पैसा और अनुभव लेकर आया आईएसएल
शिलॉन्ग लजॉन्ग के पूर्व हेड कोच ने भारतीय कोच को लेकर बनाई जा रही योजनाओं पर बात की।
आईलीग से लेकर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) तक, शिलॉन्ग लजॉन्ग और केरला ब्लास्टर्स जैसे क्लबों के साथ काम करने वाले थांगबोई सिंगटो इन दिनों किसी क्लब से नहीं जुड़े हैं।
वह आईलीग में शिलॉन्ग लजॉन्ग के साथ समय बिताने के बाद तीन साल पहले आईएसएल से जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने केरला ब्लास्टर्स, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड और ओडिशा एफसी जैसे क्लबों के साथ काम किया। दोनों लीग में फर्क बताते हुए उन्होंने खेल नाओ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, “आईएसएल इंडियन फुटबॉल में ज्यादा प्रोफेशनलिजम, पैसा, अनुभव और टीवी ऑडियंस लेकर आया है। साथ ही खिलाड़ियों और कोच को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं और राष्ट्रीय टीम का सफर भी आसान हो रहा है।”
आईलीग से आईएसएल का सफर थांगबोई सिंगटो के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं रहा। उनका मानना था कि आईएसएल में उन्हें फुटबॉल से जुड़े बेहतर लोगों के साथ बेहतर कंडीशंस में काम करने का मौका मिलेगा और इसने उन्हें नई लीग में आने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना है कि टीम में अस्सिटेंट कोच की भूमिका काफी अहम रहती है क्योंकि वह टीम की जरूरतें और कोच के फैसले दोनों पर ही काम कर रहा होता है और कई वर्षों से यह काम करते हुए उन्हें खुशी हो रही है।
हाल ही में एसोसिएशन ऑफ इंडियन फुटबॉल कोचेस (एआईएफसी) ने यह आइडिया दिया था कि क्लबों को एएफसी प्रो लाइसेंस हासिल कर चुके कोच को हेड कोच बनना चाहिए। ओडिशा एफसी के अस्सिटेंट कोच रह चुके थांगबोई सिंगटो इस फैसले से काफी खुशी हैं और उनका मानना है कि इससे आईएसएल के क्लबों को कोच की खोज के लिए इंडिया से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने कहा, “यह काफी अच्छा फैसला है। हालांकि देखना यह होगा कि क्या आईएसएल क्लब किसी इंडियन कोच को हेड कोच बनाने लायक समझती है। उनके पास यह सवाल भी है कि हम जैसे कोच जिन्हें एआईएफसी से प्रो लाइसेंस मिला है, क्या वह फिलहाल इतने क्वालिफाइड हैं कि हेड कोच का पोस्ट संभाल सकें। मैं मानता हूं कि हम में क्षमता है, मैं खुद 68 आईएसएल मैचों में काम कर चुका हूं और अब एक कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार हूं। अब फैसला क्लबों को करना है।”
थांगबोई सिंगटो ने कहा, “ऐसे कई भारतीय कोच हैं जो आईलीग के क्लबों को जिम्मेदारी उठा सकते हैं और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं बस उन्हें समर्थन और इज्जत मिले। भारतीय कोच की थोड़ी मेहनत और फुटबॉल से जुड़े लोगों के समर्थन से इस खेल में देश के भविष्य को और बेहतर बनाया जा सकता है।”
वह अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए ओडिशा एफसी का साथ छोड़ चुके हैं। भविष्य को लेकर उन्होंने साफ तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरूर बताया कि वह ईस्ट बंगाल के साथ नहीं जुड़ रहे हैं जिसकी अफवाह काफी समय से है।
- PKL 11: यूपी योद्धा vs बंगाल वारियर्स मैच प्रीव्यू, स्टार्टिंग 7, हेड टू हेड और कहां देखें
- PKL 11: दबंग दिल्ली vs तेलुगु टाइटंस मैच प्रीव्यू, स्टार्टिंग 7, हेड टू हेड और कहां देखें
- MUM vs TAM Dream11 Prediction, Dream11 स्टार्टिंग 7, कप्तान किसे चुनें, मैच 106, PKL 11
- HAR vs BLR Dream11 Prediction, Dream11 स्टार्टिंग 7, कप्तान किसे चुनें, मैच 105, PKL 11
- PKL 11 पॉइंट्स टेबल, सबसे ज्यादा रेड और टैकल पॉइंट्स, मैच 104 तक
- PKL 11: पांच डिफेंडर्स जिन्होंने प्रो कबड्डी 2024 के सातवें हफ्ते किया टॉप क्लास प्रदर्शन
- PKL 11: पांच रेडर्स जिन्होंने प्रो कबड्डी 2024 के सातवें हफ्ते किया टॉप क्लास प्रदर्शन
- PKL 11: अशोक शिंदे बने पुनेरी पलटन के नए हेड कोच, टीम की नैया पार लगाने का होगा दारोमदार
- PKL 11 पॉइंट्स टेबल, सबसे ज्यादा रेड और टैकल पॉइंट्स, मैच 94 तक
- PKL 11: मनिंदर सिंह बंगाल वॉरियर्स के रीढ़ की हड्डी हैं, शानदार जीत के बाद फजल अत्राचली ने कही बड़ी बात