Khel Now logo
HomeSportsPKL 11Live Score
Advertisement

फुटबॉल समाचार

ओनू और मौरिसियो में से किसे ओडिशा एफसी का मेन स्ट्राइकर होना चाहिए ?

Published at :December 31, 2020 at 1:56 AM
Modified at :December 31, 2020 at 6:18 PM
Post Featured Image

Gagan


दोनों प्लेयर अभी तक एकसाथ मिलकर अपनी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।

ओडिशा एफसी के लिए इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के इस सीजन की शुरुआत अच्छी नहीं रही। टीम को सात में से पांच मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा और लगभग आधे टूर्नामेंट के बाद वो अभी प्वॉइंट्स टेबल में निचले पायदान की टीमों में से एक हैं।

टीम की हार की सबसे बड़ी वजह उनका गोल नहीं कर पाना रहा है। जबकि इसके उलट अभी तक 11 गोल ओडिशा एफसी ने खाए हैं। टीम की तरफ से गोल करने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी उनके स्ट्राइकर्स डिएगो मौरिसियो और मैनुअल ओनू पर है।

मौरिसियो अभी नए-नए टीम में आए हैं जबकि ओनू को पिछले सीजन उनके शानदार परफॉर्मेंस की वजह से रिटेन किया गया था। उन्होंने पिछले सीजन चार मैचों में सात गोल किए थे और दो असिस्ट दिए थे।

ओडिशा एफसी के हेड कोच स्टुअर्ट बैक्सटर अभी तक फाइनल थर्ड में अपने प्लेयर्स को अच्छी तरह से कंबाइन नहीं कर पाए हैं। टीम में बेहतरीन प्लेयर्स की कमी है और अटैक में भी उतनी धार नहीं है और इसी वजह से ओडिशा एफसी गोल करने के मौके गंवाती रही है। यहां तक कि बैक्सटर अभी तक अपनी फर्स्ट च्वॉइस स्टार्टिंग इलेवन का चयन तक नहीं कर पाए हैं।

ऐसे में अब ओडिशा एफसी के लिए सवाल ये उठता है कि मौरिसियो और ओनू में से किसके साथ टीम को बने रहना चाहिए? किसे टीम का मेन स्ट्राइकर होना चाहिए? बैक्सटर के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वो अपने दोनों फॉरवर्ड्स से उनका बेस्ट कैसे निकलवाएं। सीजन के पहले गेम में हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने दोनों स्ट्राइकर्स को एकसाथ मैदान में उतारा था। ओनू ने लेफ्ट विंग से शुरुआत की थी लेकिन ये रणनीति काम नहीं आई थी।

जमशेदपुर एफसी के खिलाफ अगले मैच में ओनू ने मेन स्ट्राइकर के तौर पर टीम को लीड किया लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ और मौरिसियो के साथ उन्हें सब्सीट्यूट कर दिया गया। उन्होंने आते ही जबरदस्त प्रदर्शन किया और तेजी से दो गोल कर अपनी टीम को ड्रॉ दिलाया।

https://www.youtube.com/watch?v=clX70x3Q3Jc&feature=emb_logo

उसके बाद से ही कोच ने मौरिसियो पर भरोसा जताया है और एटीके मोहन बगान और मुंबई सिटी एफसी के खिलाफ मुकाबले में उन्हें स्टार्टिंग इलेवन में शामिल किया। हालांकि इन दोनों ही मुकाबलों में ओनू ने सब्सीट्यूट के तौर पर आकर कैमियो खेला लेकिन उनके पास मैच में अंतर पैदा करने के लिए उतन मौका या समय नहीं था।

मौरिसियो और ओनू अलग-अलग तरह के स्ट्राइकर हैं और उनकी क्वालिटी भी अलग है। मौरिसियो एक ऐसे प्लेयर हैं जो डिफेंडर्स के पीछे भागना पसंद करते हैं और उनके ऊपर काफी दबाव बनाते हैं, जबकि दूसरी तरफ ओनू बॉल को अपने पास रखते हैं और उसे डीप लेकर जाते हैं।

इन दोनों की जो क्वालिटी है उससे एक बात तो तय हो जाती है कि ये दोनों ही प्लेयर एकसाथ नहीं खेल सकते हैं। अब बैक्सटर को ये फैसला करना होगा कि वो अपने गेम प्लान के तहत किस प्लेयर के साथ मैदान में जाना चाहते हैं। क्या मौरिसियो से लीड करवाना सही होगा या फिर सब्सीट्यूट के तौर पर उनकी एनर्जी का फायदा उठाना चाहिए या फिर ओनू जिस तरह से बॉल को कंट्रोल करते हैं उसके साथ टीम को जाना चाहिए? वहीं एक और थोड़ा अलग हटकर ऑप्शन भी कोच के पास है। ओनू नंबर 10 पर खेलें और मौरिसियो और मार्सिलिनियो लाइन को लीड करें।

एफसी गोवा, बेंगलुरु एफसी और नॉर्थईस्ट यूनाईटेड के खिलाफ पिछले तीन मुकाबलों में ये देखा गया है कि बैक्सटर ने दोनों ही खिलाड़ियों को 4-3-3 के सेटअप में एकसाथ खिलाया है। मौरिसियो ने लेफ्ट विंग से शुरुआत की है और मैनुअल ओनू ने मिडिल में टार्गेट मैन की तरह खेला है। ये रणनीति ओडिशा एफसी के लिए थोड़ी अच्छी रही है और आगे के मैचों में वो इसी टैक्टिस के तहत जा सकते हैं।

बैक्सटर के ऊपर मैच जीतने का काफी प्रेशर है। स्टार्टिंग लाइन अप को लेकर जब खिलाड़ियों के मन में कोई शंका होती है तो उससे उनके परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि कोच को जल्द-जल्द से अपने स्टार्टिंग इलेवन को सेटल करना होगा। 

Latest News
Advertisement