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सुनील छेत्री: इंडियन फुटबॉल टीम के लिए पहली बार खेलना अलग अनुभव था

Published at :April 17, 2020 at 11:46 PM
Modified at :April 17, 2020 at 11:46 PM
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Gagan


कैप्टन फैनटास्टिक ने अपने करियर के बारे में खुलकर बात की।

इंडियन फुटबॉल टीम और बेंगलुरू एफसी के कैप्टन सुनील छेत्री ने माना कि पहली बार नेशनल टीम की जर्सी पहनना उनके करियर का अबतक का सबसे अलग अनुभव रहा है। वह अबतक इंडियन टीम के लिए कुल 100 से भी ज्यादा मैच खेल चुके हैं।

वह इंडिया के लिए अबतक सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने अबतक इंडियन टीम के लिए कुल 72 गोल किए हैं और 35 साल की उम्र में भी टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक हैं।

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) को दिए इंटरव्यू में सुनील छेत्री ने कहा, "पहली बार जब नेशनल कैम्प के लिए कॉल आया तो मुझे यकीन नहीं हुआ। जब हमारा कैम्प हुआ तब भी मैं नि​श्चित नहीं था कि मुझे टीम में जगह मिलेगी या नहीं। मुझे याद है कि मैं और नबी (सैयद रहीम) दो यंग खिलाड़ी थे जो चुने गए थे और फिर 20 खिलाड़ियों की टीम पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लिए बलूचिस्तान गई जो थोड़ी अजीब जगह है।"

"हम दोनों रूम पार्टनर थे और हमने सोचा कि हमें बेंच पर ही रखा जाएगा। मैच से एक दिन पहले सुखी सर ने कहा कि हम दोनों को शुरुआती-11 खिलाड़ियों में शामिल किया गया है। मुझे याद है मैंने और नबी ने नेशनल टीम की जर्सी को 20 बार फोल्ड किया और उसपर परफ्यूम भी मारा, हम बेहद खुश थे।"

सुनील छेत्री ने मैच के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं समझता हूं कि जिंदगी की सारी खुशियां एकतरफ और अपने देश के लिए खेलना एकतरफ। सीनियर नेशनल टीम के लिए खेलना मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा अनुभव रहा है। हमने अगले दिन मैच खेला, हम 1-0 से आगे थे और वो गोल मैंने किया था, मैं बहुत खुश था। मैं उत्साहित होकर फेंस पार करके फैन्स की तरफ चला गया और पूरा स्टेडियम भरा हुआ था।"

"मैं हाथ फैला के खड़ा हो गया और फिर मैंने पीछे देखा तो मेरी टीम को कोई भी प्लेयर मेरे साथ सेलिब्रेट नहीं कर रहा था। मैंने अपने सामने देखा तो एकदम शांति थी, मैं वापस आया और खिलाड़ियों को शुक्रिया कहा कि वे मेरे पीछे नहीं आए। आखिरी मिनट में हमने एक गोल खाया और मैच 1-1 से ड्रॉ हो गया। इससे हमें थोड़ा दुख हुआ, लेकिन वो गोल हमेशा मेरे साथ रहेगा।"

बीते सीजन छेत्री ने आईएसएल में भी दमदार प्रदर्शन किया और उनकी टीम ने प्लेऑफ तक का सफर तय किया।

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