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सहल अब्दुल समद: मैंने कतर के खिलाफ अपने करियर का बेस्ट मैच खेला

Published at :September 26, 2020 at 9:55 PM
Modified at :September 26, 2020 at 9:55 PM
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Rahul Gupta


इंडियन मिडफील्डर ने अपनी सफलता का श्रेय केरला ब्लास्टर्स की टीम को दिया।

सहल अब्दुल समद भारत के बेहतरीन युवा फुटबॉलर्स में के एक हैं। इंडियन टीम की मिडफील्ड में वो एक अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में भी वो केरला ब्लास्टर्स की टीम के अहम खिलाड़ी हैं।

इंस्टाग्राम पर एआईएफएफ के साथ लाइव चैट में सहल अब्दुल समद ने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ियों सुनील छेत्री, बाईचुंग भूटिया और आईएम विजयन की काफी तारीफ की। उनके मुताबिक ये तीनों खिलाड़ी यंग इंडियन प्लेयर्स के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

उन्होंने कहा, "मैं खुद को काफी दुर्भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे आईएम विजयन और बाईचुंग भूटिया जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका नहीं मिला। विजयन अपनी तरह के एकलौते खिलाड़ी हैं और उन्हें मुझसे काफी ज्यादा उम्मीदें हैं।"

सहल अब्दुल समद ने इंडियन फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री की काफी तारीफ की और कहा कि उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना उनके लिए काफी बेहतरीन रहा। ऐसे अनुभवी प्लेयर्स से काफी कुछ सीखने को मिलता है।

उन्होंने कहा, "सुनील छेत्री के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना काफी अच्छा अनुभव रहा। मेरी, अनिरुद्ध थापा, अमरजीत सिंह कियाम और कमलजीत सिंह के साथ उनसे एक मुलाकात हुई थी। उस दिन उन्होंने हम लोगों को काफी अहम टिप्स दिए थे कि कैसे एक बेहतरीन फुटबॉलर बना जाए और उसी हिसाब से ट्रेनिंग की जाए। इसके अलावा डाइट को लेकर भी उन्होंने बेहद अहम सलाह दी थी। सुनील छेत्री हर दिन बेस्ट प्रदर्शन करना चाहते हैं और दूसरे प्लेयर्स से भी वो ऐसा ही कहते हैं।"

इंडियन मिडफील्डर ने कतर के खिलाफ खेले गए मुकाबले को अपने करियर का अभी तक का सबसे बेस्ट मुकाबला बताया। इंडियन टीम ने सुनील छेत्री जैसे दिग्गज खिलाड़ी की गैरमौजूदगी के बावजूद एशियन चैंपियन कतर को गोलरहित ड्रॉ पर रोक दिया था। सहल ने बताया कि कोच इगोर स्टीमाक उनके प्रदर्शन से काफी ज्यादा प्रभावित थे।

सहल अब्दुल समद ने कहा, "पहले हाफ में मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। हाफ टाइम के दौरान दूसरे खिलाड़ियों से मुझे सुनने को मिला कि मैं उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहा हूं। हालांकि, कोच इगोर स्टीमाक ने मुझे बुलाकर कहा कि सबकुछ भूलकर दोबारा मैदान पर उतरो। उससे मेरा कॉन्फिडेंस काफी बढ़ गया और दूसरे हाफ में मैने बेहतरीन प्रदर्शन किया। स्टीमाक ने मैच के बाद मेरे प्रदर्शन की तारीफ की।"

सहल की फुटबॉल जर्नी में अभी तक केरला ब्लास्टर्स का अहम योगदान रहा है। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस क्लब की काफी तारीफ की और अपनी सफलता का श्रेय केरला ब्लास्टर्स को दिया। 23 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, "मैं आज जो कुछ भी हूं केरला ब्लास्टर्स की वजह से हूं। उनके बिना मैं कुछ भी नहीं होता। उम्मीद है कि आने वाले सालों में केरला की टीम और बेहतर प्रदर्शन करेगी और ट्रॉफी जीतेगी और मैं उस जर्नी का हिस्सा होना पसंद करुंगा। मुझे अभी भी याद है कि जब केरला के लिए मैं पहली बार खेलने उतरा था तो शोर इतना था कि प्लेयर एक दूसरे की आवाज तक नहीं सुन पा रहे थे।"

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