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कबड्डी न्यूज

PKL 9: नीलामी में किन पांच पीकेएल के टीमों ने सबसे ज्यादा पैसा खर्च किए

Published at :August 15, 2022 at 8:37 PM
Modified at :August 15, 2022 at 8:37 PM
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Keshav Kumar


इन फ्रेंचाइजियों ने स्टार खिलाड़ियों पर ही ज्यादा पैसा खर्च किया है। 

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) 9 के लिए दो दिन तक चली ऑक्शन में 12 फ्रैंचाइजियों ने कुल 130 खिलाड़ियों के लिए बोली लगाई। विभिन्न कैटैगरी के खिलाड़ियों के लिए इन टीमों ने कुल 50.86 करोड़ रूपए खर्च किए। इनमें अभी के स्टार्स पवन सहरावत, प्रदीप नरवाल, और फज़ल अत्राचली तो शामिल हैं हीं बल्कि भविष्य के स्टार्स विकास कंडोला और गुमान सिंह भी शामिल हैं। सभी टीमों ने अपनी स्क्वाड में टैलेंट्स की पूल तैयार की है। जानिए इन पांच फ्रेंचाइजी के बारे में जो मुंबई में हुई नीलामी में सबसे ज्यादा पैसे खर्च किए:

5. बेंगलुरू बुल्स – 2.73 करोड़ रुपए

पवन सहरावत को रिलीज करके बेंगलुरू बुल्स ने एक तरह से रिस्क लिया था यह सोचकर कि वो एफबीएम कार्ड के जरिए उन्हें टीम में रोक लेंगे। लेकिन जैसे ही विकास कंडोला के लिए बोली 1 करोड़ 50 लाख से उपर गई, टीम ने विकास पर ही दांव लगाने और टीम उन्हीं के इर्द गिर्द तैयार करने का फैसला किया। हांलांकि, फ्रेंचाइजी ने सचिन और मंजीत के लिए बोली बैकअप तहत लगाई। 

टीम ने कैटेरी सी के रेडर नीरज नरवाल के लिए मोटी रकम अदा की और अपने डिफेंस को मजबूत करना जरूरी नहीं समझा। वैसे टीम में ज्यादा अनुभवी राईट कवर का होना घातक साबित होता। अब सारी उम्मीदें कोच रंधीर सिंह पर होंगी कि वो किस तरह टीम को प्लेऑफ्स तक ले जाते हैं। 

4. तमिल थलाइवाज- 2.82 करोड़ रुपए

सीजन 9 में थलाइवाज के लिए ऑक्शन का मतलब था किसी भी तरह एक स्टार खिलाड़ी, पवन सहरावत को टीम में शामिल करना। 'हाई फ्लायर' के लिए थलाइवाज ने अपने खजाने के मुंह को खोल दिया और कुल पर्स का 51% केवल एक खिलाड़ी के लिए खर्च कर डाले। थलाइवाज के लिए इस बोली का मतलब ये रहा कि वो उन जगहों जैसे कवर, डिफेंस पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं कर पाए जहां उन्हें सबसे ज्यादा फोकस करने की जरूरत थी। 

सुरजीत की कमी पीकेएल के आगामी सीजन में खलेगी। सागर ने अपने पहले सीजन में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन टीम के अनुभवहीन डिफेंस की वजह से उन्हें किसी भी तरह की जोखिम लेने से रोकेगा। पवन को बार-बार मैट पर लाने के लिए एक सक्षम और सपोर्ट रेडर की जरूरत होगी। इसके बिना इस स्टार रेडर को 40 मिनट के मैच में अधिकांश समय मैट के बाहर रहना पर सकता है। पवन की मैट पर मौजूदगी ही टीम के लिए थोक के भाव में प्वांइट्स की गारंटी देता है। 

3. गुजरात जायंट्स- 3.12 करोड़ रुपए

गुजरात जायंट्स ने रेडर सोनू जैसे केवल एक एलीट रेडर को रिटेन करने के बाद ऑक्शन में अपना पूरा ध्यान कैटेगरी सी के डोमेस्टिक खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने पर लगाया। यह देखना दिलचस्प था कि जायंट्स कैटेगरी ए के एक खिलाड़ी को खरीदकर नहीं रूके बल्कि रिंकू नरवाल को ₹40 लाख, चंद्रन रंजीत को ₹30 लाख, और संदीप कंडोला को 20 लाख रूपए की ऊंची कीमत लगा कर खरीदा। ये खिलाड़ी गुजरात के बेंच स्ट्रेंथ को मजबूती प्रदान करेंगे। मनप्रीत सिंह के जाने और राम मेहर सिंह को मुख्य कोच नियुक्त करने के बाद जायंट्स की टीम को इस सीजन पुनर्निर्माण के दौर से गुजरना होगा। 

2. यू मुंबा- 3.20 करोड़ रुपए

यू मुंबा की पूरी कोशिश और एकमात्र लक्ष्य था पवन सहरावत को टीम में शामिल करना, लेकिन नीलामी में मिली इस हार के बाद फ्रेंचाइजी को जल्द ही अपनी रणनीति बदलनी पड़ी। यंग स्टार्स गुमान सिंह, आशीष और एकमात्र एलीट रिटेनी खिलाड़ी रिंकू टीम के सबसे मजबूत स्तंभ होंगे। अगर ये तीनों खिलाड़ी अपना बेहतरीन प्रदर्शन देते हैं और मैट पर पैर जमा देते हैं तो विपक्षी टीम के लिए इनकी काट निकालनी मुश्किल हो जाएगी।

1. तेलुगु टाइटंस- 3.45 करोड़ रुपए

पीकेएल सीजन 8 में सबसे आखिरी स्थान पर रहने वाली टीम तेलुगु टाइटंस सीजन 9 के ऑक्शन के बाद कम से कम कागज पर टीम की मजबूत होने से कुछ हद तक खुश होगें। टीम ने स्टार खिलाड़ियों को खरीदने के बजाए नए टैलेंट्स को खरीदकर टीम की कमजोर कड़ी को मजबूत करने की कोशिश की है। 

टीम की टॉप पांच निलामी में कोई भी महंगा और स्टार खिलाड़ी शामिल नहीं हैं। नीलामी में टाइटंस एक रणनीति के तहत आए थे और उन्होंने पूरी टीम को खरीदी भी इसी स्ट्रैटेजी के तहत। टीम की नई यूनिट अगर अच्छा खेलती हैं तो टाइटंस से एक बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की ही जा सकती है। 

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