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कबड्डी न्यूज

PKL 9 : क्या है गुजरात जायंट्स का मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष ? 

Published at :September 16, 2022 at 9:45 PM
Modified at :September 16, 2022 at 9:45 PM
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Rahul Gupta


टीम ने चैंपियन कोच को अपने साथ जोड़ा है।

गुजरात जायंट्स प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) की बेहतरीन टीमों में से एक है। इस टीम ने बीते सीजन लीग स्टेज में 22 में से 10 मुकाबले जीते थे, आठ हारे और चार मैच टाई खेले थे। वो प्वॉइंट्स टेबल में तीसरे पायदान पर रहे और प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन पीकेएल टाइटल एक बार फिर नहीं जीत पाए। गुजरात जायंट्स की टीम नॉकआउट में आकर एक बार फिर द

बाव में बिखर गई और उनका चैंपियन बनने का सपना टूट गया। आगामी सीजन के लिए गुजरात जायंट्स ने एक बहुत बड़ा बदलाव टीम में किया है। उन्होंने राम मेहर सिंह को अपना हेड कोच बनाया है जो इससे पहले तक पटना पाइरेट्स के कोच थे। टीम यही उम्मीद करेगी कि उनके आने के बाद टीम की किस्मत भी बदलेगी और वो पहली बार चैंपियन बनेंगे। सीजन के आगाज से पहले हम जान लेते हैं कि गुजरात जायंट्स का मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष क्या है।

टीम का मजबूत पक्ष

राम मेहर सिंह का अनुभव टीम के काफी काम आ सकता है

गुजरात जायंट्स की सबसे बड़ी ताकत इस बार उनके कोच राम मेहर सिंह होंगे। कबड्डी का खेल सिर्फ मैट पर ही नहीं खेला जाता है बल्कि यहां पर एक बेहतरीन रणनीति की भी जरूरत होती है। राम मेहर सिंह इस काम में माहिर हैं। पटना पाइरेट्स को वो चैंपियन टीम बना चुके हैं। बीते सीजन बड़े खिलाड़ियों के बगैर पटना ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था उससे पता चलता है कि राम मेहर सिंह किसी भी टीम को टॉप पर पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। गुजरात जायंट्स की टीम अक्सर नॉक आउट में आकर हारती रही है। वो दो बार फाइनल में हार चुके हैं और प्लेऑफ में भी कई बार शिकस्त का सामना उन्हें करना पड़ा है। राम मेहर सिंह फाइनल जीत चुके हैं और उन्हें पता है कि नॉक आउट मुकाबले में किस तरह के स्ट्रैटजी और टीम की जरूरत होती है। गुजरात जायंट्स को इससे काफी फायदा हो सकता है और वो नॉक आउट के तिलिस्म को तोड़ सकते हैं।

टीम का कमजोर पक्ष

रेडिंग डिपार्टमेंट में कोई बड़ा नाम ना मौजूद होना

पीकेएल ऑक्शन के दौरान गुजरात जायंट्स ने परदीप नरवाल को खरीदने की पूरी कोशिश की थी। उन्होंने 90 लाख की बोली लगाकर उन्हें हासिल कर लिया था लेकिन यूपी योद्धा ने एफबीएम कार्ड का प्रयोग कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। ऐसे में गुजरात जायटंस के पास कोई बड़े नाम वाला रेडर मौजूद नहीं है। ऑलराउंडर्स को मिलाकर गुजरात के पास 15 रेडिंग विकल्प होंगे। गुजरात ने चंद्रन रंजीत को खरीदा है जिनके पास अनुभव तो बहुत है, लेकिन वह हमेशा सपोर्ट रेडर के तौर पर ही खेलते हैं। अब देखने वाली बात होगी कि वो टीम में मेन रेडर की भूमिका किस तरह निभाते हैं। इसके अलावा एसएच राकेश, परदीप कुमार, डोंग जियोन ली, सोनू और महेंद्र गणेश राजपूत जैसे रेडर्स भी टीम के पास हैं। एचएस राकेश ने पिछले सीजन 140 रेड प्वाइंट लिए थे और इसलिए उन्हें रिटेन किया गया था। हालांकि ये सब उतने अनुभवी रेडर नहीं हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि रेडिंग में टीम थोड़ी कमजोर नजर आ रही है।

डिफेंस में बलदेव और संदीप कंडोला पर ही निर्भर होगी टीम

पिछले सीजन गुजरात जायंट्स का डिफेंस काफी तगड़ा था। उसमें कई दिग्गज नाम मौजूद थे लेकिन इस सीजन उनके पास ज्यादा बेहतरीन विकल्प नहीं हैं। सातवें सीजन में बंगाल वॉरियर्स को चैंपियन बनाने वाली कॉर्नर जोड़ी बलदेव सिंह और रिंकु नरवाल एक बार फिर साथ हुए हैं। दोनों के पास साथ खेलने का अच्छा अनुभव है। सुनील कुमार और परवेश भैंसवाल के जाने के बाद गुजरात का कवर डिफेंस कमजोर दिख रहा है। संदीप कंडोला भी डिफेंस में एक बड़ा नाम हैं लेकिन अगर बीते सीजन से तुलना करें तो इस बार गुजरात का डिफेंस उतना मजबूत नहीं है। खासकर ये देखते हुए कि बलदेव सिंह बीते सीजन उतने अच्छे लय में नजर नहीं आए थे।

इन खिलाड़ियों पर होंगी निगाहें

रेडिंग में चंद्रन रंजीत और एच एस राकेश के ऊपर एक बार फिर निगाहें होंगी। इन दोनों से टीम को काफी उम्मीदें होंगी। वहीं डिफेंस में बलदेव, रिंकू और संदीप कंडोला के ऊपर काफी ज्यादा दारोमदार होगा।

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