BCCI अध्यक्ष बनने वाले सभी भारतीय क्रिकेटर्स की लिस्ट

मिथुन मन्हास बीसीसीआई अध्यक्ष बनने वाले 10वें भारतीय क्रिकेटर हैं।
भारतीय क्रिकेट में सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि कई ऐसे नाम भी रहे हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद प्रशासनिक क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया। इन खिलाड़ियों ने मैदान पर रन और विकेट लिए, फिर BCCI में नेतृत्व की भूमिका निभाकर भारतीय क्रिकेट की दिशा तय की।
इस लिस्ट में शुरुआती दौर के कुछ अहम नाम शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के बुनियादी ढांचे को आकार दिया। वहीं, आधुनिक दौर में कुछ बड़े इंटरनेशनल स्टार भी हैं, जिन्होंने बोर्ड का नेतृत्व संभाला और कई अहम फैसलों का हिस्सा बने। आइए जानते हैं उन सभी भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में जिन्होंने BCCI प्रेसिडेंट बनकर इतिहास रचा।
ये है BCCI अध्यक्ष बनने वाले भारतीय क्रिकेटर्स की लिस्ट-
10. मिथुन मन्हास (2025–वर्तमान)

मिथुन मन्हास घरेलू क्रिकेट में एक भरोसेमंद नाम रहे हैं। उन्होंने 157 फर्स्ट क्लास मैचों में 9714 रन बनाए, जिसमें 27 शतक और 45.82 की औसत शामिल रही। लिस्ट ए क्रिकेट में भी उन्होंने 4126 रन बनाए और गेंदबाजी करते हुए 40 विकेट लिए।
मन्हास भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे लगातार प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाजों में से एक रहे। बतौर BCCI अध्यक्ष उनका कार्यभार हाल ही में शुरू हुआ है और उनसे उम्मीदें हैं कि वे घरेलू क्रिकेट को नई दिशा देंगे।
9. रोजर बिन्नी (2022–2025)
रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सफल ऑलराउंडरों में गिने जाते हैं। उन्होंने 136 फर्स्ट क्लास मैचों में 6579 रन बनाए और 205 विकेट लिए। लिस्ट ए क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड 1038 रन और 122 विकेट का रहा।
बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने ग्राउंड लेवल पर सुधार, नई नीतियों और घरेलू ढांचे को मजबूत करने पर फोकस किया। 2022 से 2025 तक उनके कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए गए।
8. सौरव गांगुली (2019–2022)

सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के आधुनिक युग के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं। उन्होंने 254 फर्स्ट क्लास मैचों में 15,687 रन बनाए, जबकि 437 लिस्ट ए मुकाबलों में 15,622 रन उनके नाम दर्ज हैं। गांगुली ने दोनों फॉर्मेट में 300 से ज्यादा विकेट भी लिए।
2019 में BCCI अध्यक्ष बनने के बाद गांगुली ने बोर्ड को अधिक प्रोफेशनल दिशा में ले जाने की शुरुआत की। उनके कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए गए, जिनका असर भारतीय क्रिकेट पर लंबे समय तक रहेगा।
7. अनुराग ठाकुर (2016–2017)
अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की ओर से एक फर्स्ट क्लास मैच खेला था, जिसमें उन्होंने बल्लेबाजी में कोई रन नहीं बनाया, लेकिन गेंदबाजी से दो विकेट लिए।
वे राजनीतिक और प्रशासनिक बैकग्राउंड से आते हैं और 2016 में BCCI अध्यक्ष बने। अपने कार्यकाल में उन्होंने क्रिकेट प्रशासन में पारदर्शिता और आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया।
6. राजसिंह डूंगरपुर (1996–1999)
राजसिंह डूंगरपुर राजस्थान के लिए 86 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1292 रन बनाए और 206 विकेट झटके। उन्होंने पांच बार चार विकेट और एक बार दस विकेट लेने का कारनामा किया।
उनका BCCI अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल 1996 से 1999 तक रहा। वे भारतीय क्रिकेट को पेशेवर ढांचे में ढालने वाले अहम प्रशासकों में से एक माने जाते हैं। उनके कार्यकाल में चयन नीति से लेकर युवा खिलाड़ियों को मौका देने तक कई बड़े बदलाव हुए।
5. रामप्रकाश मेहरा (1975–1977)
रामप्रकाश मेहरा ने दिल्ली और ईस्टर्न पंजाब की ओर से 34 फर्स्ट क्लास मैच खेले। इस दौरान उन्होंने उन्होंने तीन शतकों की मदद से 1607 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 209* रहा।
वह 1970 के दशक में BCCI अध्यक्ष बने और उस दौर में घरेलू क्रिकेट के स्तर को सुधारने के लिए कई पहल कीं। उनके नेतृत्व में दिल्ली क्रिकेट का भी ढांचा मजबूत हुआ।
4. फतेहसिंहजी गायकवाड़ (1963–1966)
फतेहसिंहजी गायकवाड़ ने 1963 से 1966 के बीच बड़ौदा के लिए 28 फर्स्ट क्लास मैच खेले। इस दौरान उन्होंने पांच अर्धशतकों की मदद से 831 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 99 रहा।
उन्होंने BCCI अध्यक्ष के रूप में भारतीय क्रिकेट में प्रशासनिक पारदर्शिता और वित्तीय स्थिरता को प्राथमिकता दी। उनका योगदान घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने में अहम रहा।
3. महाराज कुमार ऑफ विजयनगरम (1954–1956)
महाराज कुमार ऑफ विजयनगरम उर्फ विज्जी भारत के टेस्ट कप्तान भी रहे। उन्होंने तीन टेस्ट और 47 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें 1228 रन बनाए और पांच अर्धशतक शामिल रहे। उन्होंने चार विकेट भी लिए।
1954 से 1956 के बीच BCCI अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया और भारतीय टीम को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में काम किया।
2. एंथनी डी मेलो (1946–1951)
एंथनी डी मेलो को भारतीय क्रिकेट के संस्थापकों में गिना जाता है। उन्होंने 1946 से 1951 के बीच दिल्ली और बॉम्बे के लिए 11 फर्स्ट क्लास मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 82 रन बनाने के साथ 17 विकेट भी लिए और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/66 रहा।
BCCI अध्यक्ष के रूप में उन्होंने बोर्ड की संरचना को आकार दिया और भारतीय क्रिकेट को संगठित रूप देने में अग्रणी भूमिका निभाई।
1. एस. दिग्विजयसिंहजी (1937–1938)
एस. दिग्विजयसिंहजी ने 1937–38 में वेस्टर्न इंडिया की ओर से एक फर्स्ट क्लास मैच खेला। उन्होंने दो पारियों में कुल छह रन बनाए और गेंदबाजी या फील्डिंग में कोई आंकड़ा नहीं दर्ज हुआ।
वह शुरुआती दौर में BCCI अध्यक्ष बने और भारतीय क्रिकेट के प्रशासनिक ढांचे की नींव रखने वाले व्यक्तियों में शामिल रहे। उनका कार्यकाल उस समय रहा, जब भारतीय क्रिकेट अपने शुरुआती विकास के स्टेज में था।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे नाम रहे हैं, जिन्होंने पहले बल्ले और गेंद से प्रदर्शन किया और बाद में BCCI अध्यक्ष बनकर खेल के विकास की जिम्मेदारी संभाली। शुरुआती दौर के योगदान से लेकर आधुनिक समय के सुधारों तक, इन सभी ने अपने-अपने समय में भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
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