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फुटबॉल समाचार

'आईएसएल में इंडियन स्ट्राइकर्स को मौके नहीं मिल रहे'

Published at :January 28, 2020 at 9:41 PM
Modified at :January 28, 2020 at 9:51 PM
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Gagan


जमशेदपुर के लिए इस सीजन अब प्लेऑफ में पहुंचना लगभग नामुमकिन है।

पिछले कई वर्षों से इंडियन फुटबॉल टीम एक टॉप क्लास स्ट्राइकर की कमी से जूझ रही है। 2014 में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के शुरू होने के समय सभी को लगा था कि अब इंडिया के पास हर पोजिशन पर बहुत सारे ऑप्शन होंगे, लेकिन टीम लगातार अच्छे फॉरवर्ड प्लेयर्स की कमी से परेशान रही है। यहां तक की आईएसएल में भी लगभग सभी टीमों ने विदेशी प्लेयर्स को ही अपने नंबर-1 स्ट्राइकर के रूप में चुना है। इंडियन फुटबॉल टीम और लीग में जमशेदपुर एफसी के लिए खेलने वाले फॉरवर्ड फारुख चौधरी ने खेल नाओ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में इसका कारण बताया। [KH_ADWORDS type="3" align="center"][/KH_ADWORDS] फारुख ने कहा, "हम यह नहीं कह सकते कि सभी टीमें विदेशी प्लेयर्स पर निर्भर हैं। मैं समझता हूं कि बाहर के स्ट्राइकर्स को ज्यादा गेम टाइम मिलता है, इंडियन प्लेयर्स को उस पोजिशन पर ज्यादा गेम टाइम नहीं मिलता है। टीमों के पास विदेशी स्ट्राइकर हैं और जब 10 मैचों के बाद कोच किसी इंडियन स्ट्राइकर को मौका देता है तो उस पर अच्छा प्रदर्शन करने का बहुत दबाव होता है।" "अगर कोई इंडियन स्ट्राइकर बेहतरीन प्रदर्शन नहीं करता तो लोगों को लगता है कि वह एक अच्छा प्लेयर नहीं है। जहां तक मैं जानता हूं ऐसा ही है। अगर किसी को गेम टाइम नहीं मिल रहा तो वह जरूर रोज ट्रेनिंग कर रहा होगा, लेकिन किसी स्ट्राइकर को उसकी पोजिशन पर नहीं खिलाया जाए तो वह उस पोजिशन पर अच्छा नहीं खेल सकता। अपनी पोजिशन पर बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए आपको गेम टाइम चाहिए होता है।" फारुख कहते हैं, "लीग में इंडियन स्ट्राइकर्स को ज्यादा मैके नहीं मिल रहे हैं जिसके कारण उनको जरूरी अनुभव नहीं मिल पा रहा और वे बेहतर खिलाड़ी नहीं बन पा रहे हैं। हालांकि, अगर आप वर्क रेट देखें तो इंडियन स्ट्राइकर्स पहले की तुलना में अभी थोड़े बेहतर हुए हैं। मैं गोल करने के बारे में बात नहीं करुंगा क्योंकि मैं खुद गोल नहीं कर पा रहा हूं, लेकिन बाकी चीजों में बहुत बदलाव आया है।" [KH_ADWORDS type="4" align="center"][/KH_ADWORDS]

देश के लिए खेलना मोटिवेट करता है

कैप्टन फैनटास्टिक सुनील छेत्री के अलावा, इंडियन टीम को अभी दूसरे स्ट्राइकर को ढूंढ़ने में काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में फारुख के पास नेशनल टीम में अपनी जगह पक्की करने का सुनहरा मौका है। फारुख ने कहा, "यह मेरी प्राथमिकता नहीं है। मुझे अपने देश को रिप्रजेंट करने का मौका मिल रहा है और यह चीज मुझे सबसे ज्यादा मोटिवेट करती है। इंडिया में अरबों लोग हैं और केवल 20 ​ही नेशनल टीम के लिए चुने जाते हैं और मुझे यह बात बहुत ज्यादा मोटिवेट करती है। जाहिर तौर पर मैं गोल करना चाहता हूं और उस पर काफी काम भी कर रहा हूं, जैसे-जैसे मुझे मौके मिलते जाएंगे मैं बेहतर होता जाऊंगा।" "सीजन में नेशनल टीम का कैम्प बहुत कम समय के लिए लगता है कि ऐसे में एकजुट होकर लय में खेल पाना थोड़ा मुश्किल होता है। अबतक जो कैम्प हुए हैं उसमें मैं यह समझ चुका हूं कि कोच क्या चाहते हैं और क्या नहीं। हम पूरी तरह से छेत्री भाई पर भी निर्भर नहीं रहना चाहते, वह एक लेजेंड है लेकिन मैच में अच्छा प्रदर्शन करना हम सबकी जिम्मेदारी है। मैं भी देश के लिए गोल करना चाहता हूं और अपने देश को गौरवान्वित करना चाहता हूं।" [KH_ADWORDS type="2" align="center"][/KH_ADWORDS]

कश्मीर के प्लेयर्स का लीग में खेलना महत्वपूर्ण

फारुख अपने छोटे से करियर में कश्मीर के क्लब लोनस्टार कश्मीर एफसी के लिए भी खेल चुके हैं। फिलहाल, आई-लीग में घाटी से रियल कश्मीर एफसी की टीम खेलती है। फॉरवर्ड खिलाड़ी ने माना कि इंडिया में होने वाली फुटबॉल लीग में कश्मीर के किसी क्लब का खेलना बहुत महत्वपूर्ण है। [KH_RELATED_NEWS title="Related News|आर्टिकल नीचे जारी है"][/KH_RELATED_NEWS] उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण है। घाटी में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो बहुत बढ़िया खेलते हैं। मुझे सही में नहीं पता था कि कश्मीर के लोगों को फुटबॉल इतना ज्यादा पसंद है, लेकिन मैं जब लोनस्टार में गया तब मुझे यह एहसास हुआ। कई सारे फैन्स हमारा मैच देखने आते थे और वहां प्लेयर्स में भी काफी क्वॉलिटी है, वह अच्छा करना चाहते हैं।" आईएसएल की टेबल में फारुख की टीम फिलहाल, 16 अंकों के सातवें पायदान पर का​बिज है। उसका अगला मुकाबला रविवार को एटीके से होगा। पिछले मैच में उसे दो बार की चैम्पियन चेन्नइयन एफसी के खिलाफ 4-1 से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
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