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कबड्डी न्यूज

"बड़े नामों से नहीं पड़ता है फर्क" PKL 11 से पहले फजल अत्राचली का बड़ा बयान: Exclusive

Published at :October 16, 2024 at 11:04 PM
Modified at :October 16, 2024 at 11:04 PM
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Rahul Gupta


लीग के इतिहास के सबसे सफल डिफेंडर ने खुलकर कई मुद्दों पर बात की।

प्रो कबड्डी लीग के 11वें सीजन (PKL 11) के लिए बंगाल वारियर्स ने लीग के इतिहास के सबसे सफल डिफेंडर फजल अत्राचली को अपनी टीम में शामिल किया है। फजल को आगामी सीजन के लिए टीम का कप्तान भी नियुक्त किया गया है। उनकी कप्तानी में बंगाल वारियर्स इस वक्त जमकर ट्रेनिंग कर रही है। बंगाल ने सातवें सीजन का खिताब जीता था और उसके बाद से दोबारा टाइटल नहीं जीते हैं। ऐसे में फजल अत्राचली की अगुवाई में टीम एक बार फिर टाइटल अपने नाम करना चाहेगी। बंगाल वारियर्स की टीम इस बार काफी जबरदस्त नजर आ रही है।

नए सीजन से पहले बंगाल वारियर्स के कप्तान फजल अत्राचली ने खेल नाउ से एक्सक्लूसिव बातचीत की और इस दौरान कई सारे खुलासे किए।

“नितेश कुमार और मनिंदर सिंह के होने से मैं खुलकर खेल सकुंगा”

बंगाल वारियर्स की टीम में इस बार नितेश कुमार भी हैं, जिनके नाम एक सीजन में 100 टैकल प्वॉइंट लेने का रिकॉर्ड है। राइट कॉर्नर पर उनके आने से टीम का डिफेंस और भी मजबूत हो गया है। इसके अलावा मनिंदर सिंह पहले से ही मौजूद थे। फजल अत्राचली के मुताबिक इन दो बड़े खिलाड़ियों के होने की वजह से वो खुलकर खेल सकेंगे।

उन्होंने कहा “हमारी तैयारी काफी अच्छी चल रही है। बंगाल वारियर्स की टीम शानदार है और कोच भी काफी अच्छे हैं। हर दिन हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं। जब आप फ्री माइंड होकर खेलते हैं तो फिर नई-नई स्किल को ट्राई करते हैं। कप्तानी को लेकर मेरे ऊपर कोई इतना दबाव नहीं है, क्योंकि मैं काफी समय से पीकेएल में कप्तानी कर रहा हूं।

मैं 2013 से ही अलग-अलग टीमों का कप्तान रहा हूं। ईरान नेशनल टीम से लेकर पीकेएल में कई सारी टीमों की कप्तानी की है। अच्छी बात यह है कि हमारी टीम में नितेश कुमार और मनिंदर सिंह जैसे खिलाड़ी हैं। अगर कभी मैंने अच्छा नहीं खेला तो फिर ये दोनों प्लेयर टीम को संभाल सकते हैं। मैं अब खुलकर खेल सकता हूं।”

यहां देखिए पूरा इंटरव्यू:

“हर सीजन निरंतरता के साथ खेलने का राज”

फजल अत्राचली पीकेएल इतिहास में 400 टैकल प्वॉइंट हासिल कर चुके हैं। अभी तक किसी और डिफेंडर के नाम इतने प्वॉइंट नहीं हैं। फजल ने बताया कि सीजन दर सीजन उनकी सफलता का राज क्या है।

उन्होंने कहा “मेरा यही मानना है कि अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने काम से प्यार होना चाहिए। मैं इस गेम को इसलिए खेलता हूं, क्योंकि मुझे यह खेल पसंद है। मैं इसलिए नहीं खेलता हूं कि मुझे फेमस होना है। मैं अपने गेम को काफी इंज्वॉय करता हूं। अगर आप अपने गेम को इंज्वॉय करेंगे तो सफलता हासिल करेंगे। लेकिन अगर आप पैसे के लिए खेलेंगे तो फिर एक बार पैसे मिलने के बाद आप थक जाएंगे। आपके अंदर वो ट्रेनिंग और मेहनत करने की चाह नहीं रहेगी।”

“बड़े नामों से नहीं पड़ता है फर्क”

सुल्तान फजल अत्राचली ने बताया कि जब वो फॉर्म में होते हैं तो फिर उन्हें फर्क नहीं पड़ता है कि सामने कितना बड़ा खिलाड़ी है। उनके मुताबिक अगर वो लय में हैं तो फिर उनके सामने कोई भी आ जाए, उन्हें उसकी चिंता नहीं होती है।

उन्होंने कहा “मैं किसी खिलाड़ी या किसी बड़े नाम की परवाह नहीं करता हूं। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। खिलाड़ी को उसके नाम से नहीं काम से पहचाना जाना चाहिए। अगर फजल अत्राचली इतना बड़ा नाम है और वो अच्छा नहीं खेल रहा है तो उसका कोई मतलब नहीं है। अगर मैं अच्छा खेल रहा हूं तो सामने कौन सा खिलाड़ी है मुझे परवाह नहीं है। अगर मैं खराब खेलता हूं तो फिर हर एक विरोधी खिलाड़ी मुझे मुश्किल लगेगा।”

सिर्फ एक खिलाड़ी के दम पर नहीं बना जा सकता चैंपियन

बंगाल वारियर्स के कप्तान के मुताबिक अगर सीजन टीम को चैंपियन बनना है तो फिर सबको बेहतर करना होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक या दो खिलाड़ियों के दम पर टीम ट्रॉफी नहीं जीत सकती है।

फजल अत्राचली ने कहा “एक या दो खिलाड़ी मिलकर आपको ट्रॉफी नहीं जिताते हैं। इसके लिए पूरी टीम को अच्छा खेलना होता है। जैसे पवन सेहरावत इतने बड़े खिलाड़ी हैं। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन भी किया। वो तेलुगु टाइटंस का हिस्सा थे लेकिन टाइटंस की टीम उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, क्योंकि पूरी टीम मिलकर खराब खेली। जब आपका डिफेंस और अटैक दोनों अच्छा खेलेगा तभी टाइटल जीत सकते हैं।”

रिकॉर्ड्स पर नहीं रहता है मेरा ध्यान

फजल अत्राचली पीकेएल इतिहास के सबसे सफल डिफेंडर हैं। उन्होंने सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट अपने नाम किए हैं। हालांकि उनका कहना है कि वो रिकॉर्ड्स पर ध्यान नहीं देते हैं। वो बस टीम को चैंपियन बनाने के बारे में सोचते हैं। उन्हें चैंपियन खिलाड़ी कहलाना ज्यादा पसंद है।

फजल ने इस बारे में कहा “मैं कभी रिकॉर्ड्स पर ध्यान नहीं देता। जब आप कोई रिकॉर्ड बनाते हैं तो फिर वो आपको एक या दो घंटे की खुशी दे सकता है। इसके बाद कोई खिलाड़ी आएगा और आपका भी रिकॉर्ड तोड़ देगा। मेरे लिए मायने यह रखता है कि आपकी टीम कैसे चैंपियन बने। क्योंकि यही देखा जाता है कि किस टीम ने टाइटल जीता था और किस खिलाड़ी के नाम के आगे चैंपियन लिखा है। यह चीज मेरे लिए ज्यादा अहम है।”

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