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कबड्डी न्यूज

PKL 11: मैं बस खेलने का आनंद ले रहा हूं, तेलुगू टाइटंस के कप्तान पवन सहरावत ने दिया बड़ा बयान

Published at :November 7, 2024 at 7:00 PM
Modified at :November 7, 2024 at 7:00 PM
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Neeraj


तेलुगू टाइटंस ने लगातार तीन जीत हासिल की है।

प्रो कबड्डी लीग के 11वें सीजन (PKL 11) में तेलुगू टाइटंस का धमाकेदार प्रदर्शन लगातार जारी है। पवन सहरावत की कप्तानी वाली टाइटंस ने बीते बुधवार को जीत की हैट्रिक लगाई है। सीजन की शुरुआत में थोड़ी डगमगाती दिख रही टाइटंस फिलहाल सही रास्ते पर जाती दिख रही है।

तमिल थलाइवाज के खिलाफ केवल एक पॉइंट के अंतर से मैच जीतने के बाद टाइटंस का खेमा काफी खुश दिखा। मैच के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में टाइटंस के कोच, कप्तान और सीईओ ने हिस्सा लिया। इस दौरान पवन ने एक बड़ा खुलासा किया। आइए जानते हैं पवन ने क्या कहा।

मैं बस मजे ले रहा हूं – पवन सहरावत

तेलुगू टाइटंस के कप्तान पवन सहरावत ने एक और सुपर-10 लगाया। इस मैच में देखा गया कि पवन काफी सहज होकर खेल रहे थे और उनके ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं दिख रहा था। पवन ने बताया है कि अब वह दबाव लेकर खेलना छोड़ चुके हैं।

पवन ने कहा, “मैच और आसानी से खत्म कर सकते थे। जब मैं सुपर टैकल हुआ तो हम पांच पॉइंट से आगे थे। अगर मैं बच जाता तो 10-11 पॉइंट की लीड हो जाती और मैच इतना क्लोज जाता ही नहीं। मैं तो बस मजे ले रहा था। एक होता है कि आप मैच का दबाव लेकर खेलते हैं और एक होता है कि आप मैच के मजे लेते हो। मैं पिछले 3-4 मैचों से मजे लेने के लिए खेल रहा हूं।” 

चार साल में पहली बार देखी जीत की हैट्रिक – टाइटंस सीईओ

टाइटंस के सीईओ ने बताया कि वह टीम की हर प्रैक्टिस सेशन में जाते हैं और देखते हैं कि कैसे कोच और सीनियर्स टीम के नए खिलाड़ियों को समझाते हैं। उन्होंने टीम के विजयी लय पर भी टिप्पणी की है।

उन्होंने कहा, “बहुत खुश हूं टीम की जीत को लेकर। युवा खिलाड़ी हैं टीम में जिन्हें कोच और सीनियर खिलाड़ियों का अच्छा साथ मिल रहा है। चार साल में पहली बार जीत की हैट्रिक देखा है तो मैं बहुत खुश हूं।”

कोच का मोटिवेशन हटा रहा दबाव – पवन

पवन ने बताया कि पिछले 3-4 मैचों में दबाव के बिना वो केवल इसलिए खेल पा रहे हैं क्योंकि उनके कोच ने उनके ऊपर से सारा दबाव हटा दिया है। 

उन्होंने कहा, “सुबह ही प्रैक्टिस के दौरान मैं कोच के साथ बैठा था। मेरे दिमाग में कई बार चलता रहता है कि टीम को टॉप-6 में तो हर हाल में रखना ही है। विजय भी थोड़ा दबाव लेता रहता है। लेकिन जब कोच साहब बुलाकर बात करते हैं तो सब दबाव खत्म हो जाता है। कोच ने कहा कि तू मेरे बेटे जैसा है बिना दबाव के खुलकर खेल और बस मैं बेफिक्र हो गया।”

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