PKL 11 में तेलुगू टाइटंस की ताकतें और कमजोरियां
टीम इस बार काफी संतुलित नजर आ रही है।
प्रो कबड्डी लीग के 11वें सीजन (PKL 11) के लिए तेलुगू टाइटंस ने कई सारे खिलाड़ियों को रिटेन किया था, लेकिन पिछली बार की तुलना में 11वें सीजन का स्क्वाड काफी मजबूत नजर आ रहा है। यह टीम आखिरी बार सीजन 4 में प्लेऑफ तक पहुंची थी और पिछले 3 सीजन प्वाइंट्स टेबल में आखिरी स्थान पर रही है। इसलिए इस बार टाइटंस की नजरें सबको गलत साबित करने की होंगी।
दसवें सीजन में तेलुगू टाइटंस के कोच श्रीनिवास रेड्डी थे, लेकिन इस बार इस फ्रैंचाइजी ने कृष्ण कुमार हूडा को कोच बनाया है। हूडा, जो भारतीय नेशना कबड्डी टीम के भी कोच रह चुके हैं। आगामी सीजन में टाइटंस को फिर से पवन सहरावत और उनके साथ कृष्णा ढुल जैसे टॉप कबड्डी डिफेंडर भी टाइटंस के स्क्वाड को मजबूती दे रहे होंगे। तो चलिए जानते हैं कि 11वें सीजन में तेलुगू टाइटंस का मजबूत और कमजोर पक्ष क्या रहने वाला है।
टीम का मजबूत पक्ष
ऑलराउंडर और रेडिंग यूनिट काफी दमदार
तेलुगू टाइटंस की सबसे बड़ी ताकत पवन सहरावत होंगे, जिन्हें टीम ने ऑक्शन में फाइनल बिड मैच कार्ड का इस्तेमाल करके 1.725 करोड़ रुपये में खरीदा है। सहरावत ने इस बार ऑक्शन में खुद को ऑलराउंडर खिलाड़ियों की सूची में रखा था, इसलिए उन्हें इस बार एक कवर डिफेंडर के रूप में भी देखा जा सकता है।
टाइटंस के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि उनके पास ऑलराउंडर खिलाड़ियों की भरमार है। टीम ने विजय मलिक को 20 लाख रुपये में खरीदा था, जो पीकेएल इतिहास के सबसे अनुभवी बेस्ट और ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक हैं। वहीं संजीवी एस को टीम ने रिटेन किया था। रेडिंग की बात करें तो इस बार टाइटंस की ड्रेस में मंजीत शर्मा की स्पीड देखने योग्य रहेगी। रेडिंग में उन्हें ओमकार पाटिल और प्रफुल जावारे का भी साथ मिल रहा होगा।
कोच कृष्ण कुमार ढुल टीम को चैंपियन बनाना जानते हैं
इस अबके अलावा डिफेंस में कृष्णा ढुल का आना तेलुगू टाइटंस के डिफेंस को मजबूती दे रहा होगा। उनपर ऑक्शन में 70 लाख रुपये की बोली लगी थी। उनका साथ देने के लिए स्क्वाड में अजीत पवार, अंकित और मिलाद जब्बारी भी हैं। कई सारे ऑल-राउंडर डिफेंस में भी अपना योगदान दे रहे होंगे। एक मजबूत पक्ष यह भी है कि कोच कृष्ण कुमार ढुल भारतीय टीम को कई सारी ट्रॉफी जिता चुके हैं और अब तेलुगू टाइटंस को भी उनसे वही उम्मीद होगी।
टीम का कमजोर पक्ष
सीजन 4 के बाद प्लेऑफ में ना जाने का दबाव
तेलुगू टाइटंस के सामने 11वें सीजन में एक बड़ी चुनौती यह होगी कि उनके कंधों पर इस बार प्लेऑफ में जाने का अत्यधिक दबाव होगा। यह टीम सीजन 4 से इस मौके का इंतज़ार कर रही है। टीम बहुत अच्छी है, लेकिन इस दबाव में कहीं टीम दोबारा ना बिखर जाए। टीम के सामने एक अन्य चुनौती यह भी होगी कि मंजीत और विजय मलिक के लिए पिछला सीजन ज्यादा बढ़िया नहीं रहा था। दोनों ने क्रमशः पिछले सीजन 43 और 63 प्वाइंट बटोरे थे। उनकी फॉर्म इस बार भी टाइटंस के लिए बड़ी चिंता का विषय बन सकती है।
इन खिलाड़ियों पर रहेंगी नजरें
इस बात में कोई संदेह नहीं कि तेलुगू टाइटंस ने इस बार एक सुव्यवस्थित टीम की रचना की है। पवन सहरावत एक बार फिर टाइटंस का केंद्र होंगे, उनके अलावा कृष्णा ढुल से डिफेंस में टीम को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं, इसलिए उनका अच्छा करना बहुत जरूरी है। विजय मलिक और मंजीत की जोड़ी पहले दिल्ली के लिए खेल चुकी है, इसलिए उनकी जोड़ी से तेलुगू टाइटंस को काफी उम्मीदें होंगी।
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