एक्सक्लूसिव- मनप्रीत सिंह: हमारी नजरें प्वॉइंट्स टेबल पर नहीं बल्कि ट्रॉफी जीतने पर है
(Courtesy : PKL )
गुजरात के कोच के मुताबिक उनकी टीम का टार्गेट सिर्फ टाइटल जीतना है।
प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में लगातार मैचों का सिलसिला जारी है और इसके साथ ही प्लेऑफ में जाने की जंग भी तेज हो गई है। सभी टीमें प्लेऑफ में जाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं और इसी वजह से अब फैंस को और भी रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। मनप्रीत सिंह द्वारा कोच की जा रही गुजरात जायंट्स भी अंतिम 6 में पहुंचने की जद्दोजहद में है। टीम अभी 17 मैचों में 6 जीत के साथ 9वें पायदान पर है और रेस में बने रहने के लिए उन्हें अपने सभी मुकाबले जीतने होंगे।
गुजरात जायंट्स के कोच मनप्रीत सिंह ने खेल नाओ से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि उनकी टीम प्लेऑफ को लेकर कितनी सजग है और आने वाले मैचों के लिए उनकी क्या रणनीति रह सकती है। कोच का मानना है कि पीकेएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में हर एक टीम का अच्छा और खराब दौर आता है और इसी वजह से वो कभी हार नहीं मानते हैं। उन्हें अभी प्लेऑफ में जाने की पूरी उम्मीद है।
उन्होंने कहा, "पिछले कुछ मुकाबलों से हमारा परफॉर्मेंस काफी अच्छा रहा है। किसी भी टीम का अप-डाउन चलता रहता है। कभी कोई मुकाबला हम हारेंगे तो कभी जीतेंगे, क्योंकि ये काफी लंबा टूर्नामेंट होता है और इसी वजह से आप हर बार एक जैसा परफॉर्मेंस नहीं दे सकते हैं। वहीं इस गेम में इंजरी भी लगातार होती रहती है और इसका असर भी हमारी टीम पर पड़ा है। जैसे ही अनुभवी खिलाड़ी वापस टीम में लौटे हमने अच्छा खेल दिखाया।"
प्वॉइंट्स टेबल में नीचे होने से मनोबल घटा नहीं
गुजरात जायंट्स की टीम इस वक्त लीग के प्वॉइंट्स टेबल में भले ही काफी नीचे मौजूद है लेकिन मनप्रीत सिंह को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उनके मुताबिक वो यहां पर सिर्फ और सिर्फ ट्रॉफी जीतने आते हैं और प्वॉइंट्स टेबल की चिंता उन्हें नहीं होती है।
उन्होंने बताया, "प्लेऑफ की चिंता उन्हें होती है जो यहां पर केवल मैच खेलने आते है। जो ट्रॉफी उठाने आते हैं उन्हें प्लेऑफ या प्वॉइंट्स टेबल की चिंता नहीं होती है। गुजरात जायंट्स को प्वॉइंट्स टेबल से कोई मतलब नहीं होता है। हम चाहे आखिरी पायदान पर रहें या पहले पायदान पर, हमारा एक ही टार्गेट होता है और वो है पीकेएल का टाइटल। हमें प्वॉइंट्स टेबल नहीं बल्कि ट्रॉफी दिखती है।"
कोच का कहना है कि उनकी टीम चाहे सारे मुकाबले हार जाए लेकिन वो कभी कोई प्रेशर नहीं लेते हैं और हमेशा उनके प्लेयर 'चार्जड-अप' रहते हैं। उन्होंने कहा, "हमारी टीम में किसी भी प्लेयर के ऊपर कोई भी दबाव नहीं होता है। सारा दबाव केवल कोच पर होता है, क्योंकि उसे मीडिया और मैनेजमेंट को जवाब देना होता है। हालांकि मैं ऐसा कोच हूं जो दबाव नहीं लेता और इसी वजह से प्रेशर शब्द हमारी डिक्शनरी में नहीं है।"
इस सीजन हो रहे हैं रोमांचक मुकाबले
हमें पीकेएल सीजन 8 में कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले हैं। इस सीजन ज्यादातर मैच टाई पर समाप्त हो रहे हैं और हर एक टीम काफी मजबूत लग रही है। कोच ने इसका बड़ा कारण बताया।
मनप्रीत सिंह ने कहा, "इस बार कोई भी टीम सिर्फ एक प्लेयर पर डिपेंड नहीं है। पवन या नवीन ना चलें तो उनकी टीमों को अधिक फर्क नहीं पड़ता है। सभी 12 की 12 टीमें अपने सभी खिलाड़ियों के ऊपर निर्भर रहती हैं। यहां पर हर एक टीम काफी तगड़ी है और कोई भी टीम किसी को भी हरा सकती है। इसका श्रेय मैं हर एक टीम के मैनेजमेंट को देना चाहूंगा, जिन्होंने काफी बैलेंस्ड टीम चुनी।"
अजय और प्रदीप के बेहतरीन प्रदर्शन के पीछे की वजह
गुजरात जायंट्स ने सीजन के शुरूआत में राकेश नरवाल और राकेश संग्रोया को रेडिंग में मौका दिया लेकिन अब अजय और प्रदीप को खिलाया जा रहा है। दोनों ही प्लेयर्स काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बारे में कोच ने कहा, "मुझे पहले से ही पता था कि ये प्लेयर्स अच्छे हैं और मैट पर सबको प्रभावित करेंगे। हालांकि, बस इन्हें मौका मिलने की बात थी। सीजन 6 में भी अजय हमारे साथ थे लेकिन उस सीजन उन्हें केवल दो ही मैचों में खेलने का मौका मिला था। पीकेएल 7 का वो हिस्सा नहीं थे और इस सीजन एक बार फिर वो हमारी टीम का हिस्सा हैं। अजय एक बहुत ही अच्छे प्लेयर हैं और मौका मिलने पर अपना 100 प्रतिशत देते हैं।"
गुजरात जायंट्स की सबसे बड़ी ताकत उनका डिफेंस है। टीम में एक से बढ़कर एक कई बेहतरीन डिफेंडर्स हैं। प्रवेश भैंसवाल, सुनील कुमार और रविंदर पहल जैसे डिफेंडर्स गुजरात के पास हैं। मनप्रीत सिंह ने इन तीनों ही डिफेंडर्स को लेकर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, "रविंदर पहल के आगे रेड करने से पहले रेडर्स को एक बार सोचना पड़ता है। वो एक ब्रांड खिलाड़ी हैं और उनका काफी खौफ होता है। यही वजह है कि उनकी इंजरी से टीम पर बड़ा असर पड़ता है और उनके आने से टीम का मनोबल बढ़ जाता है। रविंदर के होने से टीम बहुत कम ही मैच हारती है। प्रवेश और सुनील की ताकत एक ही जैसी है और इनके मैट पर रहने से आप मैच नहीं हार सकते हैं। ये दोनों ही प्लेयर किसी भी पोजिशन पर खेल सकते हैं। ऐसे प्लेयर बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। प्रवेश भैंसवाल के पास हर तरह का मूवमेंट है।"
पीकेएल का महत्व
मनप्रीत सिंह ने बताया कि पीकेएल का आयोजन कोरोना की वजह से दो साल नहीं होने से प्लेयर्स पर कितना असर पड़ा। उनके मुताबिक पीकेएल के बिना कबड्डी अधूरा है।
उन्होंने कहा, "पीकेएल अगर नहीं होता तो कबड्डी का कोई वजूद ही नहीं रह जाता। पीकेएल के वजह से ही कबड्डी इतनी मशहूर हुई है। इसके अलावा इस लीग से कई युवा प्लेयर्स को रोजगार भी मिलता है और उनको पैसे कमाने के मौके भी मिलते हैं। यही वजह है कि प्रो कबड्डी लीग हमारे लिए काफी अहम है।"
बायो-बबल में लीग का आयोजन
कोरोनावायरस की वजह से इस बार प्रो कबड्डी लीग का आयोजन केवल एक ही जगह पर किया जा रहा है। सारे मैचों का आयोजन बेंगलुरू में ही हो रहे हैं और प्लेयर्स को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है। जसवीर सिंह के मुताबिक इससे सभी टीमों को काफी फायदा हो रहा है।
मनप्रीत ने कहा, “ पीकेएल की सभी टीमों को अब अधिक ट्रैवल नहीं करना पड़ता है। यहां पर हर चीज की सुविधा काफी शानदार है। जिम, प्रैक्टिस की व्यवस्था और खाना सबकुछ काफी अच्छा है। खिलाड़ियों का मुख्य फोकस केवल मैच खेलने और ट्रेनिंग पर ही है। यहां पर सुविधाएं काफी अच्छी हैं और इसी वजह से किसी को कोई भी दिक्कत नहीं हो रही है। हम साथ में रहते हैं, कबड्डी खेलते हैं और अपने बेस्ट देने की कोशिश करते हैं। ”
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