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प्रो कबड्डी लीग सीजन 8 में तेलुगु टाइटंस की स्ट्रेंथ और वीकनेस

Published at :September 29, 2021 at 11:59 PM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : ProKabaddiLeague)

Gaurav Singh


टीम को इस सीजन विशाल भारद्वाज की कमी खल सकती है।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) सीजन 8 की एक लंबे अंतराल के बाद वापसी हो रही है। अगस्त में ऑक्शन हुआ और इसके साथ ही एक और रोमांचक सीजन का बिगुल भी बज गया। नीलामी के दौरान सभी टीमों ने जमकर बोली लगाई और कई बेहतरीन प्लेयर्स का चयन किया। कई खिलाड़ी एक टीम से दूसरे टीम में गए और इस बार नए फ्रेंचाइजी की तरफ से खेलते हुए नजर आएंगे।

तेलुगु टाइटंस की टीम ने भी ऑक्शन के दौरान कई बेहतरीन प्लेयर्स का चयन किया तो वहीं कई शानदार प्लेयर्स इस सीजन उनकी टीम का हिस्सा नहीं होंगे। हम आपको इस आर्टिकल में तेलुगु टाइटंस के स्ट्रेंथ और वीकनेस के बारे में बताते हैं।

टीम की स्ट्रेंथ

सिद्धार्थ देसाई और रोहित कुमार के रूप में दो बेहतरीन रेडर मौजूद

तेलुगु टाइटंस ने इस बार अपना अटैक काफी मजबूत किया है। रेडिंग डिपार्टमेंट में टीम के पास सिद्धार्थ देसाई के अलावा रोहित कुमार भी मौजूद रहेंगे। उनके आने से प्रो कबड्डी लीग में टीम का रेडिंग डिपार्टमेंट काफी मजबूत हो गया है।

रोहित कुमार को तेलुगु टाइटंस ने 36 लाख की रकम में खरीदा था और उनके पास काफी एक्सपीरियंस है। उन्होंने अपने प्रो कबड्डी लीग में करियर में 670 रेड प्वॉइंट हासिल किए हैं और अपनी कप्तानी में बेंगलुरू बुल्स को पीकेएल का टाइटल भी जिता चुके हैं। पांचवें सीजन में रोहित कुमार दूसरे सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले प्लेयर थे। तीसरे सीजन में अपने डेब्यू से लेकर अभी तक उन्होंने हर सीजन में कम से कम 100 रेड प्वॉइंट जरूर हासिल किए हैं और उनके आने से तेलुगु टाइटंस को काफी मजबूती मिली है।

सिद्धार्थ देसाई और रोहित कुमार मिलकर टीम को काफी सफलता दिला सकते हैं। इसके अलावा असिस्ट रेडर के रूप में उनके पास राकेश गौड़ा जैसे बेहतरीन रेडर भी मौजूद हैं जिनका परफॉर्मेंस पिछले सीजन काफी अच्छा रहा था।

डिफेंस में सुरेंदर सिंह की मौजूदगी

सुरेंदर सिंह आगामी सीजन तेलुगु टाइटंस का हिस्सा होंगे। पिछले सीजन उन्होंने यू-मुम्बा की तरफ से खेलते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया था। सुरेंदर सिंह यू-मुम्बा के यंग प्लेयर पूल ऑफ फ्यूचर कबड्डी से सेलेक्ट किए गए थे । उन्होंने प्रो कबड्डी लीग के 5वें सीजन में यू-मुम्बा की तरफ से सबसे ज्यादा 58 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। इसके अलावा सुरेंदर सिंह असिस्ट काफी अच्छा देते हैं। वो छठे सीजन में 100 असिस्ट देने वाले पीकेएल इतिहास के पहले प्लेयर बने।

वीकनेस

डिफेंस में विशाल भारद्वाज की कमी खलेगी

विशाल भारद्वाज को तेलुगु टाइटंस ने ऑक्शन से पहले रिलीज कर दिया था और वो आगामी सीजन में टीम का हिस्सा नहीं होंगे। छठे सीजन में उन्होंने तेलुगु टाइटंस की कप्तानी की थी। महज 21 साल की उम्र में उन्होंने टीम का नेतृत्व किया और लेफ्ट कॉर्नर में बेहतरीन खेल भी दिखाया। विशाल भारद्वाज लगातार तीन सीजन में 60 या उससे ज्यादा टैकल प्वॉइंट हासिल करने वाले प्रो कबड्डी लीग इतिहास के पहले खिलाड़ी हैं।

पांचवें सीजन में उन्होंने 71 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। छठे सीजन में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और सातवें सीजन में भी 62 टैकल किए थे। विशाल भारद्वाज एंकल होल्ड स्पेशलिस्ट हैं और खास बात ये है कि उनकी टाइमिंग लाजवाब होती है और लेफ्ट कॉर्नर में इस बार उनकी कमी टीम को काफी खलने वाली है।

डिफेंडर्स के पास निरंतरता की कमी

तेलुगु टाइटंस ने इस बार डिफेंस में हर एक पोजिशन के लिए बैकअप रखा हुआ है। हालांकि उनके सामने प्रॉब्लम ये है कि जितने भी डिफेंडर टीम में हैं वो लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उनके अंदर निरंतरता की कमी रही है। ऋतुराज कोरावी, सी अरुण और सुरेंदर सिंह का परफॉर्मेंस लगातार अच्छा नहीं रहा है।

सुरेंदर सिंह के साथ देखा गया है कि यू-मुम्बा के साथ खेलते हुए उन्होंने कई बार जल्दबाजी में कुछ टैकल करने की कोशिश की थी और उसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा था। ऋतुराज कोरावी ने भी प्रो कबड्डी लीग में 40 मुकाबले खेले हैं लेकिन इस दौरान उन्होंने सिर्फ 64 टैकल प्वॉइंट हासिल किए हैं और इससे साफ पता चलता है कि उन्होंने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन नहीं किया है।

वहीं एक और प्रमुख डिफेंडर संदीप कंडोला लंबे समय बाद प्रो कबड्डी लीग में वापसी कर रहे हैं। ऐसे में उनके ऊपर काफी प्रेशर रहेगा और इससे उनके परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है। उन्होंने दूसरे सीजन में बेस्ट डेब्यूटेंट का अवॉर्ड जीता था लेकिन उसके बाद से पीकेएल में नहीं खेले। सर्विसेज की तरफ से खेलते हुए सीनियर नेशनल्स कबड्डी चैंपियंनशिप में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन प्रो कबड्डी लीग का प्रेशर एक अलग तरह का होता है और इतने लंबे गैप के बाद वापसी करना उनके लिए आसान नहीं होगा।

प्रो कबड्डी लीग एक लंबा टूर्नामेंट होता है और अगर आपको टाइटल जीतना है तो फिर पूरे टूर्नामेंट के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। तेलुगु टाइटंस को यहां पर दिक्कतें हो सकती हैं। उनके पास डिफेंस में अनुभव की कमी है।

टीम में एक भी ऑलराउंडर का ना होना

आमतौर पर प्रो कबड्डी लीग में सभी फ्रेंचाइजी कम से कम 2-3 ऑलराउंडर अपनी टीम में जरूर रखती हैं ताकि टीम का बैलेंस बना रहे। हैरानी की बात ये है कि तेलुगु टाइटंस के पास एक भी ऑलराउंडर मौजूद नहीं है और ये उनके लिए काफी घातक साबित हो सकता है।

टीम

रेडर - अमित चौहान, अंकित बेनीवाल, राजू गल्ला, युन्शु पार्क, रजनीश, राकेश गौड़ा, रोहित कुमार और सिद्धार्थ देसाई।

डिफेंडर -आकाश दत्तू, आकाश चौधरी, मनीष, टी आदर्श, सी अरुण, प्रिंस डी, ऋतुराज कोरावी, सुरेंदर सिंह, तेटसुरे आबे और संदीप कंडोला।

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