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स्टीमाक : सुनील छेत्री जैसा प्लेयर दो, तीन दशकों में एक बार आता है

Published at :December 9, 2019 at 7:27 PM
Modified at :December 12, 2019 at 4:38 PM
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Gaurav Singh


कैप्टन सुनील छेत्री लंबे समय से इंडियन फुटबॉल टीम की बैकबोन रहे हैं। कई ऐसे मौके आए हैं जब​ छेत्री ने अकेले अपने दम पर इंडिया को महत्त्वपूर्ण फुटबॉल मैच जिताए हैं, लेकिन 2022 फीफा वर्ल्ड कप क्वॉलीफायर्स में टीम के तीन ड्रॉ और दो हार ने ही उनकी बढ़ती उम्र और फॉर्म पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्वॉलीफायर्स में अबतक इंडियन टीम केवल तीन गोल कर पाई है और सुनील छेत्री का प्रदर्शन भी इन मैचों में कुछ खास नहीं रहा जिसके कारण टीम में उनका रिप्लेसमेंट ढूंढ़ने पर भी बहस शुरू हो गई है। हलांकि, हेड कोच इगोर स्टीमाक ने छेत्री की तारीफ करते हुए कहा कि टीम को अभी भी उनकी जरूरत है और ऐसा खिलाड़ी दो-तीन दशकों में एक बार आता है। स्टीमाक फेसबुक लाइव पर फैन्स से बातचीत कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए। [KH_ADWORDS type="3" align="center"][/KH_ADWORDS] स्टीमाक ने कहा,"यह एक बेहद आम सवाल है और इससे मुझे बहुत परेशानी भी होती है। ऐसा लग रहा है कि सभी सुनील को टीम से बाहर निकालना चाहते हैं। सुनील जैसा खिलाड़ी दो या तीन दशकों में एक बार मिलता है। आप उन्हें उनके गेम को इन्जॉय करने दें, हम उन पर दबाव क्यों बना रहे हैं। उनके पास अभी भी कई साल बचे हैं, उनकी बॉडी अच्छी है और वह अभी भी गोल कर रहे हैं।" कोच इस मामले में सही भी हैं क्योंकि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के मौजूदा सीजन में डिफेंडिंग चैम्पियन बेंगलुरू एफसी के लिए खेलते हुए छेत्री ने सात मैचों में अबतक तीन गोल किए हैं। स्टीमाक ने आगे कहा,"जब छेत्री खेलना छोड़ देंगे तब हम क्या करेंगे। हमें एक टीम बनकर उनकी जगह को भरना होगा। हमें टीम के रूप में काम करना होगा क्योंकि उनके जैसे खिलाड़ी की जगह भरना बहुत मुश्किल है। लीग में अभी या अगले पांच वर्षों में काई ऐसा खिलाड़ी नहीं होने वाला जो उनकी जगह ले सके।" [embed]https://www.facebook.com/TheIndianFootballTeam/videos/2459780104290296/[/embed]   कोच ने एक खिलाड़ी के तौर पर छेत्री की क्वॉलिटी पर भी बात की। उन्होंने कहा,"टीम पर छेत्री का काफी प्रभाव है, लेकिन वह कभी लाइन क्रॉस नहीं करते जो एक कोच के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वह बहुत पॉजिटिव हैं और यंग प्लेयर्स को भी गाइड करते हुए यह बताते हैं कि कैसे टाइम वेस्ट नहीं करना चाहिए। छेत्री जानते हैं कि अगर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में थोड़ा टाइम वेस्ट नहीं किया होता तो वह और अच्छा करते। वह अपनी ट्रेनिंग एवं डाइट पर काफी ध्यान दे रहे हैं और अपने करियर को तीन-चार साल तक आगे बढ़ाने के लिए अपना बेस्ट दे रहे हैं। हमें उनकी जरूरत है, वह अपने गेम को अभी भी इन्जॉय कर रहे हैं और एक कोच के रूप में मैं बहुत खुश हूं।" क्वॉलीफायर्स से पहले नेशनल टीम के कम फ्रेंडली मैच खेलने के कारण भी टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठे थे। स्टीमाक ने इसका भी जवाब दिया और बताया कि उन्होंने आईएसएल के मौजूदा सीजन के खत्म होने के बाद फ्रेंडली मैच खेलने की योजना बनाई है। [KH_RELATED_NEWS title="Related News|आर्टिकल नीचे जारी है "][/KH_RELATED_NEWS] स्टीमाक ने कहा,"एक बार आईएसएल खत्म हो जाए, उसके बाद कतर के खिलाफ होने वाले मैच के लिए मार्च में कैम्प लगाया जाएगा और हम एक फ्रेंडली मैच खेलने की भी कोशिश कर रहे हैं। मार्च और जून में लगने वाले कैम्प के बीच हम टीम को यूरोप ले जा रहे हैं जहां हम खिलाड़ियों के गेम एवं नॉलेज को डेवलप करने के लिए 10 मैच खेलेंगे।" इस साल ही स्टीमाक को इंडियन टीम का कोच बनाया गया था। उनके अंडर खेलते हुए टीम ने अबतक केवल एक मैच जीता है, लेकिन एशियन चैम्पियन कतर और सीरिया जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ ड्रॉ भी खेला है।

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