पवन सेहरावत ने इस सीजन अपनी चमक बिखेरी थी।

Patna Pirates ने लगातार तीन सीजन PKL का टाइटल जीता और उनके इस विजय रथ को सीजन 6 में Bengaluru Bulls की टीम ने तोड़ा। Bengaluru Bulls ने छठे सीजन के फाइनल में Gujarat Giants को हराकर खिताब अपने नाम किया। इस बार एक और बड़ा कीर्तिमान बना था। पहली बार PKL में विदेशी कोच ने टीम की कोचिंग की थी। ईरान के गोलामरेजा मजानदराई इस PKL सीजन यू-मुम्बा के हेड कोच थे। वहीं यू-मुम्बा ने फजल अत्राचली को अपना कप्तान भी नियुक्त किया था और वो भी ईरान के ही थे।

Bengaluru Bulls के कोच रणधीर सिंह सेहरावत इससे पहले कई खिलाड़ियों को तैयार कर चुके थे और PKL में उनका करियर संवार चुके थे। इस बार उन्होंने Kabaddi को पवन सेहरावत के रूप में नया सितारा दिया था। पवन सेहरावत पांचवें सीजन में Gujarat Giants का हिस्सा थे लेकिन छठे सीजन में वो बेंगलुरू बुल्स का हिस्सा बने और उनके लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया। वहीं अनूप कुमार को जयपुर पिंक पैंथर्स ने खरीदा था। इससे पहले वो लगातार पांच सीजन तक यू-मुम्बा की टीम का हिस्सा रहे थे।

ऑक्शन

PKL के छठे सीजन के ऑक्शन के दौरान 12 टीमों ने 26 विदेशी प्लेयर्स का चयन किया था। हर एक टीम ने दो-दो विदेशी खिलाड़ी चुने थे। हालांकि तेलुगु टाइटंस एकमात्र ऐसी टीम थी जिसने तीन विदेशी खिलाड़ियों को चुना था। ये तीनों ही खिलाड़ी ईरान के थे। वहीं पीकेएल इतिहास में पहली बार छह खिलाड़ियों ने एक करोड़ का आंकड़ा पार किया था। हरियाणा स्टीलर्स ने मोनू गोयत के लिए सबसे महंगी बोली लगाकर उन्हें 1.51 करोड़ की रकम में खरीदा था। यूपी योद्धा ने रिशांक देवाडिगा को 1.1 करोड़, यू-मुम्बा ने फजल अत्राचली को 1 करोड़, तेलुगु टाइटंस ने राहुल चौधरी को 1.29 करोड़, पुनेरी पलटन ने नितिन तोमर को 1.15 करोड़ और जयपुर पिंक पैंथर्स ने दीपक हूडा को 1.15 करोड़ में खरीदा था।

टॉप रेडर्स

पवन सेहरावत – 24 मैचों में 271 रेड प्वॉइंट

पवन सेहरावत छठे सीजन में एक नई सनसनी बनकर उभरे थे। उन्होंने इस सीजन सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। उन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर Bengaluru Bulls को टाइटल जिताया था। फाइनल मुकाबले में गुजरात जायंट्स के खिलाफ जिस तरह का प्रदर्शन उन्होंने किया था उसे आज भी याद किया जाता है।

परदीप नरवाल – 21 मैचों में 233 रेड प्वॉइंट

इस बार परदीप नरवाल का प्रदर्शन वैसा नहीं रहा था जैसा पिछले सीजन रहा था। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने 21 मैचों में 233 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। उन्होंने इस सीजन सबसे ज्यादा सुपर-10 भी लगाया था।

सिद्धार्थ देसाई – 21 मैचों में 218 रेड प्वॉइंट

सिद्धार्थ देसाई ने इस सीजन अपना डेब्यू किया था और यू-मुम्बा की टीम का हिस्सा थे। उन्होंने सबसे तेज 200 रेड प्वॉइंट हासिल करने का कारनामा किया था।

टॉप डिफेंडर्स

नितेश कुमार – 25 मैचों में 100 टैकल प्वॉइंट

नितेश कुमार ने इस सीजन अपने परफॉर्मेंस से सभी को हैरान कर दिया था। वो पीकेएल के एक सीजन में 100 टैकल प्वॉइंट हासिल करने वाले पहले डिफेंडर बने थे। उनके इस रिकॉर्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है।

प्रवेश भैंसवाल – 25 मैचों में 86 टैकल प्वॉइंट

गुजरात जायंट्स के राइट कवर डिफेंडर प्रवेश भैंसवाल ने सुनील कुमार के साथ काफी घातक जोड़ी बनाई थी। बड़े से बड़े रेडर्स को भी इस जोड़ी के सामने दिक्कतें होती थीं। यही वजह थी कि गुजरात ने एक और बार प्लेऑफ में जगह बनाई थी।

फजल अत्राचली – 23 मैचों में 83 टैकल प्वॉइंट

फजल अत्राचली इस सीजन यू-मुम्बा के कप्तान थे और आगे बढ़कर उन्होंने टीम को लीड किया था। फजल ने सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट के मामले में टॉप-5 में अपनी जगह बनाई थी।

सुपर 10

परदीप नरवाल – 15

पवन सेहरावत – 13

सिद्धार्थ देसाई – 12

हाई फाइव

नितेश कुमार – 8

महेंद्र सिंह – 6

फजल अत्राचली – 6

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