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प्रो कबड्डी लीग सीजन 8 में गुजरात जायंट्स की स्ट्रेंथ और वीकनेस

Published at :September 13, 2021 at 1:42 AM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : Pro Kabaddi League)

Gaurav Singh


डिफेंस के मामले में गुजरात लीग की सभी टीमों से काफी आगे है।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) सीजन 8 के ऑक्शन के बाद अब सभी टीमों की निगाहें अपनी-अपनी तैयारियों पर हैं। ऑक्शन के दौरान सभी फ्रेंचाइजी ने अपने टीम कॉम्बिनेशन को देखते हुए प्लेयर्स को सलेक्ट किया और एक बैलेंस टीम बनाने की कोशिश की। इस दौरान किसी टीम को बेहतरीन प्लेयर मिले तो किसी टीम को उनके हिसाब से खिलाड़ी नहीं मिल पाए।

पीकेएल ऑक्शन के बाद अगर हम सभी टीमों पर नजर डालें तो किसी टीम का स्ट्रेंथ उनका रेडिंग डिपार्टमेंट है तो किसी टीम का स्ट्रेंथ उनका शानदार डिफेंस है। वहीं कुछ टीमें ऐसी भी हैं जो केवल बड़े स्टार्स के नाम पर ही डिपेंड हैं।

हम आपको सभी टीमों के वीकनेस और स्ट्रेंथ के बारे में बता रहे हैं और इस आर्टिकल में हम गुजरात जायंट्स टीम के बारे में बात करेंगे।

टीम की स्ट्रेंथ

डिफेंस है गुजरात जायंट्स की सबसे बड़ी ताकत

अगर गुजरात जायंट्स को प्रो कबड्डी लीग में डिफेंस के मामले में सबसे बेहतरीन टीम कहा जाए तो गलत नहीं होगा। टीम का डिफेंस उनकी सबसे बड़ी ताकत है। रविंदर पहल, सुनील कुमार, हादी ओस्त्राक, गिरीश मारूति और प्रवेश भैंसवाल जैसे दिग्गज डिफेंडर टीम के पास मौजूद हैं।

प्रवेश भैंसवाल ने पिछले दो सीजन से गुजरात के लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया है। सुनील कुमार और प्रवेश भैंसवाल की जोड़ी काफी मशहूर हुई। प्रवेश भैंसवाल लेफ्ट कवर पर खेलते हैं और सुनील कुमार राइट कवर पर और दोनों खिलाड़ियों के बीच का तालमेल काफी शानदार है। किसी भी रेडर को टैकल करने के लिए लेफ्ट और राइट दोनों कवर का एकसाथ रिएक्ट करना जरूरी है और सुनील-प्रवेश का कॉर्डिनेशन शानदार है। यही वजह है कि ये दोनों काफी सफल हैं।

गिरीश मारूति की अगर बात करें तो लेफ्ट कॉर्नर पर उनके पास काफी अनुभव है। प्रो कबड्डी लीग के पांचवे सीजन में पुणेरी पलटन के लिए उन्होंने 64 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। वो अपने डैश के लिए मशहूर हैं और उनकी ये खासियत उन्हें औरों से अलग बनाती है। अगर किसी रेडर को डैश किया जाता है तो फिर उसके मनोबल पर काफी असर पड़ता है और इसका फायदा टीम को मिल सकता है।

रविदंर पहल के आने से डिफेंस हुआ जबरदस्त

https://twitter.com/KhelNow/status/1432342235027181579

रविंदर पहल की अगर बात करें तो वो पिछले सीजन दबंग दिल्ली का हिस्सा थे। उन्होंने प्रो कबड्डी लीग के सातवें सीजन में 300 टैकल प्वॉइंट हासिल करने का कारनामा किया था और ऐसा करने वाले वो मात्र दूसरे खिलाड़ी बने थे। उनके टीम में आने से गुजरात का डिफेंस और भी जबरदस्त हो गया है।

अपने थाई होल्ड के लिए मशहूर रविंदर पहल आगामी सीजन में गुजरात के लिए जबरदस्त प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने अभी तक 112 मैचों में कुल 340 प्वॉइंट हासिल किए हैं।

रविंदर पहल के आने से गुजरात के डिफेंस को काफी मजबूती मिलेगी और इसकी वजह ये है कि उनके पास अकेले दम पर किसी भी रेडर को टैकल करने की क्षमता है। उनकी ये क्वालिटी डू और डाई सिचुएशन में काफी कारगर साबित हो सकती है।

वीकनेस

रेडिंग डिपार्टमेंट में है एक्सपीरियंस की कमी

गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स की सबसे बड़ी ताकत एक तरफ जहां उनका डिफेंस है तो वही रेडिंग डिपार्टमेंट उतना अच्छा नहीं है। टीम के पास बड़े और अनुभवी खिलाड़ी मौजूद नहीं हैं। पिछले सीजन तक रोहित गूलिया रेडिंग में टीम की जिम्मेदारी उठाते थे लेकिन इस सीजन से पहले उनको रिलीज कर दिया गया है।

https://twitter.com/KhelNow/status/1432318687386607626

वर्तमान में जो रेडर गुजरात जायंट्स के पास मौजूद हैं उनमें महेंद्र राजपूत और अजय कुमार ही सबसे अनुभवी डिफेंडर हैं। महेंद्र राजपूत ने प्रो कबड्डी लीग में अभी तक कुल मिलाकर 62 मैच खेले हैं और इस दौरान 195 प्वॉइंट हासिल किए हैं। वहीं अजय कुमार के नाम 50 मैचों में 183 प्वॉइंट हैं। अगर इनके सफल रेड्स का प्रतिशत निकाला जाए तो वो 45 प्रतिशत से कम है। ऐसे में ये गुजरात के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

इसके अलावा ये दोनों ही खिलाड़ी पिछले सीजन नहीं खेले थे और इसी वजह से उन्हें लय में आने के लिए टाइम लगेगा। उन्हें अपने आपको एडजस्ट करना पड़ेगा और गुजरात को इसका बड़ा नुकसान हो सकता है।

नॉकआउट मुकाबलों में खराब प्रदर्शन

गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स की टीम प्रो कबड्डी लीग की बेस्ट टीमों में से एक है। लगभग हर सीजन टीम का परफॉर्मेंस काफी अच्छा रहा है। हालांकि, गुजरात की एक सबसे बड़ी कमी ये रही है कि वो क्वालीफायर मुकाबलों में जाकर हार जाते हैं।

पांचवे और छठे सीजन में टीम अपने ग्रुप बी में पहले पायदान पर रही और टूर्नामेंट जीतने के प्रबल दावेदार थे। हालांकि नॉकआउट मुकाबलों में आकर टीम का परफॉर्मेंस उतना अच्छा नहीं रहा और वो दबाव में बिखर गए। गुजरात को अपनी इस कमजोरी पर काम करना होगा।

टीम

रेडर - अजय कुमार, हरमनजीत सिंह, हर्षित यादव, महेंद्र राजपूत, मनिंदर सिंह, प्रदीप कुमार, रतन के और सोनू।

डिफेंडर - अंकित, रविंदर पहल, प्रवेश भैंसवाल, गिरीश मारूति, सुमित, सोलेमान पहलेवानी और सुनील कुमार।

ऑलराउंडर - हादी ओस्त्राक।

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