PKL 9 : जानिए क्या हो सकती है पटना पाइरेट्स की संभावित स्टार्टिंग सेवन
(Courtesy : PKL)
तीन बार की चैंपियन के पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं।
पटना पाइरेट्स एक ऐसी टीम है जो हर सीजन विरोधी टीमों को कड़ी चुनौती देते हुए नजर आती है। ये टीम प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) इतिहास की सबसे सफल टीम है। इसकी वजह भी है। पटना पाइरेट्स ने सबसे ज्यादा तीन बार पीकेएल का टाइटल अपने नाम किया है। उन्होंने ये तीनों ही टाइटल लगातार जीते थे। टीम ने तीसरे, चौथे और पांचवें सीजन का टाइटल अपने नाम किया था। सीजन-8 में पटना पाइरेट्स फाइनल तक पहुंची थी लेकिन खिताब नहीं जीत पाई थी। उन्हें मात्र एक प्वॉइंट से दबंग दिल्ली से हार का सामना करना पड़ा था। पटना पाइरेट्स ने पीकेएल इतिहास में अब तक कुल 158 मैच खेले हैं, जिसमें से उन्होंने 87 मैच जीते हैं और 58 में हार का सामना करना पड़ा है और 14 मैच बेनतीजा रहा है।
आगामी सीजन के लिए भी पटना पाइरेट्स ने एक बेहतरीन टीम बनाई है। हालांकि इस बार राम मेहर सिंह टीम के साथ नहीं होंगे। टीम ने उनकी जगह रवि शेट्टी को 9वें सीजन के लिए अपना हेड कोच नियुक्त किया है। अगर टीम की बात करें तो उनकी टीम में ज्यादातर वही खिलाड़ी हैं जो बीते सीजन टीम का हिस्सा थे। हम आपको बताते हैं कि पटना पाइरेट्स का मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष क्या है।
टीम का मजबूत पक्ष
डिफेंस इस बार भी होगा पटना पाइरेट्स की सबसे बड़ी ताकत
तीन बार की चैंपियन टीम ने अपने पुराने डिफेंस को ही बरकरार रखा है और इसी वजह से इस बार भी उनका डिफेंस काफी जबरदस्त नजर आ रहा है। ईरान के डिफेंडर मोहम्मदरेजा शार्दलु इस बार भी डिफेंस की अगुवाई करते नजर आएंगे। बीते सीजन उनका परफॉर्मेंस काफी जबरदस्त रहा था। बीते सीजन उन्होंने 89 टैकल प्वाइंट लिए थे जिसमें 10 हाई-5 शामिल रहे थे। इसके अलावा टीम ने सुनील नरवाल को भी बरकरार रखा है, जिन्होंने पिछले सीजन 49 टैकल प्वाइंट्स लिए थे। नीरज कुमार और सजिन चंद्रशेखर को भी टीम ने बरकरार रखा है और इसी वजह से डिफेंस काफी बेहतरीन दिख रहा है। अगर ये चारों खिलाड़ी चल गए तो फिर कई विरोधी टीमों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा सकता है।
टीम का कमजोर पक्ष
रेडिंग में टीम को आ सकती हैं दिक्कतें
रेडिंग डिपार्टमेंट में पटना पाइरेट्स ने सचिन तंवर को अपने साथ बनाए रखा है और वही टीम के मेन रेडर होने वाले हैं। इसके अलावा उन्होंने रोहित गूलिया को भी ऑक्शन के दौरान खरीदा था जो बीते सीजन हरियाणा स्टीलर्स का हिस्सा थे। ऐसे में रेडिंग डिपार्टमेंट में पटना को दिक्कतें आ सकती हैं। सुकेश हेगड़े को भी ऑक्शन के बाद पटना ने अपने साथ जोड़ा है लेकिन बीते सीजन उनका परफॉर्मेंस वैसा नहीं रहा था। बीते सीजन पटना के पास मोनू गोयत और प्रशांत कुमार राय के रूप में दो अनुभवी रेडर थे और इस बार उनकी कमी टीम को काफी खल सकती है। रोहित गूलिया और सुकेश हेगड़े के ऊपर ज्यादा डिपेंड नहीं किया जा सकता है और इसी वजह से दबाव अकेले सचिन तंवर पर पड़ सकता है। ऐसे में इस डिपार्टमेंट में टीम थोड़ा कमजोर नजर आ रही है।
राम मेहर सिंह की कमी खल सकती है
राम मेहर सिंह बीते कई सीजन से पटना पाइरेट्स के कोच थे लेकिन इस बार टीम नए कोच की अगुवाई में खेलती हुई नजर आएगी। इसका असर टीम के परफॉर्मेंस पर भी पड़ सकता है। राम मेहर सिंह कई सीजन से टीम के साथ थे और इस टीम के बारे में उन्हें अच्छी तरह से पता था। नए कोच की अगुवाई में टीम को तालमेल बिठाने के लिए थोड़ा वक्त लग सकता है और इसका नुकसान उन्हें हो सकता है।
इन खिलाड़ियों पर होंगी निगाहें
मोहम्मदरेजा शादलू ने पिछले सीजन सबसे अधिक टैकल प्वाइंट्स लिए थे। उनके परफॉर्मेंस पर इस बार भी सबकी निगाहें होंगी। वहीं रेडिंग में सचिन तंवर के ऊपर निगाहें होंगी। टीम यही उम्मीद करेगी कि वो अपने पिछले सीजन के परफॉर्मेंस को दोहराएं।
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