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कबड्डी न्यूज

सितारों से सजी तेलुगु टाइटंस ने लगातार दूसरे पीकेएल सीजन किया शर्मनाक प्रदर्शन

Published at :December 23, 2022 at 1:31 AM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


टाइटंस का एक और सफर बेहद निराशा के साथ खत्म हुआ।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) का 9 वां सीजन समाप्त हो चुका है। जयपुर पिंक पैंथर्स की टीम ने इस बार का टाइटल अपने नाम किया। फाइनल मुकाबले में पुनेरी पलटन को हराकर जयपुर ने दूसरी बार पीकेएल का खिताब जीता। इस सीजन अगर किसी टीम का प्रदर्शन सबसे ज्यादा खराब रहा तो वो तेलुगु टाइटंस की टीम रही। तेलुगु टाइटंस ने जैसा परफॉर्मेंस पिछले सीजन किया था वैसा ही प्रदर्शन इस बार भी उनका रहा। टीम 22 में से केवल 2 ही मुकाबले जीत पाई और बाकी 20 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और टीम प्वॉइंट्स टेबल में आखिरी पायदान पर रही। आइए जानत हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने तेलुगु टाइटंस के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।

टॉप परफॉर्मर

1. प्रवेश भैंसवाल

तेलुगु टाइटंस की टीम पीकेएल सीजन 9 में लगातार मुकाबले हार रही थी लेकिन लेफ्ट कवर पर प्रवेश भैंसवाल अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। प्रवेश भैंसवाल गुजरात जायंट्स की टीम से तेलुगु टाइटंस में आए थे और उन्होंने टीम की तरह निराश नहीं किया। वो इस सीजन सबसे ज्यादा सुपर टैकल करने वाले खिलाड़ी रहे और 21 मैचों में 10 सुपर टैकल किए और शायद यही वजह रही कि टाइटंस की टीम भी इस सीजन सबसे ज्यादा सुपर टैकल करने वाली टीम रही। इसके अलावा प्रवेश भैंसवाल ने 21 मैचों में 44 टैकल प्वॉइंट भी लिए और टीम के सबसे बेस्ट डिफेंडर साबित हुए।

2. सिद्धार्थ देसाई

रेडिंग डिपार्टमेंट में इस सीजन तेलुगु टाइटंस की टीम जूझती हुई नजर आई। हालांकि सिद्धार्थ देसाई टीम के सबसे बेस्ट रेडर साबित हुए। उन्हें इस सीजन 17 मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 142 प्वॉइंट हासिल किए। अगर सिद्धार्थ देसाई को किसी दूसरे और रेडर का साथ मिलता तो फिर टीम की स्थिति भी अलग हो सकती थी।

3. अंकित

अंकित ने भी डिफेंस में अच्छा काम किया। वो ज्यादा टैकल प्वॉइंट तो नहीं हासिल कर पाए लेकिन सुपर टैकल में उन्होंने काफी बेहतरीन काम किया। उन्होंने पीकेएल 9 में 15 मैच खेले और इस दौरान 8 सुपर टैकल किए। सबसे ज्यादा सुपर टैकल के मामले में वो इस सीजन चौथे पायदान पर रहे। वो टीम के तीसरे सबसे बेस्ट डिफेंडर साबित हुए।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश

1. रविंदर पहल

द हॉक के नाम से मशहूर और पीकेएल इतिहास के सबसे सफल डिफेंडर्स में से एक रविंदर पहल ने इस सीजन काफी निराश किया। तेलुगु टाइटंस की टीम ने बड़ी उम्मीद के साथ उन्हें खरीदा था लेकिन वो बिल्कुल भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे। रविंदर पहल ने इस सीजन चार मैच खेले और इस दौरान सिर्फ एक प्वॉइंट हासिल कर पाए। उनके लगातार असफल टैकल की वजह से उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और आखिर में आकर एक मैच और खिलाया गया। जिस टीम में रविंदर पहल जैसे डिफेंडर हों उस टीम से डिफेंस में काफी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है लेकिन वो पूरी तरह फ्लॉप रहे।

2. मोनू गोयत

पीकेएल में मोनू गोयत का नाम काफी बड़ा है और टाइटंस ने उन्हें इसी उम्मीद के साथ खरीदा था कि वो इस सीजन अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर टीम को आगे ले जाएंगे। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ और 10 मैचों में 32 प्वॉइंट के साथ मोनू गोयत बुरी तरह फ्लॉप रहे। वो इस सीजन रेड प्वॉइंट के मामले में 47वें पायदान पर रहे और इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उन्होंने कितना निराश किया।

3. सुरजीत सिंह

राइट कवर डिफेंडर सुरजीत सिंह पीकेएल इतिहास में सबसे ज्यादा हाई-फाइव लगाने वाले खिलाड़ी हैं और उन्होंने अभी तक 348 टैकल प्वॉइंट हासिल किए हैं। इस मामले में वो पांचवें पायदान पर हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो कितने बड़े प्लेयर हैं। हालांकि इस सीजन उनका परफॉर्मेंस काफी निराशाजनक रहा और तेलुगु टाइटंस के लिए वो 13 मैचों में 15 प्वॉइंट ही ला पाए और शायद यही वजह रही कि टाइटंस की टीम इस सीजन ज्यादा मैच नहीं जीत पाई।

टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस

तेलुगु टाइटंस ने इस सीजन काफी ज्यादा निराश ही किया इसलिए हम उनका बेस्ट परफॉर्मेंस उन्हें दो मैचों में मिली जीत को मान सकते हैं। सबसे पहले उन्होंने पटना पाइरेट्स को 9 प्वॉइंट से हराया था और उसके बाद उन्होंने यू-मुम्बा को हराकर अपनी दूसरी जीत हासिल की थी।

कोच का रिपोर्ट कार्ड

तेलुगु टाइटंस के हेड कोच इस सीजन वेंकटेश गौड़ थे और असिस्टेंट कोच मंजीत छिल्लर थे। मंजीत छिल्लर हाल ही में रिटायर हुए हैं और पीकेएल के सबसे सफल डिफेंडर्स में से एक हैं और इसी वजह से सारी निगाहें उनके ऊपर ही थीं। हालांकि ये दोनों ही कोच बिल्कुल भी प्रभावित नहीं कर पाए। पीकेएल 9 में उनकी टीम में लगातार काफी बदलाव हुए और एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन को नहीं खिलाया गया। फ्लॉप परफॉर्मेंस के बावजूद उन्हीं प्लेयर्स को मौके मिलते गए। अक्सर देखा गया कि टीम दूसरे हाफ में आकर कई मैचों में हार गई और कोच खिलाड़ियों को सही तरह से मैनेज नहीं कर पाए।

तेलुगु टाइंटस को सीजन से क्या सीख मिली ?

टाइटंस की टीम को इस चीज को सीख सकती है कि केवल बड़े नाम के सहारे ही आप सफल नहीं हो सकते हैं। जब तक खिलाड़ी परफॉर्म नहीं करेंगे तब तक आपको सफलता नहीं मिलेगी। इसीलिए केवल उन्हीं खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए जो वर्तमान समय में फॉर्म में हों ना कि उनके नाम के आधार पर उन्हें मौका मिले।

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