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कबड्डी न्यूज

पीकेएल इतिहास के पांच दिग्गज जिन्हें अब भुला दिया गया है

Published at :June 14, 2022 at 9:22 PM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

ADITYA RAJ


इन दिग्गज खिलाड़ियों की चर्चा अब काफी कम ही होती है।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) की शुरूआत 2014 में हुई थी और तब से लेकर अभी तक कई दिग्गज प्लेयर्स ने इस लीग में हिस्सा लिया है। पहले सीजन से लेकर आठवें सीजन तक पीकेएल में कई बड़े खिलाड़ी आए और गए। इनमें से कई प्लेयर ऐसे रहे जिन्होंने अपनी एक अलग छाप छोड़ी और उन्हें आज भी याद किया जाता है और उनका नाम काफी गर्व के साथ लिया जाता है। इन खिलाड़ियो का जिक्र अभी भी होता है।

हालांकि कुछ दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्होंने इस लीग में अपना बेहतरीन योगदान दिया लेकिन उनको वो सम्मान नहीं मिला जिसके वो हकदार थे। फैंस अब इन्हें भुला चुके हैं। हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने पीकेएल में अपना काफी बड़ा योगदान दिया और ये काफी शानदार खिलाड़ी रहे लेकिन अब इन्हें भुला दिया गया है। आइए जानते हैं कि वो पांच प्लेयर कौन-कौन से हैं।

5.निलेश शिंदे

निलेश शिंदे पीकेएल के पहले सीजन में बंगाल वॉरियर्स के कप्तान थे और उनके लिए 14 मैचों में कुल 35 प्वॉइंट हासिल किए थे। वो इंडियन टीम के लिए भी खेल चुके हैं और उनके साथ बीच कबड्डी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी जीता था। निलेश शिंदे ने पांचवें सीजन तक खेलने के बाद पीकेएल से रिटायरमेंट ले लिया था। उन्होंने ओवरऑल 69 मैचों में 153 प्वॉइंट हासिल किए। इस दौरान डिफेंस में उन्होंने 135 प्वॉइंट और रेडिंग में 18 प्वॉइंट हासिल किए। इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद अब निलेश शिंदे को ऐसा लगता है कि भुला दिया गया है।

4.शब्बीर बापू

केरल के रहने वाले शब्बीर बापू ने अपने पीकेएल करियर में कई टीमों की तरफ से हिस्सा लिया। पहले सीजन में वो यू-मुम्बा की टीम का हिस्सा थे और उनके लिए 16 मैचों में कुल मिलाकर 66 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। इसके बाद वो तमिल थलाइवाज, दबंग दिल्ली और जयपुर पिंक पैंथर्स के लिए भी खेले। शब्बीर बापू ने अपने करियर में कुल मिलाकर 82 मैचों में 207 रेड प्वॉइंट हासिल किए। बीते सीजन वो पीकेएल का हिस्सा नहीं थे।

3.राजेश नरवाल

उत्तर प्रदेश के रहने वाले ऑलराउंडर खिलाड़ी राजेश नरवाल का करियर भी काफी शानदार रहा है। उन्होंने पीकेएल और घरेलू टूर्नामेंट में जबरदस्त प्रदर्शन किया। अपने पहले सीजन में जयपुर पिंक पैंथर्स की तरफ से खेलते हुए राजेश नरवाल ने टीम को टीम को चैंपियन बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने रेडिंग में 16 मैचों में 72 प्वॉइंट हासिल किए थे और डिफेंस में भी 29 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। इससे पता चलता है कि राजेश नरवाल काफी उपयोगी ऑलराउंडर हैं।

हालांकि जैसे-जैसे पीकेएल का कारवां आगे बढ़ता गया राजेश नरवाल की चर्चा काफी कम होती गई। अब ऐसा लगता है कि कबड्डी के इस बेहतरीन ऑलराउंडर को एकदम भुला सा दिया गया है। 8वें सीजन में वो हरियाणा स्टीलर्स की टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें मात्र तीन ही मैच खेलने का मौका मिला था। इससे पता चलता है कि उनको अब कितना कम करके आंका जा रहा है।

2.काशीलिंग अडके

पीकेएल के हर सीजन में काशीलिंग अडके का प्रदर्शन शानदार रहा। काशीलिंग की ख़ासियत थी उनका हनुमान जंप, जो डिफ़ेंडर के साथ साथ दूसरे रेडर्स को भी हैरान कर देता है। पीकेएल के पहले दो सीज़न काशीलिंग के लिए शानदार गए थे, जहां उन्होंने लगातार 100 से ज़्यादा अंक हासिल किए थे और ऐसा करने वाले पहले रेडर बने थे। उन्होंने पांचवें सीजन में यू-मुम्बा की तरफ से खेलते हुए भी 112 प्वॉइंट हासिल किए थे। हालांकि छठा सीजन उनके लिए उतना अच्छा नहीं रहा और उसके बाद वो पीकेएल का हिस्सा नहीं हैं।

1.नवनीत गौतम

नवनीत गौतम भी प्रो कबड्डी लीग के पहले सीजन जयपुर पिंक पैंथर्स की टीम का हिस्सा थे और फाइनल में खेले थे। हालांकि वो कोई स्कोर नहीं कर पाए थे। वो टीम के टॉप प्लेयर्स में से एक थे। नवनीत ना केवल जयपुर पिंक पैंथर्स बल्कि इंडियन टीम के भी बड़े खिलाड़ी रहे हैं। 2010 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का भी वो हिस्सा थे। नवनीत गौतम ने पांचवें सीजन तक जयपुर पिंक पैंथर्स की तरफ से खेला और उसके बाद संन्यास ले लिया।

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