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फुटबॉल समाचार

पांच मौके जब फुटबॉलर्स को डोपिंग की वजह से बैन किया गया

Published at :February 17, 2021 at 7:35 AM
Modified at :February 20, 2021 at 5:39 PM
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Rahul Gupta


इन प्लेयर्स को डोपिंग के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया था।

फुटबॉल में डोपिंग के मामले काफी कम ही देखने को मिलते हैं। एथलेटिक्स जैसे फील्ड से अगर इसकी तुलना करें तो यहां पर प्लेयर्स काफी ज्यादा सावधान रहते हैं। फुटबॉल में डोपिंग को लेकर काफी सख्त गाइडलाइन बनाई गई है और अगर कोई प्लेयर इसमें पकड़ा जाता है तो फिर उसे कड़ी सजा मिलती है।

हालांकि इसके बावजूद फुटबॉल में डोपिंग के कई मामले अब तक आ चुके हैं। आइए आपको बताते हैं उन पांच प्लेयर्स के बारे में जो डोपिंग में लिप्त पाए गए और उसके बाद उन्हें बैन कर दिया गया।

5. पेप गौरडियोला

2001 में पेप गौरडियोला एक प्रोफेशनल फुटबॉल प्लेयर थे और प्रतिबंधित चीजों का सेवन करने की वजह से उन पर बैन लगा दिया गया था। इटली में ब्रेसिया की तरफ से खेलते हुए उन्हें नांड्रोलोन लेते हुए पाया गया था जो एक तरह का रसायनिक पदार्थ होता है।

गौरडियोला के ऊपर चार महीने का बैन लगाया गया था। उन्होंने अपनी सजा के खिलाफ अपील की और छह साल बाद उनके ऊपर से ये चार्ज हटा लिए गए। इसके बाद इटैलियन ओलंपिक कमेटी ने दोबारा केस को ओपन किया था लेकिन 2009 में एक बार फिर उन्हें क्लीन चिट दे दी गई।

4. आंद्रे ओनाना

हाल ही में जिस फुटबॉलर को डोपिंग के नियमों का उल्लंघन करने के लिए बैन किया गया है वो आंद्रे ओनाना हैं। एएफसी आयाक्स के लिए खेल रहे इस खिलाड़ी ने एक मेडिसिन ली थी जो उनकी पत्नी के लिए थी। इसके बाद उनके ऊपर 12 महीने के लिए फुटबॉल की सभी गतिविधियों में भाग लेने के लिए बैन लगा दिया गया है। इससे फ्यूचर में बिग यूरोपियन क्लब में उनके करियर पर असर पड़ सकता है।

क्लब के मैनेजिंग डायरेक्टर एडविन वान डेर सार ने एक रिलीज जारी कर कहा "ये ना केवल आंद्रे बल्कि हमारे लिए भी एक बड़ा झटका है। हमने कंडीशनल सस्पेंशन या फिर 12 महीने से कम के बैन की उम्मीद की थी। इसकी वजह ये है कि उन्होंने जानबूझकर अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए ये दवा नहीं ली थी।"

कहा ये जा रहा है कि आयाक्स अपने इस बैन के खिलाफ अपील करेंगे।

3. डिएगो मैराडोना

डिएगो मैराडोना भी कई बार डोपिंग कंट्रोवर्सी में फंसे थे। खासकर 1994 में यूएस में फीफा वर्ल्ड कप के दौरान उन्हें ऐसा करते हुए पाया गया था। फीफा द्वारा प्रतिबंधित एफेड्रीन का सेवन करने की वजह से उन्हें टूर्नामेंट से वापस भेज दिया गया था।

इस घटना के तीन साल पहले 1991 में भी उनके ऊपर कोकीन लेने की वजह से 15 महीने का बैन लगा था। मैराडोना को कोकीन की बुरी लत थी।

2. समीर नासरी

समीर नासरी को तब डोपिंग में लिप्त पाया गया था जब वो मैनचेस्टर सिटी की टीम का हिस्सा थे और लोन पर सेविला एफसी के लिए खेल रहे थे। यूएस में उन्होंने ड्रीप ट्रीटमेंट लिया था। इस ट्रीटमेंट के दौरान एक सीमित मात्रा तक उन्होंने विटामिन्स लिए थे। जांच में पता चला कि उन्होंने वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी द्वारा स्वीकृत 50 मिलीलीटर इन्फ्यूजन लिमिट से 10 गुना ज्यादा विटामिन्स ली थी।

यूएफा ने पहले उनके ऊपर छह महीने का बैन लगाया लेकिन इसके बाद इसे बढ़ाकर 18 महीने का कर दिया गया। नासिर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा "लॉस एंजेल्स में जो हुआ उसकी वजह से मेरा ये सीजन बर्बाद हो गया। विटामिन्स का जो इंजेक्शन मैंने लिया था वो लीगल था लेकिन क्लीनिक में मुझे ज्यादा मात्रा में ये विटामिन्स दे गिए गए।"

1. एंड्रीयन मुतु

एंड्रीयन मुतु रोमानिया से आने वाले बेस्ट फुटबॉलर्स में से एक हैं। हालांकि उन्होंने कई बार डोपिंग के नियमों का उल्लंघन किया और इसकी वजह से उनका करियर बर्बाद हो गया। पहली बार चेल्सी की तरफ से खेलते हुए उन्हें कोकीन लेते हुए पाया गया था। इसके लिए उनके ऊपर सात महीने का बैन लगाया गया था। इसकी वजह से 2004 में उनका करियर चेल्सी के साथ खत्म हो गया।

2010 में जब वो फियोरेंटिना में थे तब एक बार फिर उन्हें प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करते हुए पाया गया था। इसके बाद उनके ऊपर नौ महीने का बैन लगाया गया था। अपने सस्पेंशन को लेकर उन्होंने कहा था "मेरे ऊपर ज्यादा समय के लिए बैन लगाया गया है। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी। हां मैंने गलती की है और सजा का हकदार हूं लेकिन इतनी सजा नहीं मिलनी चाहिए थी।"

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