टॉप-5 युवा खिलाड़ी जिनका चयन इंडियन फुटबॉल टीम में हुआ
इन प्लेयर्स ने आईएसएल के इस सीजन में जबरदस्त प्रदर्शन किया है।
हेड कोच इगोर स्टीमाक ने मंगलवार को भारत की 35 सदस्यीय संभावित टीम का ऐलान कर दिया। इंडियन फुटबॉल टीम को ओमान और यूएई के खिलाफ मुकाबले खेलने हैं। ये दोनों मैच 25 और 29 मार्च को दुबई में खेले जाएंगे। 35 में से 10 नए चेहरों को स्टीमाक ने टीम में जगह दी है।
नए प्लेयर्स को लेकर स्टीमाक ने कहा, "ये हमारे लिए काफी मुश्किलों वाला साल रहा है और आखिरकार हम सब इकट्ठे हो रहे हैं। नए खिलाड़ियों से मिलना काफी शानदार रहेगा और मैं ये देखना चाहुंगा कि उनके अंदर कितनी काबिलियत है।"
हम आपको उन टॉप-5 युवा खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनका चयन इंडियन फुटबॉल टीम के संभावित खिलाड़ियों में हुआ है। इन सभी खिलाड़ियों की उम्र 22 साल या उससे कम है।
5. सुरेश सिंह वांगजम (बेंगलुरु एफसी)
सुरेश वांगजम को 2017 में इंडियन एरोज के सेटअप में शामिल किया गया था। वो दो सालों तक टीम के साथ रहे और कुल 29 मुकाबले खेले। इसके अलावा 2017 के फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप में भी वो इंडियन टीम का हिस्सा थे।
2019-20 के आईएसएल सीजन में वो बेंगलुरु एफसी की टीम का हिस्सा बने। 2020-21 के आई-लीग सीजन में वंगजम ने 19 मुकाबलों में कुल 1543 मिनट पिच पर बिताए। उन्होंने इस दौरान एक गोल भी किया लेकिन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन उन्होंने मिडफील्ड में किया, जहां पर 600 से ज्यादा पास उन्होंने अटेंप्ट किए।
बेंगलुरु एफसी की तरफ से खेलते हुए सुरेश सिंह ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और इसी वजह से उन्हें इंडियन टीम में शामिल किया गया है। वो फ्यूचर के स्टार प्लेयर बन सकते हैं।
4. इशान पंडिता (एफसी गोवा)
इशान पंडिता अभी केवल 22 साल के हैं लेकिन इस दौरान काफी ट्रैवल कर चुके हैं। जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले इशान का जन्म दिल्ली में हुआ था। इसके बाद वो फिलिपींस चले गए और वहां से फिर बेंगलुरु गए। अपने फुटबॉल को बेहतर करने के लिए 2014 में इशान स्पेन भी गए। इसके दो साल बाद वो ला-लीगा में प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट साइन करने वाले पहले इंडियन खिलाड़ी बने। उन्होंने सीडी लेगनेस के साथ करार किया।
उनके करियर की अगर बात करें तो उन्होंने लेगान्स की अंडर-19 टीम, नास्टिक डी टैरागोना की अंडर-23 टीम और लोरका एफसी के लिए खेला। पिछले साल उन्होंने इंडिया में वापसी की और एफसी गोवा के साथ करार किया।
एफसी गोवा के लिए इशान ने 9 फुटबॉल मुकाबले खेले हैं लेकिन इस दौरान सिर्फ 56 मिनट ही उन्होंने मैदान में बिताए हैं। गौर्स के हेड कोच जुआन फर्नांडो उन्हें अनुभवी इगोर अंगुलो का सबसे बेस्ट सब्सीट्यूट मानते हैं। इशान ने चार गोल करके सबको प्रभावित किया। ये सभी गोल उन्होंने अहम मौकों पर किए।
3. आकाश मिश्रा (हैदराबाद एफसी)
आईएसएल 2020-21 के सीजन में कुछ ही प्लेयर ऐसे हैं जिन्होंने 20 मुकाबले खेले और 1800 मिनट मैदान में बिताए। इनमें से एक हैदराबाद एफसी के आकाश मिश्रा भी हैं। वो पहली बार 2015 में सुर्खियों में आए थे। उन्होंने जर्मनी में तीन साल बिताए और यू ड्रीम फुटबॉल एकेडमी द्वारा कराए गए ट्रायल के जरिए चुने गए थे।
भारत आने के बाद आकाश का चयन इंडिया की अंडर-18 फुटबॉल टीम के लिए हुआ और वो सैफ चैंपियनशिप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। एक साल बाद वो इंडियन एरोज की टीम का हिस्सा बने और एक सीजन आई-लीग में भी खेला। 2020-21 के आईएसएल सीजन से पहले आकाश मिश्रा ने हैदराबाद एफसी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया।
20 वर्षीय इस खिलाड़ी ने आईएसएल के इस सीजन में 827 पास अटेम्प्ट किए। इसके अलावा उन्होंने 80 टैकल, 55 इंटरसेप्शन्स, 48 क्लीएरेंस और 30 ब्लॉक किए।
2. लालेंगमाविया (नॉर्थईस्ट यूनाईटेड एफसी)
नॉर्थईस्ट यूनाईटेड इस वक्त ऐतिहासिक प्रदर्शन कर रही है। आईएसएल इतिहास में उन्होंने सिर्फ दूसरी बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया है। हैदराबाद एफसी के इस बेहतरीन प्रदर्शन में लालेंगमाविया जैसे युवा खिलाड़ियों का काफी योगदान रहा है।
लालेंगमाविया मिजोरम से आने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्हें फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए इंडियन टीम में चुना गया था। इसके बाद वो इंडियन एरोज की टीम में शामिल हुए और 2018-19 के आई-लीग में हिस्सा लिया। वहां से वो नॉर्थईस्ट यूनाईटेड की टीम में चले गए। अपने नए क्लब में उन्होंने खुद को एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया और 2019-20 के सीजन में 10 मुकाबले खेले।
इस आईएसएल सीजन लालेंगमाविया ने नॉर्थईस्ट यूनाईटेड के लिए सभी 20 मुकाबलों में हिस्सा लिया और जबरदस्त पासिंग एक्यूरेसी दिखाई। पिछले हफ्ते लॉन्ग रेंज से उन्होंने केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ गोल भी किया । ये उनका लीग में पहला गोल था। उनके ऊपर इंडियन टीम में सबकी निगाहें रहेंगी।
1. लिस्टन कोलासो (हैदराबाद एफसी)
हमारे हिसाब से लिस्टन कोलासो आईएसएल में इंडियन फुटबॉल की सबसे बड़ी खोज हैं। सीजन की शुरुआत से पहले ही उन्होंने अलग-अलग मुकाबलों में खेलते हुए खुद को साबित किया था। उदाहरण के लिए 2016-17 के गोवा प्रोफेशनल लीग में उन्हें टॉप स्कोरर का अवॉर्ड मिला था और उनकी टीम सलगांवकर एफसी ने टाइटल जीता था।
इसके बाद एफसी गोवा ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया लेकिन दो सीजन में उन्हें मात्र पांच ही मुकाबले खेलने का मौका मिला। 2019-20 के मिड सीजन में वो हैदराबाद एफसी की टीम का हिस्सा बने और दो गोल कर अपने जबरदस्त खेल का संकेत दिया।
इस सीजन उन्होंने वहीं से शुरुआत की जहां पर पिछले साल खत्म किया था। 19 मुकाबलों में उन्होंने दो गोल किए और तीन असिस्ट दिए। हैदराबाद एफसी के हेड कोच ज्यादातर लिस्टन कोलाको को सब्सीट्यूट के तौर पर खिलाते हैं और इसी वजह से उनके ऊपर "सुपर सब" का ठप्पा भी लग गया है। उन्होंने कई बार टीम को संकट से निकाला और प्लेऑफ में पहुंचाने में अपना अहम योगदान दिया। हम कह सकते हैं कि आने वाले सालों में वो इंडियन नेशनल टीम का रेगलुर हिस्सा होंगे।
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