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फुटबॉल समाचार

शुभम सारंगी: संदेश झिंगन के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना ​किसी सपने जैसा होगा

Published at :June 24, 2020 at 11:22 PM
Modified at :June 24, 2020 at 11:22 PM
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Gagan


20 वर्षीय खिलाड़ी ने फुटबॉल में अबतक के अपने सफर पर बात की।

ओडिशा एफसी के फैन्स के बीच में 'लोकल टोका' के नाम से प्रसिद्ध युवा खिलाड़ी शुभम सारंगी ने महज चार साल की उम्र में फुटबॉल खेलना शुरू किया ​था। उस समय वह अपने परिवार के साथ विशाखापट्टनम से दिल्ली​ शिफ्ट हो गए थे और राष्ट्रीय राजधानी में ही अपने करियर को आगे बढ़ाया।

वह अपनी बालकनी से बाकी बच्चों को फुटबॉल खेलते हुए देखते और उनका भी मन इस खूबसूरत को खेलने का करता। हालांकि, कम उम्र होने के कारण कोई भी उन्हें टीम में नहीं लेता था।

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के इंस्टाग्राम लाइव सेशन के दौरान शुभम सारंगी ने अपने शरुआती दिनों को याद करते हुए कहा, "जब मैंने उन बच्चों के साथ खेलने की कोशिश की उन्होंने मुझे यह कहकर मना कर दिया ​कि मैं बहुत छोटा हूं। मेरी मां ने उस समय मेरे साथ फुटबॉल खेलकर मेरा हौसला बढ़ाया।"

"मैं स्कूल टीम का भी हिस्सा था और वहां का कैप्टन था। एक दिन पीई टीचर ने मुझे स्टेट टीम के लिए हो रहे ट्रायल्स में जाने के लिए कहा और मैं सेलेक्ट हो गया। फिर मैंने खेलना शुरू किया और मुझे यह जानकारी भी नहीं थी कि मुझे स्काउट किया जा रहा है। मुझे अंडर-13 नेशनल टीम से एएफसी क्वॉलीफायर्स के लिए कॉल आया और मैंने गोवा एवं ईरान में कुछ मैच खेले।"

Shubham Sarangi
आईएसएल में बीते सीजन शुभम सारंगी का प्रदर्शन।

शुभम सारंगी उन कुछ चुनिंदा प्लेयर्स में से एक हैं जिन्हें एस्पायर अकैडमी में ट्रेनिंग करने का मौका मिला था। दोहा में चार महीने तक अकैडमी में ट्रेनिंग लेने पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "वह दुनिया के सबसे बड़े और अच्छे अकैडमियों में से एक है। उस अकैडमी में जाने वाला हर खिलाड़ी किसी न किसी लेवल पर अपने देश को रिप्रजेंट करता है।"

"उनका यूथ सिस्टम बहुत अच्छा है और उनके ट्रेनिंग सेशन बहुत ज्यादा टेक्निकल होते हैं। वहां पर कोच हमेशा बेसिक चीजों पर फोकस करते हैं और अपको अपना बेस्ट देने के लिए लगातार प्रेरित करते हैं।"

उनके जीवन में एक ऐसा पल भी आया जब वह बहुत निराश हुए। उन्हें 2017 में हुए फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए 23 सदस्यीय टीम में नहीं चुना गया। हालांकि, इसे उन्होंने अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और जल्द ही दिल्ली डायनामोज के साथ जुड़े जो अब ओडिशा शिफ्ट हो चुकी है और ओडिशा एफसी के नाम से लीग में खेल रही है।

शुभम सारंगी ने बताया, "मैं घर वापस आया और खुद से कहा कि मैं तब तक नहीं रुकूंगा जबतक इंडियन फुटबॉल टीम में अपनी जगह बना लूं। अगले दिन मैं ट्रेनिंग कर रहा था। मैं क्लब के एनालिसिस्ट से अपने गेम की रिपोर्ट हमेशा लेता हूं ताकि अपनी कमजोरियों पर काम कर सकूं और उन्हें दोहराने की गलती न करुं। मैं खुद को लगातार बेहतर करने के लिए यह रूटीन फॉलो करता हूं।"

अंडर-13 और अंडर-14 टीम में वह एक स्ट्राइकर के रूप में खेलते थे, लेकिन फिर उन्हें मिडफील्ड में भेजा गया और अब वह एक राइटबैक के तौर पर खेलते हैं। उन्होंने कहा, "मैं इस उम्र में ​अलग-अलग पोजिशन पर खेलता हूं और मुझे खुद से खुश होना चाहिए। मुझे हमेशा से दानी आल्वेस काफी पसंद आए हैं। उनके पास काफी स्किल्स हैं और वो आत्मविश्वास से भरे रहते हैं। मैं यंग प्लेयर्स में ट्रेन्ट एलेक्जेंडर आर्नर्ल्ड को फॉलो करता हूं।"

ओडिशा एफसी ने इस ट्रांसफर विंडो में कई प्लेयर्स खरीदे हैं और टीम के साथ नए हेड कोच भी जुड़े हैं। ऐसे में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि इंडियन फुटबॉल टीम के स्टार डिफेंडर संदेश झिंगन भी ओडिशा आ सकते हैं।

शुभम सारंगी ने कहा, "संदेश झिंगन के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना किसी सपने के सच होने जैसा होगा। गेम के लिए उनके जुनून और सम्मान को देखते हुए मैं उनकी तुलना स्पेन के स्टार डिफेंडर सर्जियो रैमोस से करता हूं।"

लीग में पिछले सीजन छठे पायदान पर रहने वाली ओडिशा एफसी ने स्टुअर्ट बैक्सटर को हाल में नया हेड कोच घोषित किया है और फैन्स को आगामी सीजन में टीम से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद है।

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