उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का होगा आयोजन, 28 जनवरी से देश भर के खिलाड़ी मचाएंगे धमाल

38वें राष्ट्रीय खेलों में कुल 32 खेल और चार प्रदर्शन खेल खेले जायेंगे।
उत्तराखंड 28 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 तक अपने पहले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने के लिए उत्साहित है। राज्य के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, नवीन हरित पहल और उत्साह के साथ देश भर के खिलाड़ी, अधिकारी और दर्शकों के स्वागत हेतु उत्साहित है।
प्रमुख विशेषताएं:
- ऐतिहासिक पहल: उत्तराखंड अपने पहले राष्ट्रीय खेल की मेजबानी करेगा, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- अनेकानेक/अनेक शहरों में आयोजन: प्रतियोगिताएं देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर जैसे अन्य शहरों में आयोजित की जाएंगी।
- इको फ्रेंडली खेल: यह संस्करण भारत का पहला “इको फ्रेंडली खेल” होगा, जिसमें पुनर्नवीनीकरण ई-कचरा पदक, सौर ताप और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी पहलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति ज़ोर दिया जाएगा।
- मैस्कॉट और नारा: आधिकारिक मैस्कॉट उत्तराखण्ड के राज्य पक्षी मोनल से प्रेरित, “मौली”, और नारा, “संकल्प से शिखर तक,” खेल भावना का प्रतीक है।
- मशाल दौड़: हल्द्वानी से शुरू की गई एक जीवंत मशाल दौड़, राज्य भर में 13 जिलों से होते हुए 99 शहरों की यात्रा कर रही है, जिससे पूरा राज्य उत्साहित एवं उल्लासित है।
- अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा: खिलाड़ी और दर्शकों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढाँचे के उत्थान हेतु महत्वपूर्ण निवेश।
38वें राष्ट्रीय खेलों में अनेक खेलों में भारतीय खेल प्रतिभा प्रदर्शित होगा। प्रमुख खेल देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और रुद्रपुर में योजनाबद्ध हैं। साथ ही रुद्रपुर, शिवपुरी, टिहरी, भीम ताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और टनकपुर में भी अतिरिक्त खेलों का आयोजन होगा।
आधिकारिक मैस्कॉट, मौली, का अनावरण 15 दिसंबर, 2024 को उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा देहरादून में किया गया था। मोनाल (राज्य पक्षी) से प्रेरित मौली, क्षेत्र की अनूठी प्राकृतिक विरासत का प्रतीक है। यह पक्षी युवा खिलाड़ीयों को अपनी सर्वोच्च क्षमता से खलने हेतु प्रोत्साहित करती है। लोगो, जो मोनाल पक्षी से प्रेरित है, उत्तराखंड की सुंदरता और विविधता को दर्शाता है।
सीएम धामी ने अनावरण के दौरान कहा, “हम मैस्कॉट, गाना, लोगो, टैगलाइन और जर्सी का अनावरण कर रहे हैं। उत्तराखंड के लोगों की ओर से, मैं इस आयोजन की मेज़बानी का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।”
राज्य के लगभग 10,000 खिलाड़ी, कोच और अधिकारियों के आगमन का अनुमानित है। 26 दिसंबर को हल्द्वानी से शुरू की गई मशाल दैड़, राज्य भर में यात्रा करते हुए खेल भावना और उत्साह की लहर छा रही है। इस दौड़ के दौरान मौली भी समारोह में शामिल हो रही है।
राष्ट्रीय खेल का यह संस्करण न केवल उत्तराखण्ड बल्कि भारतीय खेलों के लिए भी एक ऐतिहासिक घटना होगी, जो आगामी खेल आयोजनों के लिए एक नया मानक स्थापित करेगी।
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