फुटबॉल की तरह Cricket में भी IPL फ्रेंचाइजियाँ करेंगी वार्षिक अनुबंध, लेकिन खिलाड़ियों को छोड़ना होगा International Cricket
By Neetish Kumar Mishra
इस कदम से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को हो सकता है खतरा।
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है कि Indian Premier League (IPL) की फ्रेंचाइजियों ने क्रिकेट को फुटबॉल मॉडल की ओर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए उन्होंने इंग्लैंड के 6 खिलाड़ियों को मल्टी-मिलियन पाउंड के वार्षिक अनुबंध का ऑफर किया है। बता दें कि, अलग-अलग IPL फ्रेंचाइजी ने South Africa (SA20), UAE (ILT20), USA (MLC) और West Indies (CPL) में विदेशी टी20 लीग में टीमों को खरीदा है।
यह एक ऐसा कदम है जो आने वाले समय में क्रिकेट के भविष्य को पूरी तरह से बदल सकता है। एक रिपोर्ट के जरिए यह बात सामने आई है कि आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने इंग्लैंड के टॉप 6 खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट छोड़कर उनकी टीम की ओर से लीग क्रिकेट खेलने के लिए मल्टी-मिलियन पाउंड के वार्षिक अनुबंधों की पेशकश की है।
टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार आईपीएल फ्रेंचाइजियाँ क्रिकेट में भी फुटबॉल मॉडल को फॉलो करना चाहती हैं। इस मॉडल के अनुसार जो भी खिलाड़ी किसी फ्रेंचाइजी के साथ डील साइन करेंगे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट छोड़कर उनकी टीम की ओर से साल भर तक अलग-अलग लीग में खेलना होगा। इस रिपोर्ट में फ्रेंचाइजी या उन खिलाड़ियों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है, जो इस ओर अपना कदम बढ़ाना चाह रहे हैं।
रिपोर्ट की मानें तो फ्रेंचाइजी ने खिलाड़ियों के साथ 12 महीने के अनुबंध के बारे में चर्चा की है। यह भी पता चला है कि अंग्रेजी खिलाड़ियों को 2-5 मिलियन पाउंड के बीच की रकम देने की बात कही गई। हालांकि, इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के साथ भी इसी तरह की चर्चा हो चुकी है।
इस डील से कई खिलाड़ियों को मिल सकता है बड़ी कमाई का मौका:
दुनिया में कई सारे खिलाड़ी ऐसे हैं जो बेहद प्रतिभाशाली होने के बावजूद भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए अपने देश की टीमों में जगह नहीं बना पा रहे हैं, ऐसे खिलाड़ियों के लिए इस डील से अच्छी खासी कमाई करने का मौका मिल सकता है। भारत में कई सारे खिलाड़ी ऐसे रहे हैं, जिन्हें अच्छे मौके नहीं मिल पाने के कारण देश छोड़ना पड़ा, जिसमें उन्मुक्त चंद और स्मित पटेल जैसे खिलाड़ियों का नाम शामिल है।
हालांकि, यदि किसी खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिल रहा है और आगे भी इसकी उम्मीद नहीं दिख रही है तो वह इस डील पर साइन कर सकता है और किसी एक फ्रेंचाइजी के साथ जुड़कर दुनिया भर की अलग-अलग लीग में अपना जलवा बिखेर सकता है। इसके लिए वह अच्छी खासी रकम भी प्राप्त करेगा, साथ ही साथ उसे दुनिया भर में एक अलग पहचान भी मिलेगी।
इससे पहले केरी पैकर भी कर चुके हैं इस तरह का काम:
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई मीडिया टाइकून केरी पैकर (Kerry Packer) भी इससे पहले इस तरह का काम कर चुके हैं। हालांकि, वह बहुत बड़े खेल प्रेमी नहीं थे, लेकिन वह इस क्षेत्र में बिजनेस के लिए कुछ अलग करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 1977 में वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट (WSC) की शुरुआत की। सचमुच कहा जाए तो इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सीधे विरोध में बनाया गया था।
पैकर ने शुरुआत में मैचों की ब्रॉडकास्टिंग राइट्स हासिल करने के उद्देश्य से खेल की दुनिया में अपना कदम रखा था। जब उन्हें इस मामले में सफलता नहीं मिली तो फिर उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट संगठन के साथ बातचीत करने के लिए 30 अलग-अलग खिलाड़ियों को अपना हथियार बनाया।
लेकिन जब क्रिकेट बॉडी ने उन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही, तो फिर उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने शुरुआत में टोनी ग्रेग, डेरेक अंडरवुड, एलन नॉट और जॉन स्नो जैसे खिलाड़ियों के साथ डील साइन करके ऑस्ट्रेलिया और बाकी दुनिया के बीच एक सीरीज की शुरुआत करने का विचार रखा था, जो आगे चलकर काफी बड़ा हो गया।
आगे चलकर क्लाइव लॉयड, विव रिचर्ड्स, गॉर्डन ग्रीनिज, एंडी रॉबर्ट्स, इमरान खान, बैरी रिचर्ड्स और माइक प्रॉक्टर सहित दुनिया भर के कई बड़े खिलाड़ी भी इससे जुड़े। पैकर ने उन्हें एक ऐसा ऑफर दिया था, जिसे वे मना नहीं कर सके थे। हालांकि, उन्होंने भारत के सुनील गावस्कर और कपिल देव को भी इस सीरीज को खेलने का ऑफर दिया था, लेकिन दोनों ने ही मना कर दिया था।
बहरहाल, साल 1979 में पैकर को WSC को बंद करना पड़ा, लेकिन दो सालों के बीच 16 ‘सुपरटेस्ट’ और 38 वनडे मैच खेले गए, जिसमें कुल 70 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इसी सीरीज में पहली बार खिलाड़ी रंगीन जर्सी पहने हुए दिखे। इसके अलावा, पिच में भी काफी बदलाव किए गए थे। इंग्लैंड के खिलाड़ी जो WSC से पहले एक टेस्ट मैच खेलने पर £210 कमा रहे थे, उन्हें अब हर एक मैच के लिए £1,000 मिलने लगा था।
केरी पैकर ने WSC का विज्ञापन इतने अच्छे तरीके से किया था कि मात्र दो सालों में मैच देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। क्रिकेट में हेलमेट लाने और उसके बदले में बल्लेबाजों को निडर बनाने का कुछ श्रेय उन्हें भी जाता है। भले ही उस समय क्रिकेट बॉडी ने उनका समर्थन नहीं किया था, लेकिन वर्तमान समय मे दुनिया भर में चल रहे फ्रेंचाइजी क्रिकेट की सोच को जन्म देने में पैकर का सबसे बड़ा योगदान है।
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