अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज जीत रचा इतिहास, पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को दिलाया छठा मेडल
अमन ने अपने डेब्यू ओलंपिक में ही ब्रॉन्ज मेडल जीता।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने बड़ा कारनामा करके दिखाया। बता दें अमन ने 57 किलो वेट कैटेगरी में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। अमन ने प्यूर्टो रिको के रेसलर डारियान टोई क्रूज को 13-5 के बड़े अंतर से हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया है। इससे पहले अमन एशियन चैंपियन भी रह चुके हैं, इसके साथ ही अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गोल्ड अपने नाम कर चुके हैं। अमन के मेडल जीतने के साथ ही अब भारत के पेरिस ओलंपिक 2024 में छह मेडल पक्के हो चुके हैं, इन छह में से पांच ब्रॉन्ज है।
वहीं एक 1 मेडल सिल्वर है, जो नीरज चोपड़ा ने जीता था। आप जानते ही होंगे इस ओलंपिक में ये भारत का रेसलिंग में आया पहला मेडल है। इससे पहले हर किसी को उम्मीद थी की विनेश फोगाट भारत को ना सिर्फ रेसलिंग में मेडल दिलाएगी, बल्कि गोल्ड भी अपने नाम करेंगी। हालांकि, 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते विनेश को उनके फाइनल मैच से ठीक पहले डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। लेकिन अब अमन सहरावत के मेडल जीतने के बाद हर किसी का दर्द थोड़ा ही सही पर कम हुआ होगा।
अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में किया बड़ा कमाल
अमन के पेरिस ओलंपिक के सफर की शुरुआत काफी अच्छी रही और उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई। जहां उनका सामना जापान के रेइ हिगुची से हुआ, इस मैच में उन्हें 0-10 के अंतर से करारी हार का सामना करना पड़ा था। गोल्ड मेडल की रेस से बाहर होने के बाद भी अमन ने हिम्मत नहीं छोड़ी और ब्रॉन्ज मेडल मैच में अपना पूरा बेस्ट दिया।
इस मैच की बात करें तो अमन ने शुरु से ही मैच पर अपना दबदबा कायम रखा। जिसके चलते उनके विपक्षी को वापसी करने का मौका ही नहीं मिला। डारियान टोई क्रूज को मैच की शुरुआत से अमन ने बढ़त हासिल करने के एक भी मौके नहीं दिए। मैच के आखिरी पलों में अमन ने बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया और स्कोर को 13-5 तक ले गए, जिसके चलते उनकी जीत पूरी तरह सुनिश्चित हो गई। इस तरह अमन सहरावत के मेडल ने ओलंपिक में भारत की कुश्ती का जलवा बरकरार रखा है।
बता दें, 2008 से अब तक लगातार 5 ओलंपिक में भारत ने कुश्ती में मेडल जीते हैं। हॉकी के बाद भारत के सबसे ज्यादा 8 मेडल ओलंपिक रेसलिंग में ही आए हैं। ओलंपिक के इतिहास में पहली बार 1952 में केडी जाधव ने भारत के लिए रेसलिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद 56 सालों तक भारत को कुश्ती में मेडल नहीं मिला और फिर 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर लंबे समय से चले आ रहे मेडल के सूखे का अंत किया। कुछ ऐसा ही करिशमा इस बार अमन ने करके दिखाया है।
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