Khel Now logo
HomeSportsBangladesh Premier LeagueLive Cricket Score
Advertisement

फुटबॉल समाचार

अनिरुद्ध थापा: मैं बचपन से टैलेंटेड नहीं था, मैंने कड़ी मेहनत की है

Sawan has been writing about multiple sports like Kabaddi, Cricket, Badminton and others since 2017.
Published at :September 25, 2020 at 10:00 PM
Modified at :September 25, 2020 at 10:00 PM
अनिरुद्ध थापा: मैं बचपन से टैलेंटेड नहीं था, मैंने कड़ी मेहनत की है

युवा इंडियन मिडफील्डर ने अपने एकेडमी के दिनों को भी याद किया।

इंडियन फुटबॉल टीम के युवा मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। महज 22 साल की उम्र में ही वो इंडिया के एक बेहतरीन फुटबॉलर बन चुके हैं और कई दिग्गज कोच भी उनकी तारीफ कर चुके हैं।

अनिरुद्ध थापा ने बताया कि जब वो एकेडमी में थे तो जितने भी टीमों के खिलाफ उन्होंने मुकाबले खेले वो सब काफी बेहतरीन टीमें थीं। क्वालिटी टीमों के खिलाफ खेलने की वजह से एक प्लेयर के तौर पर वो काफी बेहतर होते गए और इसी वजह से वो इस वक्त इंडियन टीम का नियमित हिस्सा हैं।

एआईएफएफ के साथ लाइव चैट के दौरान अनिरुद्ध थापा ने अपने करियर को लेकर खुलकर बात की और कहा, "मैं काफी भाग्यशाली हूं कि एकेडमी के दौरान मुझे गौतम घोष सर के अंडर में ट्रेनिंग का मौका मिला।"

उन्होंने बताया कि कल्यानी स्टेडियम में हर हफ्ते मैचों का आयोजन होता था और वहां पर एआईएफएफ एकेडमी के प्लेयर्स ट्रेनिंग करते थे। ये सारे फ्रेंडली मैच होते थे लेकिन एकेडमी के सारे लड़के सीनियर टीमों के खिलाफ खेलते थे, जिसमें से कई खिलाड़ी बेहतरीन लीग का हिस्सा होते थे।

उन्होंने कहा, "गौतम सर हमारे लिए मैचों का आयोजन कराते थे। वे सारी अच्छी टीमें होती थीं और उन टीमों के प्लेयर्स कोलकाता प्रीमियर लीग में खेलते थे। भले ही हम हारते थे या जीतते थे लेकिन वो मैच हमारे लिए काफी अहम होते थे। उन मैचों की वजह से एक प्लेयर के तौर पर हमारा ग्रोथ हुआ। वो वास्तव में हमारे लिए काफी बेहतरीन दिन थे।"

इंडियन टीम में अनिरुद्ध थापा अपने बेहतरीन पास के लिए जाने जाते हैं। ये क्वालिटी उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में कड़ी मेहनत के बाद डेवलप की थी। एकेडमी के दिनों के दौरान थापा ने इस स्किल पर काफी हार्ड वर्क किया था।

इंडियन मिडफील्डर ने कहा, "मैं जन्म से ही टैलेंटेड नहीं था, बल्कि मैंने कड़ी मेहनत की है। देहरादून में मेरे शुरुआती दिनों से ही सभी कोच ने मेरे ऊपर काफी मेहनत की। इसके बाद चंडीगढ़ के सेंट स्टीफंस में सुरिंदर सिंह सर ने भी काफी काम किया। मैं उस वक्त सिर्फ 10 या 12 साल का था और उन्होंने मेरे गेम के मुताबिक ही मुझसे ट्रेनिंग करवाई। इस वक्त मैं जो भी हूं वो मेरे जितने भी कोच रहे हैं उनके हार्ड वर्क की वजह से हूं। उन्होंने मेरा फुटबॉल का आइक्यू बढ़ाने में काफी मदद की।"

बचपन से ही अनिरुद्ध थापा ने अपने से सीनियर खिलाड़ियों के खिलाफ मैच खेले। इन्हीं मैचों के दौरान उनकी मुलाकात गुरप्रीत सिंह से हुई थी जो इस वक्त इंडियन टीम का अहम हिस्सा हैं।

थापा ने बताया, "हम लोग अपने से 3-4 साल बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ खेला करते थे। मैं उस वक्त 12 साल का था जब गुरप्रीत भाई अंडर-19 कैंप से आए थे और हमारा मैच उनके खिलाफ था। ऐसा नहीं था कि मैं बहुत जबरदस्त खेलता था, मैं गलतियां भी काफी करता था लेकिन उससे मुझे काफी कुछ सीखने का मौका मिला। कोच ने उस वक्त मेरे ऊपर जो भरोसा दिखाया उससे मुझे काफी फायदा हुआ।"

Sawan Gupta
Sawan Gupta

Sawan Gupta is a passionate sports enthusiast with a strong interest in cricket, hockey, badminton, and kabaddi. He supports RCB in the IPL and UP Yoddhas in the PKL, and admires PV Sindhu and Virat Kohli. Since 2017, Sawan has been writing sports articles, covering major events like the Pro Kabaddi League, Asian Games, Olympics, and various cricket tournaments.

Latest News
Advertisement