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मानितोम्बी के परिवार की मदद के लिए आगे आए रेनेडी सिंह और सुनील छेत्री

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Published at :August 13, 2020 at 3:30 PM
Modified at :August 13, 2020 at 5:59 PM
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सभी ने पूर्व इंडियन खिलाड़ी के देहांत पर शोक जताया।

कुछ दिन पहले यह खबर आई थी भारत के पूर्व फुटबॉलर मानितोम्बी सिंह का निधन हो गया है। लंबे समय से बीमार चल रहे इस खिलाड़ी ने शनिवार को मणिपुर में अपनी आखिरी सांसे ली। मोहन बागान और भारतीय टीम के लिए खेल चुके खिलाड़ी के परिवार में उनकी पत्नी और आठ साल का बेटा है। इस मुश्किल समय में उनकी मदद के लिए सुनील छेत्री और रेनेडी सिंह जैसे खिलाड़ी आगे आए हैं।

रेनेडी सिंह ने बताया कि वह सुनील छेत्री के साथ मिलकर मानितोम्बी के परिवार की मदद के लिए फंड इकठ्ठा कर रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में रेनेडी ने कहा, "मैं उनके साथ मोहन बागान औऱ राष्ट्रीय टीम में खेला और हमारी बहुत सी अच्छी यादें थीं। हमें दुख है कि उन्हें इतनी कम उम्र में दुनिया से जाना पड़ा। उनकी पत्नी काम नहीं करती हैं। वह लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे तो वहां भी उन्होंने काफी पैसा खर्च किया था।"

रेनेडी ने बताया कि छेत्री ने उन्हें फोन किया और कहा कि इस मुश्किल समय में मानितोम्बी के परिवार की मदद करना हमारी जिम्मेदारी हैं। छेत्री और रेनेडी सिंह पूर्व खिलाड़ी की कप्तानी में मोहन बागान मे खेले हैं। उन्होंने आगे बताया, "हम फिलहाल फंड के लिए कोई चैरिटी मैच नहीं खेल सकते तो हम लोगों की मदद से पैसा इकठ्ठा कर रहे हैं। जब चीजे सही हो जाएंगी तब हम मैच खेलेंगे।"

एफपीएआई के अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें सटीक तौर पर नहीं पता कि पूर्व खिलाड़ी को क्या बीमारी थी लेकिन वह पिछले कुछ सालों से शारीरिक तौर पर कमजोर दिख रहे थे। हालांकि, वह मानसिक तौर पर हमेशा फुटबॉल से जुड़े रहते थे। एकेडमी में ग्राउंड में वह युवाओं को सलाह देते रहते थे।

मोहन बागान ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि क्लब को पूर्व कप्तान के असामयिक निधन से सभी को गहरा दुख हुआ है। क्लब ने कहा कि इस मुश्किल समय में उनकी संवेदना परिवार के साथ है। मानितोम्बी सिंह की आत्मा को शाांति मिले।

मानितोम्बी कोच स्टीफन कांस्टेंटाइन की उस भारतीय अंडर -23 टीम के प्रमुख सदस्य थे, जिसने 2003 में हो ची मिन्ह सिटी में वियतनाम को 3-2 से हराकर एलजी कप जीता था। सिंगापुर में 1971 में आठ देशों के टूर्नामेंट को जीतने के बाद यह भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय खिताबी जीत थी।

उन्होंने 2002 बुसान एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने 2003 में मोहन बागान के लिए पदार्पण किया और 2004 में उनकी कप्तानी में टीम ने ऑल एयरलाइन्स गोल्ड कप की विजेता बनी। वह आखिरी बार मणिपुर राज्य लीग में 2015-16 में खेले थे।

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