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आईएसएल 2020-21: गेमवीक-4 से हमें पांच नई चीजें जानने को मिली

Published at :December 10, 2020 at 9:52 PM
Modified at :December 10, 2020 at 10:22 PM
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Gagan


इस हफ्ते के लगभग सभी मुकाबले बहुत एंटरटेनिंग रहे।

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का 2020-21 सीजन इस वक्त अपने पूरे फ्लो पर है और हर मुकाबले के साथ ये और भी बेहतर होता जा रहा है। चौथे राउंड के मैचों में भरपूर एक्शन और एंटरटेनमेंट देखने को मिला।

इस राउंड में कई टीमों ने शानदार जीत हासिल की तो कई उलटफेर भी हुए। वहीं कुछ मुकाबले तो काफी करीबी रहे। एससी ईस्ट बंगाल की हार का सिलसिला जहां जारी रहा तो वहीं एटीके मोहन बगान को पहली बार हार का स्वाद चखना पड़ा। कुल मिलाकर यह हफ्ता फैंस के लिए काफी रोमांचक रहा।

इन सबको ध्यान में रखते हुए हम आपको बताते हैं कि आईएसएल के चौथे हफ्ते के दौरान क्या-क्या चीजें जानने को मिली:

5. कोच नया फिर भी चेन्नईयन एफसी की प्रॉब्लम वही

चेन्नईयन एफसी के लिए ये सीजन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। बेंगलुरु एफसी के खिलाफ मिली हार से पता चलता है कि उनके सीजन की शुरुआत निराशाजनक तरीके से हुई है। चेन्नईयन एफसी लगातार अपने कोच को बदलती आ रही है और वो कभी भी एक सेटल टीम नहीं बना पाए।

साबा लासल्जो टीम सेलेक्शन भी सही तरह नहीं कर पाए। जब इस्मा जैसे बेहतरीन स्ट्राइकर को विंग पर खिलाया गया तो काफी सवाल उठे। अनिरुद्ध थापा और लालियनजुआला छांगते के अलावा कोई भी भारतीय खिलाड़ी ऐसा नहीं था जो विदेशी प्लेयर्स का साथ दे सके। पिछले सीजन की शुरुआत में टीम गोल करने में नाकाम रही और इस सीजन भी यही प्रॉब्लम उनके सामने है।

4. नॉर्थईस्ट के सामने बड़ी चुनौती है अहम खिलाड़ियों को फिट रखना

नॉर्थईस्ट यूनाईटेड ने सबको चौंकाते हुए आईएसएल के मौजूदा सीजन की शुरुआत बेहतरीन तरीके से की है। अनुभवी प्लेयर्स या फिर इंडियन टैलेंट के मामले में क्लब कागजों पर उतनी मजबूत नहीं दिख रही थी, इसके बावजूद उन्हें अभी तक हार नहीं मिली है।

हाल ही में उन्होंने एससी ईस्ट बंगाल को आसानी से 2-0 से हरा दिया था। इस टीम की सफलता का सबसे बड़ा राज सभी प्लेयर्स का एक यूनिट के तौर पर खेलना और अनुभवी खिलाड़ियों का जरुरत पड़ने पर बेहतरीन प्रदर्शन करना है।

कोच जेरार्ड नस के सामने अपने अहम खिलाड़ियों लाम्बोट, खासा कमारा, डिलन फॉक्स और क्वेसी अप्पैया को फिट रखना है।

https://www.youtube.com/watch?v=men1E8UR6hg&feature=emb_logo

3. कड़ी चुनौती पेश करने के लिए ओडिशा एफसी को बेस्ट इलेवन की जरुरत है

ओडिशा एफसी ने अभी तक हुए 4 मुकाबलों में चेज ही किया है। उन्होंने अपने गेम में तेजी तभी दिखाई है जब कोच से डांट पड़ी है या फिर एक या दो सब्सीट्यूट हुए। अपने स्टार्टिंग इलेवन में कोच स्टुअर्ट बैक्सटर को बहुत कम विकल्पों के साथ मैदान में जाना पड़ा है।

इंडियन विंगर जेरी माविमिंगथांगा और ऑस्ट्रेलियाई डिफेंडर जैकब ट्रैट को लगातार स्टार्टिंग इलेवन में जगह नहीं मिली है। इसी वजह से फाइनल थर्ड में टीम में क्वालिटी की कमी दिखी और बैक में भी स्थिरता नहीं मिल पाई।

ओडिशा एफसी को ज्यादा कॉन्फिडेंस के साथ खेलने की जरुरत है और हर गेम में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उन्हें अपनी सबसे मजबूत इलेवन मैदान में उतारनी होगी।

2. केरला ब्लास्टर्स - सही एप्रोच, गलत खिलाड़ी

https://www.youtube.com/watch?v=y606AatmTug&feature=emb_logo

केरला ब्लास्टर्स को एफसी गोवा के खिलाफ मुकाबले में 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था। टीम को अभी भी अपनी पहली जीत का इंतजार है और वो प्वॉइंट्स टेबल में नौंवे पायदान पर हैं।

केरला ब्लास्टर्स की सबसे बड़ी समस्या ये है कि उनके कोच तो प्लानिंग काफी बेहतरीन कर रहे हैं लेकिन प्लेयर्स उसको मैदान में सही से एग्जीक्यूट नहीं कर पा रहे हैं। किबू विकूना ने बेहतरीन फाउंडेशन दिया है लेकिन टीम फाइनल थर्ड में क्रिएटिविटी की कमी से जूझती नजर आई है और इसी वजह से गोल करने के मौके नहीं बने हैं। वहीं सर्जियो सिडोंचा के जाने से टीम के क्रिएटिव ऑप्शन में और कमी आ जाएगी। केरला ब्लास्टर्स को सही प्लेयर्स की जरुरत है जो कोच की रणनीति के हिसाब से गेम को चला सकें।

पिछले मुकाबले में सहल अब्दुल समद को ड्रॉप करने का फैसला सही था लेकिन रोहित कुमार को मिडफील्ड में लगाया गया और इससे पता चलता है कि केरला ब्लास्टर्स की टीम में बेहतरीन भारतीय खिलाड़ी नहीं हैं।

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1. एटीके मोहन बगान के डिफेंस में लगी सेंध

आईएसएल में जमशेदपुर एफसी के खिलाफ फेवरेट होने के बावजूद एटीके मोहन बगान को सीजन की पहली हार झेलनी पड़ी। जमशेदपुर ने 2-1 से जीत हासिल की और एंटोनियो हबास की टीम के खिलाफ स्कोर करने वाली वो पहली टीम बनी।

एटीके मोहन बगान के फैंस के लिए ये काफी हैरान कर देने वाला रिजल्ट था और पहली बार उनका डिफेंस बुरी तरह हिला हुआ नजर आया। एटीके मोहन बगान के डिफेंस में मार्किंग की कमी दिखी और सेट-पीसेस भी अच्छे नहीं थे। उनकी इस कमजोरी का फायदा टूर्नामेंट की और भी टीमें उठा सकती हैं। 

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