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स्टीफन कांस्टेनटाइन: मैं यूरोपियन क्लब के लिए अनिरुद्ध थापा को साइन करुंगा

Published at :September 12, 2020 at 10:37 PM
Modified at :September 12, 2020 at 10:37 PM
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Rahul Gupta


पूर्व भारतीय कोच ने गुरप्रीत सिंह संधू के बेंगलुरु एफसी क्लब ज्वॉइन करने को लेकर भी प्रतिक्रिया दी।

स्टीफन कांस्टेनटाइन का इंडियन फुटबॉल में काफी बड़ा रोल रहा है। वह दो बार भारतीय टीम की कोचिंग कर चुके हैं। 2019 में हुए एएफसी एशियन कप तक इंडिया को पहुंचाने में उनकी काफी अहम भूमिका रही थी।

वह सबसे पहले 2002 से 2005 तक टीम के कोच थे और तब उन्हें सिस्टम को पूरी तरह ठीक करना पड़ा था। इसके बाद 2015 में जब उन्होंने वापसी की तो कई बड़े टार्गेट उनके सामने थे। खेल नाओ के 'बियोंड द स्कोर' पोडकास्ट के लेटेस्ट एपिसोड में उन्होंने इंडियन फुटबॉल के बारे में विस्तार से बात की।

प्रीतम कोटाल, संदेश झिंगन, उदांता सिंह और प्रणॉय हल्दर जैसे प्लेयर्स ने स्टीफन कांस्टेनटाइन की कोचिंग में ही अपना डेब्यू किया। कांस्टेनटाइन ने बताया कि किस भारतीय प्लेयर के पास यूरोपियन क्लब में खेलने की क्षमता सबसे ज्यादा है। उन्होंने इस मामले में अनिरुद्ध थापा का नाम लिया।

स्टीफन कांस्टेनटाइन ने कहा, "अगर मुझे यूरोपियन क्लब के लिए किसी इंडियन प्लेयर को साइन करना हो तो मैं अनिरुद्ध थापा को साइन करुंगा। हालांकि, मेरे हिसाब से गुरप्रीत सिंह संधू को भी आगे आना चाहिए। इसके अलावा प्रणॉय हल्दर को भी मैं विदेशों में खेलते हुए देखना चाहूंगा और शुभाशीष बोस भी बाहर जाकर खेलने का माद्दा रखते हैं। आशिक कुरेनियान के पास स्ट्रॉन्ग बेस है, बस उसे फाउंडेशन की जरुरत है। मुझे नहीं पता कि उसे ये मौका कौन देगा लेकिन थाइलैंड के खिलाफ उसका प्रदर्शन जबरदस्त था। सबसे पहले स्ट्राइकर के तौर उसे खिलाने वाला मैं ही था।"

स्टीफन कांस्टेनटाइन ने इसके अलावा गुरप्रीत सिंह संधू के बेंगलुरु एफसी क्ल्ब को ज्वॉइन करने को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। मशहूर कमेंटेटर और इंडियन फुटबॉल को करीब से जानने वाले जो मॉरिसन ने कहा था कि यूरोपियन करार खत्म होने के बाद गुरुप्रीत के ऊपर इंडिया आने के लिए आर्थिक और राजनैतिक दबाव बनाया गया था।

स्टीफन कांस्टेनटाइन ने इस बारे में कहा, "मैं और जो मॉरिसन नहीं चाहते थे कि अगर गुरप्रीत सिंह संधू यूरोप में मैच खेल रहे हैं तो इंडिया वापस आएं। अगर वो नॉर्वे में हैं और मैच नहीं खेल रहे हैं तो फिर वापस आकर नेशनल टीम के लिए कैसे खेल सकते हैं? इसके बाद उन्होंने वापस आकर बेंगलुरु एफसी क्लब के साथ करार किया और उनके इस फैसले से मैं बहुत खुश था। उस समय गुरप्रीत के लिए यही सही था। ये एशियन कप से पहले का साल था, इसलिए गुरप्रीत को बेंगलुरु के साथ एक पूरा सीजन मिल गया। अब वो कैंप के लिए हमारे साथ होंगे, ये बात बिल्कुल सच है।"

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