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फुटबॉल समाचार

वो पांच फुटबॉल क्लब जिन्हें आज भी याद करते हैं इंडियन फैंस

Published at :April 19, 2021 at 12:13 AM
Modified at :April 19, 2021 at 12:14 AM
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riya


इनमें से कुछ क्लब आज भी इंडियन फुटबॉल को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे पाते।

भारत के फुटबॉल क्लब दुनिया के सबसे पुराने क्लब्स में से एक हैं। दुनिया के तीसरे और चौथे सबसे पुराने टूर्नामेंट्स भी भारत में ही हुए, जिनके नाम हैं दुरंद कप और आईएफए शील्ड। पहला भारतीय क्लब कलकत्ता एफसी था, जो कि साल 1872 में बनाया गया था। तब से अब तक देश में सैकड़ों फुटबॉल क्लब बने और मशहूर हुए हैं।

फुटबॉल का इतना पुराना इतिहास होने के बाद भी भारत में लीग सिस्टम को आने में 100 साल से ज्यादा का समय लग गया। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने 1996 में नेशनल फुटबॉल लीग बनाने के साथ ही भारतीय क्लब्स को एक प्लेटफॉर्म मुहैया कराया। हालांकि महज 10 साल बाद ही एनएफएल बंद हो गया और इसी के साथ आई-लीग सामने आई। 9 दिसंबर 2010 को ये घोषणा की गई कि एआईएफएफ ने 15 साल के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज और दी इंटरनेशनल मैनेजमेंट ग्रुप के साथ 700 करोड़ रुपए की नई डील की है। इसके महज तीन साल बाद ही इंडियन सुपर लीग बनी। अब ये लीग भारत में फुटबॉल मुकाबलों की प्रीमियर लीग है।

हालांकि, भारत में इस खेल का इतिहास काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है, खासकर क्लब के मामले में। पिछले कुछ वर्षों में देश के कई प्रसिद्ध क्लब्स बंद भी हुए हैं। उनमें से कई ऐसे हैं, जो अगर आज चल रहे होते तो शायद उनका भारतीय फुटबॉल पर काफी गहरा असर होता। खेल नाओ ऐसे ही पांच भारतीय फुटबॉल क्लब से आपको रूबरू करा रहा है, जिनको आज भी फुटबॉल फैंस याद करते हैं:

मुंबई एफसी

ज्यादातर नए फैंस को लगता है कि मुंबई सिटी एफसी महाराष्ट्र की राजधानी का पहला हाई प्रोफाइल क्लब है। हालांकि, सच तो ये है कि मुंबई एफसी ने इस शहर का प्रतिनिधित्व काफी पहले ही कर लिया था, एमसीएफसी के बनने के काफी समय पहले।

मुंबई एफसी 2007 में बनाया गया था, ताकि ये शहर के उभरते हुए युवा फुटबॉलर्स को एक प्लेटफॉर्म मुहैया करा सके। अगले ही साल क्लब को आई-लीग में प्रमोट कर दिया गया और टीम अपने पहले लीग सीजन में सातवें पायदान पर रही। 2019 में क्लब के बंद होने तक उनके पास दो ट्रॉफीज थीं। इनमें से एक थी 2007-08 की आई-लीग सैकंड डिवीजन और दूसरी थी 2010-11 की मुंबई एलीट डिवीजन लीग की ट्रॉफी। इस क्लब ने भारत को आशूतोष मेहता, राहुल भेके और जयेश राणे जैसे शानदार खिलाड़ी दिए हैं। वहीं क्लब से खालिद जमील और संतोष कश्यप जैसे कोच भी निकले।

पुणे एफएसी

इस लिस्ट में अगला क्लब है पुणे एफसी, जो कि मुंबई एफसी का चिर प्रतिद्वंदी माना जाता था। 2007 में पुणे एफसी क्लब बना और 2009 में ये आई-लीग के लिए प्रमोट हुआ। एक समय पर ये भारत के सबसे प्रोफेश्नल फुटबॉल क्लब्स में से एक था। आई-लीग के अपने पहले सीजन में क्लब तीसरे स्थान तक पहुंचने में कामयाब रहा था। 2012-13 का सीजन उनके लिए काफी अच्छा रहा था और इस दौरान क्लब लीग में रनर-अप रहा। 2015-16 सीजन के पहले क्लब को बंद कर दिया गया। इसी बीच उनकी एकेडमी को आईएसएल के क्लब एफसी पुणे सीटी ने खरीद लिया।

सुब्रता पॉल, अमरिंदर सिंह, अनस ई, धनपाल गणेश, जेसेल कारनियरो और देनेचंद्र एम समय-समय पर एफसी पुणे के साथ जुड़े रहे थे।

चीराग यूनाइटेड क्लब केरल

चिराग यूनाइटेड क्लब केरल को वीवा केरल के नाम से भी जाना जाता था और ये क्लब केरल के कोच्चि शहर में था। 2004 में वीवा क्लब के नाम से बने इस क्लब ने पहले एनएफएल खेला फिर आई-लीग और केरल प्रीमियर लीग में भी प्रतिनिधित्व किया। चिराग कम्प्यूटर्स ने क्लब को फिर से जिंदा करने की कोशिश की, लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण क्लब को 2012 में बंद करना पड़ा।

2009 में ये टीम आई-लीग सैकंड डिवीजन की रनर-अप रही थी और इसे एक समय पर केरल की सबसे हाई प्रोफाइल टीम के तौर पर पहचाना जाता था।

जेसीटी

जगजीत कॉटन एंड टैक्सटाइल फुटबॉल क्लब, जिसे जेसीटी एफसी के नाम से भी जाना जाता है को साल 1971 में बनाया गया था और ये पंजाब के होशियारपुर शहर का क्लब था। 2011 में बंद होने से पहले ये क्लब एनएफएल, आई-लीग और पंजाब स्टेट सुपर लीग में खेलता रहा था। इस क्लब का इतिहास कई बड़ी जीतों से भरा हुआ है और आज दिन तक इस क्लब की गिनती सबसे ज्यादा ट्रॉफीज जीतने वाले भारतीय फुटबॉल क्लब के तौर पर होती है।

जेसीटी ने एनएफएल का पहला सीजन साल 1996-97 में जीता था और इस क्लब ने फेडरेशन कप, दुरंद कप, आईएफए शील्ड, रोवर्स कप, सैठ नागजी फुटबॉल टूर्नामेंट समेत देश के कई नेशनल लेव टूर्नामेंट कई बार जीते हैं। इनकी आखिरी सबसे बड़ी जीत थी अंडर-19 आई-लीग, जो कि साल 2011 में दर्ज की गई।

क्लब ने अपनी सबसे खास जीत दर्ज की थी 1995 के सीजर्स कप में मलेशिया के क्लब पेरिल एफसी के खिलाफ, जब 1-0 से जेसीटी ने मुकाबला अपने नाम किया था। इस मुकाबले में विजयी गोल प्रसिद्ध खिलाड़ी आईएम विजयन ने मारा था और इसी गोल के बूते टीम ने ट्राफी अपने नाम की थी।

महिंद्रा यूनाइटेड एफसी

महिंद्रा यूनाइटे एफसी को मैनचेस्टर यूनाइटेड की तर्ज पर भारत के एमसीएफसी के तौर पर पहचाना जाना जाता था और ये एक समय पर भारत के सबसे प्रसिद्ध क्लब्स में से एक था। महिंद्रा ग्रुप ऑफ कंपनीज के तहत इस क्लब को 1969 में बनाया गया था। इस क्लब ने एनएफएल और आई-लीग समेत कई क्लब में प्रतिनिधित्व किया है और जीत भी दर्ज की है।

तीन-तीन पर एनएफएल और दुरंद कप, दो-दो बार फेडरेशन कप और आईएफए शील्ड और एक बार रोवर्स कप जीतने के साथ ही इस क्लब ने साल 2007 में एएफसी क्वाटरफाइनल्स तक पहुंच कर इतिहास रच दिया था। करण अमीन, शुभाशीष रॉय चौधरी, स्टीवन डिएज, महेश गावली, नौशाद मूसा, धर्मराज रावानन, चिंगलेनसाना सिंह, गौरमंगी सिंह समेत कई सितारे वर्षों तक इस क्लब के साथ जुडे़ रहे।

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