क्या चीजें इगोर स्टीमाक की इंडियन फुटबॉल टीम को खास बनाती है?
टीम में कुछ अनुभवी और इन-फॉर्म खिलाड़ी हैं, जिनसे आने वाले मुकाबलों को लेकर बहुत सारी उम्मीद हैं।
कतर में फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर के लिए इंडियन फुटबॉल टीम का ऐलान बुधवार को हो गया है। ये टूर्नामेंट ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत महामारी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में ब्लू टाइगर्स के लिए ये हरगिज भी आसान नहीं होने वाला है।
इसी के साथ कतर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए मुकाबलों का नतीजा भी टीम के आगे के सफर को प्रभावित करेगा। भारतीय स्क्वॉड के ऐलान के साथ आइए जानते हैं ऐसे प्रमुख पॉइंट्स के बारे में, जिनका असर टूर्नामेंट पर पड़ेगा।
स्टीमाक का सबसे बेहतरीन डिफेंसिव लाइन अप क्या होगा?
राहुल भेके, संदेश झिंगन, प्रीतम कोटल और सुभाशीष बोस डिफेंस को काफी मजबूत बना देते हैं। वहीं दूसरी तरफ चिंग्लेसाना सिंह, आकाश मिश्रा और नरेंद्र गहलोत भी अच्छी प्रतिभा रखते हैं।
भारत के लिए कतर सबसे बड़ी चुनौती होगा, ऐसे में स्टीमाक झिंगन और बोस को उनके अनुभव के आधार पर चुन सकते हैं। अगर चिंग्लेसाना स्टार्टिंग इलेवन में आते हैं तो कोच को भेके और कोटल को राइट बैक के लिए चुनना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो आदिल खान भी झिंगन के पार्टनर के तौर पर सेंटर बैक के लिए सही साबित हो सकते हैं।
एएफसी लीग में सेरिटन फर्नांडिस के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी उन्हें स्क्वॉड में जगह न मिलने पर कई लोग हैरान हैं। उनका होना टीम के लिए काफी फायदेमंद हो सकता था। लेकिन, अभी भी कोच के पास आने वाले मुकाबलों से पहले बढ़िया कॉम्बिनेशन बनाने के लिए काफी समय है।
ग्लेन मार्टिन के आने से मिडफील्ड के पास कई डायमेंशन खुले
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के 2020-21 सीजन में एफसी गोवा के साथ ग्लेन मार्टिन का सेकंड हाफ काफी शानदार रहा। उन्होंने खुद को टीम का अहम हिस्सा साबित किया और अपना प्रदर्शन एसीएल में भी बरकरार रखा। उनके प्रदर्शन ने कई लोगों का ध्यान उनकी ओर खींचा। 26 साल के इस खिलाड़ी ने निश्चित ही बॉल को चलाने की अपनी बेहतरीन कला से कोच स्टिमेक को प्रभावित किया होगा।
भारतीय फुटबॉल टीम की मिडफील्ड में पहले ही रॉलिन बॉर्जेस, अनिरुद्ध थापा और सहल अब्दुल समद जैसे खिलाड़ी हैं। लेकिन मार्टिन के आने से कई डाइमेंशन खुल गए हैं और अब स्टिमेक को इनके चुनाव में काफी परेशानी होने वाली है।
उदांता सिंह को मिला मौका
स्क्वॉड के ऐलान के बाद उदांता सिंह के चयन को लेकर सवाल जरूर उठ रहे हैं, जिनका हाल ही का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। लेकिन महामारी के चलते फुटबॉल के कुछ नियमों में बदलाव किया गया है। बैंच और स्क्वॉड में सब्स्टीट्यूट की संख्या बढ़ाया जाना उन्हीं में से एक है।
ऐसे में उदांता जैसे खिलाड़ी के लिए ये एक लाइफलाइन साबित हो सकता है। विंगर उदांता के पास अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मौके का फायदा उठाने का पूरा अवसर है और इससे ज्यादा जरूरी उनके लिए फिलहाल कुछ भी नहीं होगा। बेंगलुरु एफसी के इस स्टार खिलाड़ी ने पहले भी अपने आप को साबित किया है, लेकिन अब अगर उन्हें मौका मिला तो उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।
सबसे बड़ी ताकत है मिडफील्ड?
आने वाले टूर्नामेंट में इंडियन फुटबॉल टीम की सफलता कोच द्वारा मिडफिल्डर्स के सही चयन पर निर्भर करती है। कई बड़े नामों को इसबार टीम में जगह मिली है और उनके कंधों पर बहुत सारी उम्मीदों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। अनिरुद्ध थापा, ब्रेंडन फर्नाडिस और रॉलिन बॉर्जेस स्क्वॉड में शामिल सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में शामिल हैं।
भारत के लिए अच्छी बात तो ये है कि ये सभी खिलाड़ी पूरी तरह फिट हैं और अच्छे फॉर्म में भी हैं। बिपिन सिंह, लालेंगमावियया, सुरेश वांगजम, लिस्टन कोलासो और लालियानजुआला छांगते को जोड़ लिया जाए तो भारती की मिडफील्ड पिछले कुछ वर्षों की सबसे बेहतरीन मिडफील्ड बन जाती है। ऐसे में इनमें से कोई क्वालिफायर्स में बेहतरीन गोल दाग दे तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
सुनील छेत्री की वापसी से बढ़ा मनोबल
सुनील छेत्री के ना होने के बाद भी रिवर्स फिक्सचर में कतर के खिलाफ भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी यादगार रहा था। हाल ही में हुए फ्रेंडली मुकाबलों में भी ब्लू टाइगर्स ने छेत्री को काफी मिस किया था। ऐसे में अब आने वाले मुकाबलों में उनकी मौजूदगी से कोच और फैंस को राहत मिली होगी।
मानवीर सिंह के पास काफी समय है और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन भी किया है और बड़े मुकाबलों में खेलने के दमखम को भी साबित किया है। अब, छेत्री के साथ उनकी जोड़ी विरोधी खेमे को परेशान कर सकती है।
इसके अलावा कप्तान की मौजूदगी से टीम के प्रदर्शन पर सकारात्मक असर पडे़गा। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने न सिर्फ गोल दागकर अपना योगदान दिया है, बल्कि उन्होंने टीम का बेहतरीन नेतृत्व किया है। कतर जैसे खतरनाक विरोधी के खिलाफ भारतीय फुटबॉल टीम उनके नेतृत्व पर पूरी तरह से निर्भर रहेगी।
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