यंग इंडियन प्लेयर्स के नाम रहा इंडियन सुपर लीग का छठा सीजन
(Courtesy : isl)
लीग का छठा सीजन 14 मार्च को खत्म हो जाएगा।
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के छठे सीजन में कई रोचक चीजें हुई। आईएसएल देश की नंबर-1 लीग बना और पहली बार इसे एएफसी चैम्पियंस लीग के ग्रुप स्टेज में जगह मिली। इस सीजन यंग प्लेयर्स ने जहां अपनी चमक बिखेरी तो वहीं मैदान के अंदर हमें कई शानदार साझेदारियां देखने को मिलीं।
सबसे पहला यंग प्लेयर जिसका नाम इस लिस्ट में डालना जरूरी हो जाता है, वह है सुमित राठी। 20 साल के एटीके के सेंट्रल डिफेंडर ने एंटोनियो हाबास की टीम के डिफेंस में जगह बनाई थी और पूरे सीजन के दौरान निडर होकर खेले।
[KH_ADWORDS type="4" align="center"][/KH_ADWORDS]सुमित ने कुल 11 मैच खेले और 10 मुकाबलों में स्टार्टिंग-11 में भी शामिल रहे। वह एटीके के उस डिफेंस का हिस्सा रहे जिसने 20 मैचों में सिर्फ 18 बार विपक्षी टीमों को गोल करने का मौका दिया।
बेंगलुरू एफसी के सुरेश सिंह वांगजाम की भी चर्चा बनती है। इस खिलाड़ी ने स्टार खिलाड़ियों से भरपूर कार्ल्स कुआड्राट की टीम में आईएसएल के मौजूदा सीजन के बीच में जगह बनाई और अब यह 19 साल का खिलाड़ी बेंगलुरू स्थित टीम का अभिन्न अंग बना चुका है।
कुआड्राट ने अपने इस युवा खिलाड़ी को लेकर कहा, "सुरेश ने इस हमारी काफी मदद की, उन्होंने शानदार खेल दिखाया। वह अटैक में गोल करने के मौके बना रहे थे और डिफेंस में भी मदद कर रहे थे। उनके लिए यह सीजन शानदार रहा। मुझे उम्मीद है कि वह जल्द ही इंडियन नेशनल टीम में खेलेंगे।"
[KH_ADWORDS type="3" align="center"][/KH_ADWORDS]एफसी गोवा के मानवीर सिंह, जीकसन सिंह, केरला ब्लास्टर्स के मोहम्मद राकिप, नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी के रीडीम त्लांग, ओडिशा एफसी के शुभम सारंगी एसे कुछ यंग प्लेयर्स हैं, जिन्होंने इस सीजन में अपने शानदार खेल की मदद से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
लीग में इस सीजन में विदेशी युवा खिलाड़ियों ने भी शानदार खेल दिखाया और कुछ अच्छी साझेदारियों को अंजाम दिया।
रॉय कृष्णा और डेविड विलियम्स एटीके के लिए बेहतरीन खेले। फिजी के कृष्णा और आस्ट्रेलिया के विलियम्स ने बेंगलुरू एफसी के खिलाफ दूसरे सेमीफाइनल के दूसरे लेग में ठीक उस समय गोल किए जब एटीके को उनकी सबसे जरूरत थी।
[KH_ADWORDS type="2" align="center"][/KH_ADWORDS]कृष्णा ने इस मैच में एक गोल किया जबकि विलियम्स ने दो गोल किए। उनके नाम इस सीजन में 15 गोल हैं। साथ ही उनके नाम पांच एसिस्ट हैं और विलियम्स ने सात गोल करने के अलावा पांच एसिस्ट भी किए हैं।
एटीके के कोच एंटोनियो हाबास ने कहा, "कृष्णा और विलियम्स जैसे टॉप क्लास के स्ट्राइकर होना अच्छी बात है। यह दोनों अच्छी लय में हैं और यह हमारे लिए काफी फायदेमंद रहा।"
चेन्नइयन एफसी के रफाएल क्रीवेलारो और नेरीजुस वाल्सकिस की चर्चा के बगैर इस सीजन की चर्चा अधूरी रहेगी। इन दोनों ने अपने शानदार खेल की बदौलत अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया। वाल्सकिस के नाम जहां 14 गोल और छह एसिस्ट हैं वहीं क्रीवेलारो के नाम सात गोल और आठ एसिस्ट हैं।
[KH_RELATED_NEWS title="Related News|आर्टिकल नीचे जारी है"][/KH_RELATED_NEWS]एफसी गोवा के हुगो बोउमोस (10 गोल, 10 असिस्ट) और फेरान कोरोमिनास (14 गोल, 4 असिस्ट) को भला कौन भूल सकता है। इन दोनों की आपसी समझ ने गोवा को लीग स्तर की टॉप टीम बनाए रखा। बार्थोलोमेव ओग्बेचे (15 गोल) और रफाएल मेसी बाउली (8 गोल) की साझेदारी भी चर्चा के योग्य है।
इस साझेदारी ने केरला ब्लास्टर्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया लेकिन ये अपनी टीम को प्लेऑफ में नहीं पहुंचा सके।
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