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कबड्डी न्यूज

प्रो कबड्डी लीग सीजन 9 टीम प्रोफाइल: पुनेरी पलटन

Published at :September 12, 2022 at 8:38 PM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


इस बार टीम का डिफेंस काफी जबरदस्त है।

पुनेरी पलटन एक ऐसी टीम है जिसमें हमेशा से ही बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। इस टीम का प्रदर्शन काफी दिलचस्प रहा है। टीम ना तो काफी बुरा खेली है और ना ही काफी अच्छा खेली है। कई मौकों पर बेहद करीबी मुकाबले गंवाने की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कह सकते हैं कि कई बार वो दुर्भाग्यशाली रहे। आगामी पीकेएल सीजन के लिए भी पुनेरी पलटन ने एक मजबूत टीम बनाने की कोशिश की है। टीम ने इस बार फजल अत्राचली और मोहम्मद नबीबख्श के रूप में दो बेहतरीन ईरानियन ऑलराउंडर का चयन किया है। हालांकि ये दोनों ही खिलाड़ी कितना प्रभाव डाल पाते हैं ये तो सीजन के दौरान ही पता लग पाएगा। 9वें सीजन के आगाज से पहले हम आपको बताते हैं कि पुनेरी पलटन का मजबूत और कमजोर पक्ष क्या है।

टीम का मजबूत पक्ष

फजल अत्राचली के आने से डिफेंस हुआ मजबूत

पुनेरी पलटन ने फज़ल अत्राचली को 1.38 करोड़ रूपये की कीमत में खरीदा है और लीग के इतिहास का सबसे महंगा विदेशी खिलाड़ी बनाया है। पहले भी फजल ही सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी थे और उन्होंने अब खुद ही अपने रिकॉर्ड को तोड़ा है। उनके आने से निश्चित रूप से टीम का डिफेंस काफी शानदार हो गया है। फजल अत्राचली लीग के इतिहास के दूसरे सबसे सफल डिफेंडर हैं। ऐसे में उनकी मौजूदगी से बाकी डिफेंडर्स का हौंसला बढ़ेगा और उन्हें काफी कुछ सीखने का भी मौका मिलेगा। डिफेंस में फजल टीम की अगुवाई करेंगे।

इसके अलावा डिफेंस में टीम के पास सोमबीर, संकेत सावंत और अबिनेश नादराजन जैसे प्लेयर तो हैं ही। ये खिलाड़ी बीते सीजन भी टीम का हिस्सा थे और जबरदस्त प्रदर्शन किया था। ऐसे में फजल, सोमबीर, संकेत सावंत और अबिनेश नादराजन को मिलाकर एक बेहतरीन डिफेंस पुनेरी पलटन का तैयार हो रहा है।

मोहम्मद नबीबख्श के रूप में मिला एक बेहतरीन ऑलराउंडर

मोहम्मद नबीबख्श को अगर पीकेएल इतिहास का सबसे सफल विदेशी ऑलराउंडर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। सातवें सीजन में बंगाल वॉरियर्स को चैंपियन बनाने में उनका काफी बड़ा योगदान है। नबीबख्श एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो रेडिंग और डिफेंस दोनों ही डिपार्टमेंट में मैच जिताने की क्षमता रखते हैं। बीते सीजन उन्होंने कई बार सुपर टैकल करके टीम को ऑल आउट होने से बचाया था। उनकी ये स्किल काफी खास है। इसके अलावा रेडिंग में भी वो अहम मौकों पर प्वॉइंट लाने में माहिर हैं। उनके आने से पुनेरी पलटन को रेडिंग और डिफेंस दोनों में ही एक भरोसेमंद प्लेयर मिल गया है।

टीम का कमजोर पक्ष

रेडिंग में अनुभव की कमी

पुनेरी पलटन ने डिफेंस तो काफी अनुभवी और मजबूत बनाया है लेकिन रेडिंग में उन्होंने यंग प्लेयर्स पर ही भरोसा जताया है। असलम ईनामदार, मोहित गोयत और पंकज मोहिते को टीम ने अपने साथ बरकरार रखा है। असलम ईनामदार ने बीते सीजन काफी प्रभावित किया था और टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले खिलाड़ी थे। मोहित गोयत भी एक बेहतरीन रेडर हैं। हालांकि इन सबके बावजूद पुनेरी पलटन के डिफेंस में अनुभव की कमी है। अगर इन खिलाड़ियों का फॉर्म उतना अच्छा नहीं रहा या फिर ये इंजरी का शिकार हुए तो टीम के पास ऐसा कोई रेडर नहीं है जो लीड कर सके। इसी वजह से इन खिलाड़ियों के ऊपर काफी ज्यादा दबाव भी रहेगा। बीते सीजन नितिन तोमर और राहुल चौधरी टीम में थे, लेकिन इस बार ये दोनों ही खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा नहीं हैं।

इन खिलाड़ियों पर होंगी निगाहें

फजल अत्राचली के ऊपर सबसे ज्यादा निगाहें होंगी। उनके ऊपर काफी बड़ा दारोमदार होगा और टीम को उनसे करिश्माई प्रदर्शन की उम्मीद होगी। इसके अलावा मोहम्मद नबीबख्श, असलम ईनामदार, पंकज मोहिते और मोहित गोयत के ऊपर भी सबकी नजरें होंगी। मोहम्मद नबीबख्श के आने से टीम का कॉम्बिनेशन काफी शानदार हो गया है।

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