प्रो कबड्डी लीग : सातवें सीजन में खेले गए टॉप पांच मुकाबले
(Courtesy : pkl)
लीग का अंतिम सीजन फैंस के लिए अब तक का सबसे ज्यादा रोचक रहा।
प्रो कबड्डी लीग के सातवें सीजन में बंगाल वॉरियर्स के सिर जीत का ताज सजा और उन्होंने पहली बार दिग्गजों से सजी दबंग दिल्ली को फाइनल मुकाबले में मात दी। यूं तो सातवां सीजन कई दमदार टक्करों से भरा रहा, लेकिन कुछ मुकाबले ऐसे थे, जिनकी छाप फैंस के दिलों पर छप गई है।
ऐसे ही पांच महामुकाबलों की याद आपको फिर से दिलवा रहे हैं:
5. बेंगलुरु बुल्स 40-39 पटना पाइरेट्स
प्रदीप नरवाल की चार पॉइंट्स वाली घातक रेड ने पटना पाइरेट्स को मुकाबले की शुरुआत में ही 17-9 की निर्णायक बढ़त दिला दी थी। हालांकि बेंगलुरु बुल्स ने आखिरी तक हार नहीं मानी और पवन सेहरावत के नेतृत्व में कड़ी मशक्कत करते हुए मुकाबले में वापसी की।
इस मुकाबले में प्रदीप नरवाल की आक्रामकता और उनकी कलाबाजियों ने एक बार फिर बाजी पलटी और मुकाबले के आखिरी लम्हों में उनकी दो पॉइंट लाने वाली रेड ने बेंगलुरु बुल्स का खेल खत्म कर दिया। इसी मैच में पवन भी 500 रेड पॉइंट्स के आंकड़े को पार कर गए थे।
4. दबंग दिल्ली 34-33 तेलुगु टाइटंस
यूं तो डेब्यू सीजन होने के चलते तेलुगु टाइटंस की नजर सिद्धार्थ देसाई पर थी कि वो कुछ कमाल कर दिखाएं, लेकिन ये कमाल उनके बड़े भाई सूरज देसाई ने कर दिखाया और सुर्खियों में आ गए। सूरज देसाई ने इस मुकाबले में 18 पॉइंट्स अपनी टीम के लिए हासिल किए।
सेकंड हाफ में चार पॉइंट्स की उनकी सुपर रेड ने तेलुगु टाइटंस को मुकाबले में दबंग दिल्ली के करीब ला दिया था, लेकिन मुकाबला आखिरकार दबंग दिल्ली ने ही जीता. उनकी जीत का मुख्य कारण थे नवीन कुमार, जिन्होंने अपनी टीम के लिए उस मुकाबले में 14 पॉइंट्स हासिल किए थे।
3. तमिल थलाइवास 35-33 जयपुर पिंक पैंथर
शानदार सुपर 10 के साथ अजीत कुमार ने अपनी टीम को एक यादगार जीत दिलाई। ये जीत थलाइवास के लिए इसलिए भी खास थी क्योंकि प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब तमिल थलाइवास ने जयपुर पिंक पैंथर को हराया हो।
दीपक हुड्डा की टीम मुकाबले के पहले हाफ में दो बार ऑल आउट की कगार तक पहुंच गई थी। 33-34 से हारने वाली पिंक पैंथर्स के पास मुकाबले के आखिरी समय में बाजी पूरी तरह पलटने का मौका था, लेकिन नीलेश सालुंके की एक गलती के कारण उन्हें मैच गंवाना पड़ा।
2. बंगाल वॉरियर्स 25-25 गुजरात फॉर्च्यूनजाइंट्स
हाफ टाइम के दौरान बंगाल वॉरियर्स मुकाबले में दो पॉइंट्स की लीड पर थे, लेकिन सेकंड हाफ में सुनील कमार की टीम ने शानदार वापसी की। ये कांटे का मुकाबला आखिरी मिनट तक चला और बंगाल वॉरियर्स के कप्तान मनिंदर सिंह ने किसी तरह टीम को ये मुकाबला हारने से बचा लिया। 23-25 से पिछड़ने के बाद पेनल्टी रेड में दो पॉइंट्स लाते हुए उन्होंने मुकाबला टाई करवा दिया और बंगाल वॉरियर्स हारने से बच गए।
1. बेंगलुरु बुल्स 48-45 यूपी योद्धा
यूपी योद्धा के पास मुकाबले के पहले हाफ में 11 पॉइंट्स की लीड थी और पूरा खेल उनके कंट्रोल में था। हालांकि इस मुकाबले में पवन सेहरावत ने यूपी योद्धा के हाथ से कंट्रोल और मुकाबला दोनों छीन लिया. उनने इस निर्णायक मुकाबले में 20 पॉइंट्स हासिल किए थे।
पहले हाफ में उनकी दो सुपर रेड्स के कारण दोनों टीमों के बीच चार पॉइंट्स का अंतर कम हो गया था। खेल में एक और ट्विस्ट बजर रेड के दौरान आया, जब सुरेंदर गिल ने यूपी योद्धा को जरूरी पॉइंट दिलवा दिया और खेल एक्स्ट्रा टाइम के लिए खिंच गया। हालांकि ये एक्स्ट्रा टाइम पूरी तरह से पवन सेहरावत के पाले में रहा और उन्होंने शानदार खेल दिखाते हुए टीम को जीत और सेमीफाइनल का टिकट दिलवा दिया।
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