कबड्डी नहीं खेलना चाहते थे रोहित कुमार, एथलेटिक्स में जाने की कर ली थी तैयारी
(Courtesy : pkl)
बेंगलुरु बुल्स के स्टार रेडर को बचपन में एक्टिंग का भी बहुत शौक था।
प्रो कबड्डी लीग के तीसरे सीजन में डेब्यू करने के बाद से रेडर रोहित कुमार ने हर सीजन के साथ खुद को और बेहतर खिलाड़ी साबित किया है। अपने डेब्यू सीजन में उन्होंने पटना पाइरेट्स को पहला खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी और मोस्ट वैल्यूएबल खिलाड़ी (एमवीपी) बने थे।
इसके बाद साल 2017 में बेंगलुरु बुल्स से जुड़ने के बाद से उन्होंने वहां भी कमाल का प्रदर्शन जारी रखा। बतौर कप्तान छठे सीजन में उन्होंने टीम को खिताब जिताया। वह साल 2016 में साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल विजेता टीम का हिस्सा थे।
प्रो कबड्डी के इंस्टाग्राम लाइव चैट शो, 'बियॉन्ड द मैट' में बात करते हुए रोहित कुमार ने कहा कि अगर कबड्डी से नहीं जुड़ते तो शायद एक्टर बनने की कोशिश करते या एथलेटिक्स में अपनी किस्मत आजमाते।
उन्होंने अपने कबड्डी के सफर के बारे में बात करते हुए बताया, "बचपन में मुझे खेलों में कोई दिलचस्पी नहीं थी। गांव के मेरे सीनियर हालांकि, कबड्डी खेला करते थे। मैंने राकेश कुमार को कुछ अन्य लोगों के साथ खेलते देखा और इसने मुझे कबड्डी खेलने के लिए प्रेरित किया। मेरे पिता ने भी कुछ समय के लिए कबड्डी खेल चुके थे, लेकिन वह इसे लंबे समय तक जारी नहीं रखा पाए क्योंकि वह दिल्ली पुलिस में शामिल हो गए। वह चाहते थे कि मैं कबड्डी खेलूं। वह अकसर मुझे राकेश और मंजीत के साथ हमारे गांव में मैच देखने के लिए ले जाते थे।"
रोहित कुमार कबड्डी को लेकर शुरुआत में बहुत गंभीर नहीं थे और इसी बीच वह कई खेलो में हिस्सा लेते रहे। रोहित ने कहा, "मैंने सोचा कि अगर मैं राकेश कुमार जैसा बन जाऊं, तो अच्छा रहेगा। मैंने यही सोचकर कबड्डी की शुरुआत की लेकिन बीच-बीच में बाकी खेल भी खेलता रहा। मैंने एथलेटिक्स खेला और टीम के खेल के बजाय व्यक्तिगत खेल में भाग लेने के बारे में सोचा। मैं 100 मीटर, 200 मीटर, हाई जंप और लॉन्ग जंप में अच्छा था।"
उन्होंने पिता की सलाह के बाद कबड्डी को गंभीरता से लेना शुरू किया। रोहित कुमार ने कहा, "मैंने कबड्डी को अपनाने का फैसला किया क्योंकि मैंने खेल को करीब से समझा और साथ ही मेरे पिता ने भी मुझे सलाह दी की मैं कबड्डी में अपना ज्यादा समय दूं और इसी में करियर बनाऊं। धीरे-धीरे मुझे राज्य की टीम में खेलने का मौका मिला और मैंने इसका आनंद लेना शुरू कर दिया। किट बैग मिलने पर मैं वास्तव में बहुत खुश था। जब मैंने दिल्ली की टीम के ट्रेनिंग गियर को पहना, तभी मैंने भारत की जर्सी पहनने का भी फैसला कर किया।"
एक्टर बनने की इच्छा के कारण ही रोहित हमेशा स्टाइलिश अवतार में दिखते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, "मैं हमेशा स्टाइलिश दिखना चाहता हूं और इसके लिए वह खुद को खास तरह से तैयार करते हैं। मैं एक नंबर का शॉपाहॉलिक हूं और मुझे ब्रैंडेड कपड़े, शूज और घड़ियों का शौक है।"
वह कहते हैं कि वह जितनी भी शॉपिंग क्यों न कर लें उनके लिए हमेशा कम ही पड़ती है। यही वजह है कि उनके घरवाले उनके अकाउंट में ज्यादा पैसा नहीं रहने देते।
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