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कबड्डी न्यूज

पीकेएल 5: पटना पाइरेट्स ने लगातार तीसरी बार टाइटल जीतकर रचा था इतिहास

Published at :February 16, 2023 at 7:07 PM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


राम मेहर सिंह की अगुवाई में टीम ने लगाई ख़िताब की हैट्रिक

प्रो कबड्डी लीग की लोकप्रियता पहले सीजन के बाद लगातार बढ़ती चली गई और पांचवें सीजन में आकर ये टूर्नामेंट और भी बड़ा हो गया। पहले इसमें आठ टीमें खेलती थीं लेकिन पांचवें सीजन में चार और टीमें इसमें जुड़ गईं और पीकेएल में कुल टीमों की संख्या 12 हो गई। तमिल थलाइवाज, हरियाणा स्टीलर्स, यूपी योद्धाज और गुजरात जायंट्स की टीमों को पीकेएल में जोड़ा गया। पांचवें सीजन के फॉर्मेट को भी चेंज किया गया और ज्यादा टीमें होने की वजह से दो पूल बनाए गए। पहले के सीजन में सभी टीमें एक दूसरे से दो-दो बार लीग स्टेज में खेलती थीं। हालांकि चार नई टीमें आने के बाद अब एक टीम को 14 की बजाय 22 मुकाबले खेलने थे। पटना पाइरेट्स की टीम ने पांचवें सीजन में भी अपना दबदबा कायम रखा और लगातार तीसरी बार ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया।

पाइरेट्स ने फाइनल मुकाबले में गुजरात जायंट्स की टीम को हराया जिनका ये पहला ही सीजन था। मनप्रीत सिंह जो इससे पहले तक पटना पाइरेट्स की टीम में एक प्लेयर के तौर पर टाइटल जीत चुके थे, वो इस सीजन गुजरात जायंट्स के कोच थे। राम मेहर सिंह पहले कोच बने जिन्होंने पीकेएल का टाइटल दो बार जीता हो। इसके अलावा हर एक लेग के लिए ओपनिंग सेरेमनी भी अलग-अलग हुई थी।

ऑक्शन

पांचवें सीजन के ऑक्शन के दौरान कुल 46.99 करोड़ रुपए टीमों ने खर्च किए थे। ये पिछली बार के ऑक्शन से लगभग चार गुना ज्यादा था। टीमों की संख्या बढ़ने की वजह से ऑक्शन के पैसों में भी इजाफा हुआ। नितिन तोमर इस सीजन के सबसे महंगे प्लेयर थे और उन्हें यूपी योद्धा ने 83 लाख की रकम में खरीदा था। वहीं विदेशी प्लेयर्स में बंगाल वॉरियर्स ने साउथ कोरिया के जैन कुंग ली को 80.30 लाख में रिटेन किया था।

टॉप रेडर्स

परदीप नरवाल - 26 मैचों में 369 रेड प्वॉइंट

पीकेएल के पांचवें सीजन में परदीप नरवाल ने इतिहास रच दिया था। उन्होंने सिर्फ 26 मैचों में 369 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे और पीकेएल के एक सीजन में 300 रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले पहले रेडर बने थे। इससे पहले के चार सीजन में कोई भी रेडर 200 रेड प्वॉइंट भी नहीं क्रॉस कर पाया था लेकिन परदीप नरवाल ने 300 से ज्यादा प्वॉइंट लाकर बड़ा कारनामा किया था। परदीप नरवाल का औसत 14 से भी ऊपर का था और इसी वजह से पटना ने एक और बार ट्रॉफी अपने नाम की।

रोहित कुमार - 22 मैचों में 219 रेड प्वॉइंट

रोहित कुमार इस सीजन बेंगलुरू बुल्स का हिस्सा थे और उनके लिए 219 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। यही वजह थी कि बेंगलुरू बुल्स ने छठे सीजन के लिए उन्हें अपना कप्तान बना दिया था।

अजय ठाकुर - 22 मैचों में 213 रेड प्वॉइंट

बेंगलुरू बुल्स और पुनेरी पलटन के लिए खेलने के बाद अजय ठाकुर पांचवें सीजन में तमिल थलाइवाज की टीम का हिस्सा बने। उन्होंने इस सीजन काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया और 200 से ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल किए। हालांकि उनकी टीम का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा और वो प्वॉइंट्स टेबल में आखिरी पायदान पर रही।

टॉप डिफेंडर्स

सुरेंदर नाडा - 21 मैचों में 80 प्वॉइंट

पीकेएल के बेहतरीन डिफेंडर्स में से एक सुरेंदर नाडा ने पांचवें सीजन में हरियाणा स्टीलर्स के लिए काफी बेहतरीन खेल दिखाया था। ये उनका सबसे बेस्ट सीजन साबित हुआ और उन्होंने 21 मैचों में 80 प्वॉइंट हासिल किए थे। नाडा अपने एंकल होल्ड के लिए मशहूर हैं और मोहित छिल्लर के साथ उनका कॉम्बिनेशन पीकेएल में काफी मशहूर था।

सुरजीत सिंह - 24 मैचों में 76 टैकल प्वॉइंट

कवर डिफेंडर सुरजीत सिंह ने बंगाल वॉरियर्स की तरफ से खेलते हुए 76 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। टीम को प्लेऑफ तक पहुंचाने में उनका काफी अहम योगदान रहा था। हालांकि उनकी टीम सेमीफाइनल में पटना पाइरेट्स से हार गई थी।

विशाल भारद्वाज - 22 मैचों में 71 टैकल प्वॉइंट

विशाल भारद्वाज इस सीजन काफी युवा थे लेकिन उन्होंने काफी बेहतरीन खेल दिखाया था। उन्होंने 71 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। हालांकि उनकी टीम तेलुगु टाइटंस प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई थी।

सुपर 10

परदीप नरवाल – 19

रोहित कुमार – 12

अजय ठाकुर – 12

हाई-फाइव

सुरेंदर नाडा – 5

सुरजीत सिंह – 9

गिरीश एर्नाक – 5

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