एशियन कबड्डी चैंपियनशिप 2023 के भारतीय दल में परदीप नरवाल समेत इन सात बेहतरीन खिलाडियों को नहीं मिली जगह
इनमें से कुछ नाम काफी चौंकाने वाले हैं।
11वें एशियन कबड्डी चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम घोषित हो चुकी है। इस टीम में कई युवा खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। अर्जुन देशवाल, नवीन कुमार, असलम ईनामदार, नितेश कुमार, विशाल भारद्वाज, मोहित गोयत, सुनील कुमार और प्रवेश भैंसवाल जैसे खिलाड़ियों को भारतीय टीम में शामिल किया गया है। हालांकि चौंकाने वाली बात ये है कि कई दिग्गज खिलाड़ी ऐसे रहे जिन्हें इस टीम में जगह नहीं मिली है। इनमें से कुछ प्लेयर अपने आपको इंटरनेशनल लेवल पर साबित कर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें दरकिनार कर दिया गया।
हम आपको उन सात खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं जिन्हें एशियन कबड्डी चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया।
7.राहुल चौधरी
'शो' मैन राहुल चौधरी को भी इस टीम में जगह नहीं मिली है। राहुल चौधरी भारतीय कबड्डी के बड़े सितारे हैं। वो अभी तक कई इंटरनेशनल मुकाबले खेल चुके हैं और एशियन गेम्स और वर्ल्ड कप समेत कई टूर्नामेंट्स में भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। हालांकि इस बार के एशियन कबड्डी चैंपियनशिप के लिए उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई है। इसकी वजह उनका खराब फॉर्म हो सकता है। पीकेएल के पिछले कुछ सीजन से वो बिल्कुल भी लय में नहीं हैं और शायद यही वजह है कि उन्हें टीम से ड्रॉप करके युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया है।
6.दीपक हूडा
दीपक हूडा भारतीय टीम के कप्तान रह चुके हैं। वो 2016 से ही भारतीय टीम का हिस्सा थे और 2016 के कबड्डी वर्ल्ड कप टीम में भी वो थे। टीम को गोल्ड मेडल जिताने में उनका अहम योगदान था। 2018 के दुबई कबड्डी मास्टर्स में भी टीम ने गोल्ड मेडल जीता था और दीपक हूडा उस टीम में भी थे। उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम ने साउथ एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था। वो दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक हैं।
हालांकि पीकेएल में पिछले कुछ सीजन से उनका भी फॉर्म उतना अच्छा नहीं रहा था। ऐसे में उनको भी इस टीम में जगह नहीं मिली है, जो काफी चौंकाने वाली है, क्योंकि उनके पास काफी अनुभव है।
5.भरत
पीकेएल में बेंगलुरू बुल्स के लिए युवा रेडर भरत का परफॉर्मेंस जिस तरह का रहा था, उसे देखते हुए ये कहा जा रहा था कि उनका चयन इंडियन टीम में जरूर होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भरत ने 23 मैचों में 279 प्वॉइंट हासिल किए थे और लीग के दूसरे सबसे सफल रेडर थे। हालांकि इसके बावजूद इस टीम में उन्हें जगह नहीं मिली। असलम ईनामदार और मोहित गोयत जैसे रेडर्स को ज्यादा तरजीह दिया गया और भरत टीम में जगह बनाने से चूक गए।
4.मनिंदर सिंह
मनिंदर सिंह एक ऐसे रेडर हैं जो अकेले दम पर किसी भी परिस्थिति से मैच जिताने की क्षमता रखते हैं। प्रो कबड्डी लीग में बंगाल वॉरियर्स की सफलता में उनका सबसे बड़ा योगदान रहा है। वो पिछले कई सीजन से बेहतरीन फॉर्म में हैं। 9वें सीजन में मनिंदर सिंह ने अपनी टीम के लिए 21 मैच खेले और 238 रेड प्वॉइंट हासिल किए। ऐसे में मनिंदर को ड्रॉप करना काफी चौंकाने वाला फैसला माना जा सकता है। फैंस को सबसे ज्यादा हैरानी मनिंदर सिंह को ड्रॉप करने से हुई है। हर किसी को लग रहा था कि उन्हें जरूर इस टीम में जगह मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
3.नरेंद्र कंडोला
पीकेएल के 9वें सीजन के दौरान नरेंद्र कबड्डी का एक नया सितारा बनकर उभरे। पवन सेहरावत की इंजरी के बाद जिस तरह से उन्होंने तमिल थलाइवाज के रेडिंग डिपार्टमेंट को लीड किया वो काबिलेतारीफ रहा। उन्होंने 23 मैचों में 243 रेड प्वॉइंट हासिल किए और सीजन के चौथे सबसे बेस्ट रेडर साबित हुए। नरेंद्र ने डू और डाई सिचुएशन में 40 प्वॉइंट लिए और ये दिखाता है कि वो दबाव में भी बेहतर खेलना जानते हैं। वो डू और डाई रेड में दूसरे सबसे ज्यादा प्वॉइंट लेने वाले रेडर रहे। हालांकि इसके बावजूद एशियन कबड्डी चैंपियनशिप की टीम में उनका नाम नहीं है।
2.अंकुश
अंकुश ने पीकेएल के 9वें सीजन में अपना डेब्यू किया और पहले ही सीजन में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। वो सीजन के सबसे बेस्ट डिफेंडर साबित हुए और सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट हासिल किए। अंकुश ने कुल 24 मैच खेले और इस दौरान 89 टैकल प्वॉइंट हासिल किए। जयपुर पिंक पैंथर्स को 9वें सीजन का टाइटल जिताने में उनका अहम योगदान रहा। हालांकि इसके बावजूद एशियन चैंपियनशिप के लिए उनको नजरंदाज कर दिया गया और इसकी बजाय अनुभवी प्लेयर्स को ज्यादा महत्व दिया गया।
1.परदीप नरवाल
इस टीम में परदीप नरवाल का नाम ना होना सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रहा। इसकी वजह ये है कि परदीप ना केवल पीकेएल बल्कि डोमेस्टिक लेवल पर भी काफी ज्यादा परफॉर्म कर चुके हैं। 2018 के कबड्डी मास्टर्स चैंपियनशिप में वो भारतीय टीम का हिस्सा थे। वहीं 2018 के एशियन गेम्स में भी वो भारतीय टीम में थे।
परदीप नरवाल पीकेएल इतिहास में सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट लेने वाले खिलाड़ी हैं। उनके आस-पास भी कोई प्लेयर नहीं है। हालांकि इसके बावजूद उन्हें एशियन कबड्डी चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया। इसकी वजह शायद पिछले दो सीजन से पीकेएल में उनका उस तरह से परफॉर्म नहीं कर पाना है जिसके लिए वो जाने जाते हैं।
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