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कबड्डी न्यूज

PKL 10: बंगाल वारियर्स टीम प्रोफाइल

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Published at :October 30, 2023 at 11:53 PM
Modified at :October 30, 2023 at 11:53 PM
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सातवें सीजन की चैंपियन अपने रेडिंग पर ज्यादा डिपेंड करेगी।

मनिंदर सिंह की अगुवाई में बंगाल वारियर्स एक और पीकेएल सीजन के लिए पूरी तरह तैयार है। टीम का प्रदर्शन पिछले सीजन अच्छा नहीं रहा था और वो चाहेंगे कि इस बार PKL 10 में ना केवल टॉप टीमों में जगह बनाई जाए, बल्कि टाइटल भी अपने नाम किया जाए। बंगाल वारियर्स ने सातवें सीजन में पीकेएल का खिताब जीता था। हालांकि उसके बाद से अभी तक टीम का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा है। अगर बात करें तो बंगाल वारियर्स उस हिसाब से खेल नहीं दिखा पाई है।

बंगाल वारियर्स ने आगामी सीजन के लिए मनिंदर सिंह को दोबारा हासिल कर लिया है। मनिंदर को टीम ने रिलीज कर दिया था और उनके लिए ऑक्शन में जमकर बोली भी लगी थी लेकिन बंगाल वारियर्स ने एफबीएम कार्ड का प्रयोग करते हुए उन्हें दोबारा वापस हासिल कर लिया।

सीजन के आगाज से पहले हम आपको बताते हैं कि बंगाल वारियर्स का मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष क्या है।

टीम का मजबूत पक्ष

मनिंदर सिंह की वजह से रेडिंग डिपार्टमेंट काफी जबरदस्त

बंगाल वारियर्स के लिए उनका सबसे मजबूत पक्ष उनका रेडिंग डिपार्टमेंट है। मनिंदर सिंह के लिए बंगाल ने एफबीएम कार्ड का प्रयोग कर लिया था और उनके टीम में बने रहने से रेडिंग डिपार्टमेंट टीम का काफी बेहतरीन हो गया है। मनिंदर सिंह ने पिछले सीजन अपनी टीम के लिए 21 मैच खेले थे और 238 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। मनिंदर सिंह ऐसे प्लेयर हैं जो अपने दम पर मैच जिताने का माद्दा रखते हैं और इसी वजह से उनका टीम में होना काफी बेहतरीन है।

मनिंदर के अलावा रेडिंग में श्रीकांत जाधव भी मौजूद हैं और वो भी काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने पिछले सीजन 21 मैचों 123 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे और कप्तान मनिंदर सिंह का बेहतरीन साथ दिया था। ऐसे में बंगाल वारियर्स का रेडिंग डिपार्टमें इन दोनों दिग्गजों की वजह से काफी बेहतरीन दिखाई दे रहा है।

टीम का कमजोर पक्ष

डिफेंस में टीम को आ सकती हैं दिक्कतें

बंगाल वारियर्स के पास इस बार डिफेंस में ज्यादा ऑप्शन नहीं हैं और ये टीम को काफी महंगा पड़ सकता है। शुभम शिंदे, वैभव गरजे और नितिन रावल जैसे ही खिलाड़ी ऐसे हैं जिनके ऊपर भरोसा जताया सकता है लेकिन इसके अलावा बाकी प्लेयर्स के पास उतना ज्यादा अनुभव नहीं है।

अन्य डिफेंडर्स की अगर बात करें तो अक्षय राठी, आदित्य शिंदे, श्रेयस उम्बारदंड, दीपक शिंदे, अक्षय बोडा और अक्षय भोईर जैसे खिलाड़ी डिफेंस का हिस्सा हैं। हालांकि इन खिलाड़ियों पर उतना भरोसा नहीं जताया जा सकता है और इसी वजह से बंगाल वारियर्स को इस बार डिफेंस में दिक्कतें आ सकती हैं। पिछली बार गिरीश एर्नाक टीम का हिस्सा थे और इस बार उनकी कमी टीम को खल सकती है।

इन खिलाड़ियों पर होंगी निगाहें

बंगाल वारियर्स की टीम में सबसे ज्यादा निगाहें कप्तान मनिंदर सिंह के ऊपर ही रहने वाली हैं। जब बंगाल वारियर्स ने पीकेएल के सातवें सीजन का टाइटल जीता था, तो उसमें मनिंदर सिंह का योगदान सबसे ज्यादा रहा था। बंगाल वारियर्स ने उनके लिए एफबीएम कार्ड का प्रयोग इसलिए ही किया था कि वो रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा प्वॉइंट लाकर टीम को मैच जिताएं। मनिंदर सिंह भी चाहेंगे कि इस बार अपने पुराने परफॉर्मेंस को दोहराया जाए।

मनिंदर के अलावा एक और खिलाड़ी नितिन रावल पर काफी निगाहें हो सकती हैं। वो ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं और हाल ही में एशियन गेम्स में वो भारतीय टीम का हिस्सा थे। इतने बड़े लेवल पर खेलने के बाद उनका कॉन्फिडेंस काफी ज्यादा बढ़ गया होगा और ऐसे में नितिन रावल काफी बेहतरीन साबित हो सकते हैं। वहीं डिफेंस में शुभम शिंदे से भी काफी ज्यादा उम्मीदें होंगी, क्योंकि पिछले सीजन उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया था।

Rahul Gupta
Rahul Gupta

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