PKL 10: पांच बड़ी बातें जो प्लेऑफ मुकाबलों के बाद सामने आई
कई सारी चीजें पीकेएल में पहली बार हुई हैं।
पीकेएल के 10वें सीजन (PKL 10) में प्लेऑफ के मैच खत्म हो चुके हैं। सेमीफाइनल मुकाबला भी संपन्न हो चुका है और अब बारी फाइनल की है। इस सीजन के प्लेऑफ में दबंग दिल्ली, गुजरात जायंट्स, हरियाणा स्टीलर्स और पटना पाइरेट्स ने जगह बनाई थी। पुनेरी पलटन और जयपुर पिंक पैंथर्स ने डायरेक्ट सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। एलिमिनेटर मैच में हरियाणा स्टीलर्स ने गुजरात जायंट्स को और पटना पाइरेट्स ने दबंग दिल्ली को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
इसके बाद सेमीफाइनल मैच में पुनेरी पलटन ने पटना पाइरेट्स को हराकर उनका चौथी बार चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया। जबकि दूसरे सेमीफाइनल मैच में हरियाणा स्टीलर्स ने जयपुर पिंक पैंथर्स को हराकर इतिहास रच दिया। हरियाणा स्टीलर्स की टीम पहली बार फाइनल में पहुंची है। प्लेऑफ मुकाबलों के दौरान पांच बड़ी चीजें निकलकर सामने आई, आइए हम आपको बताते हैं कि वो दिलचस्प चीजें कौन-कौन सी हैं।
ये पांच चीजें PKL 10 के प्लेऑफ के बाद सामने आई:
1. पीकेएल को नया चैंपियन मिलना तय
पीकेएल सीजन-10 के फाइनल में इस बार पुनेरी पलटन और हरियाणा स्टीलर्स ने जगह बनाई है। इसी वजह से इस बार एक नई टीम का चैंपियन बनना तय हो गया है। पुनेरी पलटन और हरियाणा स्टीलर्स दोनों ही टीमों ने अभी तक एक भी बार पीकेएल का टाइटल नहीं जीता है। पुनेरी पलटन ने 9वें सीजन के दौरान फाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन खिताबी जंग के दौरान उन्हें जयपुर पिंक पैंथर्स से हार का सामना करना पड़ा था। अब उनके पास एक बार फिर से मौका है कि वो इस बार चैंपियन बनें।
वहीं दूसरी तरफ हरियाणा स्टीलर्स का पीकेएल इतिहास में ये अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। टीम इससे पहले सेमीफाइनल तक नहीं पहुंची थी लेकिन इस बार फाइनल में जगह बना ली है। ऐसे में पुनेरी पलटन और हरियाणा स्टीलर्स में से फाइनल में कोई भी जीते, प्रो कबड्डी लीग को एक नई चैंपियन टीम मिलना तय है।
2. हरियाणा स्टीलर्स ने गुजरात जायंट्स और जयपुर पिंक पैंथर्स को हराकर चौंकाया
मनप्रीत सिंह की अगुवाई में हरियाणा स्टीलर्स ने इस पीकेएल सीजन वो कारनामा कर दिखाया जिसकी उम्मीद शायद किसी ने नहीं की होगी। टीम ने 5वें पायदान पर रहते हुए किसी तरह प्लेऑफ में जगह बनाई थी। एलिमिनेटर मुकाबले में उनके सामने गुजरात जायंट्स की टीम थी, जिन्हें उन्होंने एकतरफा हरा दिया। गुजरात के खिलाफ हरियाणा ने 42-25 के अंतर से बड़ी जीत हासिल की। किसी को उम्मीद नहीं थी कि हरियाणा एकतरफा मुकाबले में इस तरह से गुजरात को हरा देगी।
वहीं सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद टीम ने इससे भी बड़ा कारनामा कर दिखाया। टीम ने टाइटल की प्रबल दावेदार मानी जा रही जयपुर पिंक पैंथर्स को भी हरा दिया। इस मैच से पहले शायद किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि पूरे सीजन जबरदस्त खेल दिखाने वाली जयपुर पिंक पैंथर्स को सेमीफाइनल मैच में इस तरह से हार का सामना करना पड़ेगा। हरियाणा ने अपने मजबूत डिफेंस और बेहतरीन रेडिंग के दम पर जयपुर का लगातार दूसरी बार चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया।
3. अर्जुन देशवाल और आशु मलिक पर ज्यादा निर्भर होना उनकी टीमों को पड़ा भारी
अर्जुन देशवाल और आशु मलिक इस पीकेएल सीजन के दो सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले खिलाड़ी हैं। इन रेडर्स ने इस सीजन अकेले दम पर अपनी टीमों को जीत दिलाई और प्लेऑफ तक लेकर गए। यही चीज दबंग दिल्ली और जयपुर पिंक पैंथर्स को भारी पड़ गई। दबंग दिल्ली आशु मलिक पर काफी ज्यादा निर्भर थी और कुछ ऐसा ही हाल जयपुर पिंक पैंथर्स का भी था।
दबंग दिल्ली के कप्तान आशु ने एलिमिनेटर मैच में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 19 प्वॉइंट लिए लेकिन उन्हें बाकी रेडर्स का साथ नहीं मिला और टीम को हार का सामना करना पड़ा। वहीं सेमीफाइनल मैच में अर्जुन देशवाल ने भी 14 प्वॉइंट लिए लेकिन टीम के बाकी रेडर्स फ्लॉप रहे और इसी वजह से टीम को शिकस्त मिली। ऐसे में इन दोनों प्लेयर्स के ऊपर इनकी टीमों का ज्यादा डिपेंड होना भारी पड़ा गया।
4. परदीप नरवाल के बाद पटना पाइरेट्स को नॉकआउट्स में लगातार मिली हार
परदीप नरवाल के रहते पटना पाइरेट्स ने तीन बार पीकेएल का टाइटल जीता था। पटना ने तीसरे, चौथे और पांचवें सीजन का खिताब अपने नाम किया था और टीम को चैंपियन बनाने में परदीप नरवाल का योगदान काफी ज्यादा रहा था। हालांकि जबसे परदीप नरवाल पटना पाइरेट्स से यूपी योद्धा की टीम में गए हैं, तबसे टीम को नॉकआउट में एक बार भी जीत नहीं मिली है।
आठवें सीजन में टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन उन्हें दबंग दिल्ली से हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें सिर्फ एक प्वॉइंट के अंतर से हार मिली थी और इसी वजह से ये काफी दिल तोड़ देने वाला था। वहीं अब इस सीजन टीम को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इससे पता चलता है कि टीम को एक स्टार रेडर की कमी खली है।
5. अर्जुन देशवाल और आशु मलिक के बराबर रेड प्वॉइंट
पीकेएल के 10वें सीजन के दौरान अर्जुन देशवाल और आशु मलिक ने काफी जबरदस्त प्रदर्शन किया। ये दोनों खिलाड़ी अपने दम पर अपनी-अपनी टीमों को नॉकआउट तक लेकर गए। पूरे सीजन के दौरान ग्रीन बैंड की रेस को लेकर इन्हीं दोनों खिलाड़ियों के बीच रेस चलती रही। कभी अर्जुन देशवाल आगे निकल जाते तो कभी आशु मलिक आगे निकल जाते। हालांकि आखिर में आकर दोनों के ही रेड प्वॉइंट बराबर रहे। अर्जुन देशवाल और आशु मलिक दोनों ने ही 23-23 मैचों में 276 रेड प्वॉइंट हासिल किए। पीकेएल इतिहास में ये पहली बार है जब टॉप-2 रेडर्स के प्वॉइंट बराबर रहे हैं।
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